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बलरामपुर(उतरौला)
स्थानीय विकास खण्ड उतरौला में ग्राम फत्तेपुर मजरा बागडीह के ग्रामीणों का घर नदी कटान के जद में है नदी के तट पर बसे गांव कत्तेपुर (मजरा) बागडीह के लगभग 1200 लोगो का रहने के लिए आसमान ही विकल्प रहेगा हर वर्ष बाढ़ आने से लोगो को तमाम समस्या का सामना करना पड़ता है सन 1947 से लेकर आज तक कोई भी सरकार नदी कटान का कोई प्रबन्ध नही किया जिससे हर साल दर्जनों घर नदी में कटकर समाहित हो जाते है ग्रामीणों के अनुसार इस समय नदी जबरदस्त तरीके से कटान सुरु है लगभग दो दर्जन लोगों का नदी कटान के जद में है अगर जिला प्रशासन न चेता तो सैकड़ो लोग को खुले आसमान रहने का केवल एक मात्र साधन रहेगा फत्तेपुर निवासी सरवर अली जूमाई जगप्रसाद रमेश निसाद खुदाबक्श सन्तोष कुमार ने बताया कि हर साल बाढ़ की विभीषका का सामना करना पड़ता है बाढ़ समाप्त होने पर नदी कटान सुरु हो जाती है जिससे दर्जनों घर नदी के कटान के जड़ में आ जाती है ग्रामीणों ने बताया कि नदी कटान अगर न रोका गया तो सैकड़ो लोग घर से बेघर हो जायेगे उसी गांव के निवासी शेष राम निषाद ने बताया कई बार जनप्रतिनिध व उच्चाधिकारियों को प्रार्थना पत्र देकर नदी कटान के प्रबंध के लिए दिया गया परुन्तु आज तक कोई सुनवाई हुवा अगर प्रशासन द्वारा नदी कटान का प्रबंध न किया गया तो सैकड़ो लोग बेघर हो जायेगे तथा खुले आसमान की नीचे रहने के लिए मजबूर होंगे उधर जिला अधिकारी बलरामपुर कृष्ण करुणेश ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है बाढ़ खण्ड अधिकारी को मौके पर भेज कर नदी कटान रोकने का अभिलम्ब प्रबन्ध किया जाएगा।
बी पी त्रिपाठी
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