उतरौला (बलरामपुर) ग्रामीणों को गांव में ही बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराये जाने को लेकर क्षेत्र में लाखों रुपये खर्च कर उप स्वास्थ्य केन्द्र बनाया गया था।जिम्मेदारों की अनदेखी व देख रेख के अभाव के चलते उप स्वास्थ्य केन्द्र बदहाल पड़ा है।
ग्रामीणों का कहना है कि काफी अर्से से मरम्मत कार्य न होने से भवन बदहाल है जिसके चलते ग्रामीण महिलाओं को टीकाकरण, प्रसव व अन्य स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं के लिए दस किलोमीटर का चक्कर काटना पड़ रहा है।क्षेत्र के इमलिया बकसरिया गांव में बना स्वास्थ्य उपकेन्द्र पर गंदगी का भरमार है दरवाजे खिड़की गायब हो गये हैं। जिससे आवारा पशुओं का आरामगाह बन गया है परिसर में चारो ओर झाड़ झंखांड़ं उगा हुआ है।केंद्र में लगे खिड़की दरवाजे टूट चुके हैं जिससे कमरों की सुरक्षा नहीं हो सकती। ग्रामवासियों ने बताया कि गंदगी व भवन जर्जर के कारण कोई भी स्वास्थ्य कर्मी अंदर बैठना नहीं चाहते हैं।यही हाल संझवल प्रेम नगर में बने स्वास्थ्य उपकेन्द्र का है केन्द्र के चारों ओर बड़े बड़े घास उगे हुए हैं और खिड़की दरवाजे सभी गायब हो चुके हैं पशुओं का रैन बसेरा बना हुआ है।
बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग गंभीर नहीं दिख रहा है केन्द्र में प्रसव, टीकाकरण सहित अन्य जरुरी स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पा रही है ।जिससे प्रसव पीड़ित महिलाओं को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र उतरौला जाना पड़ता है।
असगर अली
उतरौला
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