उतरौला(बलरामपुर)
हजरत मोहम्मद साहब के जन्मदिन जश्ने ईद मिलादुन्नबी के पूर्व संध्या पर नगर सहित दूरदराज ग्रामीण क्षेत्रों में मस्जिदों समेत अन्य धार्मिक स्थलों पर लाइट झालर कुमकुमी आदि से रोशनी की गई है। इसके साथ ही अल्पसंख्यक बाहुल्य मोहल्लों में झाकियां सजाई गई। कोविड-19 के मद्देनजर सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों का पालन करते हुए इस बार मुख्य मार्गों एवं प्रमुख चौराहों पर सजावट व स्वागत द्वार नहीं बनाए गए हैं।
नगर स्थित जामा मस्जिद, चांद मस्जिद,रजा मस्जिद ,शाहजहानी दरगाह सहित अन्य धार्मिक स्थलों को रोशनी से सजाया गया है। अकीदतमंदो ने रात भर जाग कर अपने घरों में इबादत कर अपने कुन्बे के लोगों के लिए दुआ ए मगफिरत की। सुबह फजर की नमाज के बाद लोगों ने कब्रिस्तान जाकर इसाले सवाब किया। विभिन्न स्थानों पर लंगर खाने का प्रोग्राम किया गया जिसमें गरीब, मिस्कीन, यतीमो को खाना खिलाया गया।अधिकतर घरों में पूरी रात तकरीरों का भी आयोजन होता रहा। गुजिस्ता सालों की तरह इस साल भी अपनी अजमत शान ओ शौकत अदब व एहतराम के साथ बारह रबीउल अव्वल 1434 हिजरी मुताबिक तीस अक्टूबर बरोज जुमा पैगम्बर हजरत मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो अलैह वसल्लम की योमे पैदाइश के मौके पर नगर में बारह रबीउल अव्वल का त्यौहार बड़े ही सादगी के साथ मनाया गया। हर साल निकलने वाला जुलूस इस बार नहीं निकाला गया।


असगर अली 
उतरौला 

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