अंशुल तिवारी, भिलाई। मेडिकल और इंजीनियरिंग के छात्रों ने अगस्त 2019 में समाज के लिए कुछ करने के विचार के साथ जो संस्था बनाई थी, अब 50 बेसहारा परिवारों के लिए जीवन का आधार बन गई है। कोरोना में जिन घरों के मुखिया का निधन हो जाने के कारण आय का स्रोत समाप्‍त हो गया, वहां शेयर एंड केयर फाउंडेशन हर महीने राशन पहुंचा रहा है। चार दोस्तों के विचार से शुरू हुए इस काम में 20 सदस्य बन चुके हैं और सहयोग के लिए अनेक हाथ बढ़ रहे हैं ताकि कोई भूखा नही सोए। संस्था के सदस्यों का संकल्प है कि जबतक परिवार में कोई कमाने वाला तैयार नहीं हो जाएगा, संस्था मदद करती रहेगी।

शेयर एंड केयर फाउंडेशन की नींव अगस्त 2019 में पड़ी। इसमें इंजीनियरिंग, मेडिकल, आर्ट्स और कामर्स के छात्र हैं। शुरू में उन्होंने गरीब बच्चों को पाठ्य सामग्री बांटना शुरू किया। कोरोना की दस्तक हुई तो मास्क और सैनिटाइजर बांटना शुरू कर दिया। इसी दौरान एक परिवार के मुखिया की कोरोना से मौत हो जाने की सूचना मिली। महिला पर पांच साल से कम उम्र के दो छोटे-छोटे बच्चों की जिम्मेदारी आ पड़ी थी। फाउंडेशन के सदस्यों ने परिवार की स्थिति देखते हुए माह राशन पहुंचाना शुरू किया। संस्था आज करीब 50 परिवारों को हर माह राशन उपलब्ध करा रही है। फाउंडेशन के अध्यक्ष जसदेव सिंह जब्बल ने बताया कि सभी सदस्यों के मोबाइल नंबर सार्वजनिक किए गए हैं ताकि जरूरत के वक्त लोग मदद मांग सकें।
केस-1

बीआरपी चौक, मरोदा निवासी नंदकुमार ठाकुर की कोरोना से मौत के बाद पत्नी मजदूरी करने को मजबूर हो गई थी। उनके बेटे ने बताया कि मां चिंता में रात-रात भर सो नहीं पाती थी। फाउंडेशन की मदद से रात में भूखे सोने की नौबत नहीं रही। 

केस-2

मरोदा के बजरंगपारा निवासी प्रीतम कुमार गढ़ा को भी कोरोना ने छीन लिया। पत्नी चंदूकला पर दो छोटे बच्चों की जिम्मेदारी आ गई। ऐसे में फाउंडेशन का सहारा मिला। उन्होंने
शेयर एंड केयर फाउंडेशन के अध्‍यक्ष जसदेव सिंह जब्बल ने कहा कि इससे ज्यादा सुकून का काम और कुछ हो ही नहीं सकता। मुसीबत के समय हम किसी के काम आ रहे हैं। सभी का सहयोग और मार्गदर्शन मिल रहा है। धीरे-धीरे हम मदद का दायरा बढ़ा रहे हैं।

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