अम्बेडकरनगर
 पुलिस का काम कानून और व्यवस्था के तंत्र को सुधारना है न कि उसे बिगाड़ना। लेकिन पुलिस के संदिग्ध क्रियाकलापों से न केवल कानून और व्यवस्था की स्थिति बिगड़ती है, बल्कि जनता के बीच उसकी छवि भी धूमिल होती है।जिले में लगातार बढ़ रहे तरह तरह के अपराधों के लिए सिर्फ अपराधी ही जिम्मेदार नहीं हैं अपराधियों से ज्यादा अपराधों पर अंकुश लगाने वाली खाकी का अहम योगदान है छोटे से लेकर बड़े अपराध पर जितना ज्यादा पुलिस अंकुश लगाती है उससे कहीं ज्यादा अपराध करने के लिए प्रोत्साहित करने में भी पुलिस का अहम योगदान है ।
आज कई दिनों से पत्रकार वा उनका परिवार थाने का चक्कर लगा रहे थे मगर पुलिस बिपक्षी को उकसाती रही और पत्रकार के परिवार को कानून का सहारा लेने को कह रही थी फिर भी आज पत्रकार के पिता को आज मरवा भी दिया गया है। जिससे लेकर परिजनों में डर और दहशत का माहौल बना हुआ है।
जानकारी के मुताबिक आपकों बता दें कि ज्ञात हो कि आज लगभग एक हप्ते पहले से बिपक्षी रोज मार को तैयार थे जिस पर पत्रकार का परिवार रोज सुबह शाम दोपहर थाने का चक्कर लगा रहा था मगर बेवाना थाना प्रभारी धर्मेन्द्र कुमार सरोज पत्रकार के परिवार को ही शान्त रहने को कह कर कानून पर भरोसा दिला रहे थे।
जिस पर आज अरविंद रविंद्र वा शिवम मिश्रा ने पत्रकार के पिता कालिका प्रसाद मिश्रा के घर मे घुस कर पत्रकार के पिता को बुरी तरह लोहे की राड वा ईट से मारा बीच बचाव करने पहुची पत्रकार के मा वा भतीजी को भी मारा वही सुनील मिश्रा भी बचाने पहुचे तो उन्हें भी मारा ऐ सब कुछ अगर थाना प्रभारी धर्मेन्द्र कुमार सरोज चाहे होते तो ना ऐसी घटना कभी नही घटती।पत्रकारों के साथ पुलिस अफ़सर की मारपीट, उन पर हमले की घटना अम्बेडकर नगर में हो रही है और उनकी कहीं कोई सुनवाई करने वाला नहीं है।

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