बलरामपुर // मंगलवार को जनपद बलरामपुर के ब्लाक गैसड़ी, पचपेड़वा और तुलसीपुर के मुुख्यसेविकाओं को तुलसीपुर तहसील सभागार में IMSAM प्रोजेक्ट के अन्तर्गत समुदाय आधारित सैम बच्चों के प्रबंधन के बारे में प्रशिक्षण दिया गया।
जिसमें कोविड-19 के गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए 19 मुख्यसेविकाओं ने प्रतिभाग किया। अभी तक पूरे प्रदेश में सैम बच्चो का प्रबंधन केवल NRC (पोषण पुर्नवास केंद्रों )में किया जाता था किन्तु अब IMSAM कार्यक्रम के अंतर्गत बिना चिकित्सीय जटिलता वाले सैम (सीवियर एक्यूट मॉल न्यूट्रिशन -गम्भीर तीव्र कुपोषण) बच्चो को समुदाय स्तर पर प्रबन्धन व फालोअप किया जाएगा।
प्रशिक्षण में निम्न बिन्दुओ पर प्रतिभागियों का क्षमता वर्धन किया गया-
√ कुपोषण क्या है एवं उसकी अवस्थायें,
√ सैम क्या है, उसका चिन्हांकन व प्रबंधन
√ तकनीकी सत्र- वजन,आयु गणना, वृद्धि निगरानी, लम्बाई /उँचाई मापना, सैम चार्ट से सैम चिन्हांकन का डेमोंस्ट्रेशन किया गया।
√ ऊपरी आहार क्या है एवं खाद्य समूह।
√ खाने की गुणवत्ता को बढ़ाने के तरीकों को बताया गया।
इस प्रोजेक्ट में तकनीकी सहायता यूनिसेफ और पीरामल फाउंडेशन के द्वारा दिया जा रहा है। नेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर सैम चिल्ड्रेन (NCoE), नई दिल्ली से आए हुए विशेषज्ञ के द्वारा आज का प्रशिक्षण दिया गया।
उमेश चन्द्र तिवारी
बलरामपुर
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