उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा औद्योगिक उपयोग के लिए भूगर्भ जल निष्कर्षण हेतु गाइड लाइन जारी की गई है। इसके साथ ही यू0पी0 इन्वेस्टमेंट बोर्ड द्वारा उद्यमियों की भूगर्भ जल से संबधित कठिनाइयों के निराकरण हेतु आगामी 10 अक्टूबर को आनलाॅइन पोर्टल का शुभारम्भ किया जायेगा। इस पोर्टल को निवेश मित्र पोर्टल से भी जोड़ा जायेगा।
यह जानकारी अपर मुख्य सचिव, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास श्री आलोक कुमार ने आज यहां दी। उन्होंने बताया कि इन्वेस्ट यू0पी0 द्वारा उ0प्र0 भूगर्भ जल बोर्ड तथा औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ हालही मंे एक बैठक की गई, जिसमें यह तय किया गया कि सेन्ट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड द्वारा पूर्व में जारी एन0ओ0सी0 के नवीनीकरण हेतु आवेदन पत्रों का शीघ्र निस्तारण किया जाय। इस परिप्रेक्ष्य में जारी गाइड लाइन में स्पष्ट किया गया है कि 82 अतिदोहित तथा 47 क्रिटिकल विकास खण्डों को छोड़कर शेष स्थानों पर यू0पी0 इन्वेस्ट द्वारा भूगर्भ जल के उपयोग के लिए पोर्टल से एन0ओ0सी0 जारी की जायेगी। उन्होंने बताया कि अतिदोहित तथा क्रिटिकल विकास खण्डों में औद्योगिक इकाइयांे में पेयजल तथा आवासीय परिसरों के लिए पानी के संबंध में पोर्टल के माध्यम से प्रमाण-पत्र दिये जायेंगे। उन्होंने बताया कि अतिदोहित तथा क्रिटिकल विकास खण्डों में पूर्व से संचालित औद्योगिक इकाइयांे को सेट्रल ग्राउण्ड वाटर बोर्ड द्वारा दी गई एन0ओ0सी0 को प्रदेश स्तरीय बोर्ड द्वारा परिक्षण के उपरान्त पोर्टल माध्यम से नवीनीकृत किया जायेगा।
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि अतिदोहित तथा क्रिटिकल विकास खण्डों में नई औद्योगिक इकाइयों को एन0ओ0सी0 दिये जाने पर प्रदूषण नियंत्रण बार्ड तभी विचार करेगा, जब वे सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के पानी को रिसाइकि करने का प्रोजेक्ट प्रस्तुत करेंगे। अथवा उनके पास भूगर्भ जल के अलावा कोई अन्य श्रोत उपलब्ध होने के साथ ही पीने और आवासीय उपयोग हेतु जल के प्रयोग के लिए एन0ओ0सी0 की आवश्यकता न होने का प्रमाण-पत्र दिया जाय। उन्होंने बताया कि सीआईआई के प्रतिनिधि से अपेक्षा की गई है कि वे ऐसी औद्योगिक क्षेत्रों को चिन्हित करके अवगत जहां सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से जलापूर्ति के लिए पाइप लाइन की आवश्यकता है, ताकि यूपीसीडा के माध्यम कार्यवाही सुनिश्चित की जा सके।
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