अंबेडकरनगर। नवरात्र के फलाहार में इस बार श्रद्धालुओं पर महंगाई की मार पड़ने वाली है। आलू से लेकर फलों तक के दाम आसमान छू रहे हैं। ऐसे में श्रद्धालुओं को इस बार फलाहार में जेब पर तगड़ी चपत लगना तय है। श्रद्धालुओं का कहना है कि शासन-प्रशासन को इस तरफ भी ध्यान देना चाहिए।
17 अक्तूबर से नवरात्र की शुरुआत हो रही है। मां दुर्गा के सभी नौ स्वरूपों की पूजा अर्चना में किसी भी प्रकार की कमी न रह जाए, इसे लेकर श्रद्धालुओं ने तैयारियां तेज कर दी हैं। पर्व को लेकर हो रही तैयारियों के बीच इस बार नवरात्र पर्व के फलाहार पर इस बार महंगाई की मार पड़ने जा रही है। आलू से लेकर लगभग सभी फलों के दाम आसमान छू रहे हैं। इससे पर्व के मौके पर नौ दिनों तक व्रत रखने वाले श्रद्धालुओं की जेब पर तगड़ी चपत लगेगी। नवरात्र पर्व के निकट आते ही सब्जियों व फलों के दाम में तेजी से वृद्धि हो रही है।
सब्जी दुकानदार रमेश मोर्य ने कहा कि आलू की तीन किस्में बाजार में बिक रही हैं। लाकर आलू पूर्व में जहां 35 से 38 रुपये प्रति किग्रा था, वहीं अब इसका दाम बढ़कर 40 से 45 रुपये प्रति किग्रा हो गया है। इसी प्रकार लाल पहाड़ी आलू का दाम भी 38 रुपये से बढ़कर 40 से 42 रुपये प्रति किग्रा, जबकि सफेद आलू मौजूदा समय में 30 से 35 रुपये प्रति किग्रा बिक रहा है। बीते दिनों इसका दाम 28 से 30 रुपये प्रति किग्रा था। इसके अलावा टमाटर 35 रुपये प्रति किग्रा, लौकी 20 रुपये प्रति किग्रा बिक रहा है।
फल व्यवसाई जितेंद्र गौड़ ने बताया कि सेब 75 रुपये प्रति किग्रा, जबकि केला 35 रुपये प्रति दर्जन बिक रहा है। नारियल 32 रुपये गोला, जबकि अनार 100 रुपये प्रति किलोग्राम बिक रहा है। आढ़ती व्यापार मंडल एसोसिएशन अध्यक्ष संजय तिवारी ने बताया कि सब्जी व फल के दाम में कुछ वृद्धि जरूर हुई है। हालांकि नवरात्र पर्व की तैयारियों पर इसका असर नहीं पड़ेगा।
नवरात्र पर्व के मौके पर फल व सब्जी के दाम में तेजी से वृद्धि हुई है। आसमान छू रहे दाम पर अंकुश लगाने के लिए शासन प्रशासन को गंभीरता दिखानी चाहिए। कुछ इस प्रकार की मांग श्रद्धालुओं ने उठाई। सत्यप्रभा व साक्षी ने कहा कि जब भी कोई पर्व निकट आता है, तो फल के दाम में वृद्धि हो जाती है।
पवित्र नवरात्र पर्व की शुरुआत होने वाली है। इससे पहले ही आलू से लेकर फल के दाम में तेजी से वृद्धि हो गई। इससे श्रद्धालुओं के जेब पर तगड़ी चपत लगेगी। महेंद्र कुमार व अनुराग ने कहा कि पर्व के मद्देनजर फलों व सब्जियों के दाम में वृद्धि न हो, इसके लिए एक ठोस कदम सरकार को उठाना चाहिए। भंडारण पर अंकुश लगाना चाहिए। साथ ही दाम का निर्धारण भी करना चाहिए।
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