दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रेस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) लागू हो चुका है, लेकिन नोएडा और ग्रेटर नोएडा में इसका असर नहीं दिख रहा है। यही कारण है कि शनिवार को भी देश के सबसे प्रदूषित शहरों की टॉप-5 सूची में दोनों शामिल रहे। 


ग्रेटर नोएडा तीसरे और नोएडा पांचवें स्थान पर रहा। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की तरफ से जारी बुलेटिन में शनिवार की शाम चार बजे तक ग्रेटर नोएडा का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 330 रहा, जबकि नोएडा का एक्यूआई 309 जारी किया गया। 
प्रदूषण के मामले में नोएडा देश में पांचवें स्थान पर रहा है। हालांकि, शाम के समय यहां एक बार एक्यूआई 350 के पार चला गया था। सीपीसीबी की टॉप-5 सूची में पहले नंबर पर कुरुक्षेत्र रहा जहां का एक्यूआई 348 रहा। दूसरे नंबर पर मुजफ्फरनगर एक्यूआई 341 और चौथे नंबर पर भिवाड़ी एक्यूआई 329 रहा। 
इधर, लोगों का कहना है कि ग्रेप में तमाम तरह की पाबंदी करने के बाद भी कोई असर नहीं है। प्रशासन और प्राधिकरण उच्च स्तर पर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। ग्रेप के नाम पर केवल खानापूर्ति की जा रही है। अगर यही हाल रहा तो हवा और बिगड़ेगी। 

नियमों का हो रहा उल्लंघन, कार्रवाई नाम की
जिले में ग्रेप के नियमों का उल्लंघन लगातार हो रहा है। जगह-जगह मिट्टी और निर्माण सामग्री खुले में पड़ी है जो हवा में उड़ रही है। वहीं बिल्डरों की निर्माणाधीन साइट पर मिट्टी की खुदाई में नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। 

शनिवार को भी किसान चौक के पास एक निर्माणाधीन साइट पर नियमों का उल्लंघन कर मिट्टी की खुदाई की जा रही थी। शहर में अभी भी कूड़ा जलाने पर रोक नहीं लगी है। जगह-जगह कूड़ा जलाया जा रहा है। ढाबों पर कोयलों का प्रयोग किया जा रहा है। विभाग रोजाना नाममात्र की कार्रवाई कर रहा है।

हिंदी-संवाद के लिए श्री अभिषेक शर्मा की रिपोर्ट

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