न्‍यूयॉर्क, आइएएनएस। कोरोना वायरस (कोविड-19) उन लोगों पर ज्यादा भारी पड़ रहा है, जो पहले से ही किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं। अब एक नए अध्ययन से पता चला है कि किडनी की समस्या से पीडि़त लोगों के लिए कोरोना संक्रमण ज्यादा घातक साबित हो सकता है। एक भारतीय समेत शोधकर्ताओं के दल ने पाया कि आइसीयू में भर्ती ऐसे कोरोना मरीजों में मौत का खतरा सबसे ज्यादा हो सकता है, जो क्रॉनिक किडनी डिजीज (सीकेडी) या एक्यूट किडनी इंजरी (एकेआइ) से पीडि़त हैं।

सीकेडी किडनी रोग का एक प्रकार है। बुजुर्गों में आमतौर पर होने वाली इस बीमारी के चलते किडनी धीरे-धीरे काम करना बंद कर देती है। जबकि एकेआइ में अचानक किडनी फेल हो सकती है। कोरोना के कारण भी यह खतरा हो सकता है। ब्रिटेन के इंपीरियल कॉलेज लंदन के शोधकर्ता सनोज सोनी ने कहा, 'हमारी जानकारी के आधार पर यह ऐसा पहला व्यापक अध्ययन है, जिसमें गंभीर रूप से पीडि़त उन कोरोना रोगियों का विश्लेषण किया गया है, जो पहले से ही किडनी समस्या से जूझ रहे थे।'


शोधकर्ताओं ने आइसीयू में भर्ती किए गए 372 सीकेडी और एकेआइ रोगियों पर गौर किया। इन रोगियों की औसत उम्र 60 साल थी। इन पीडि़तों में से 218 किडनी रोगी थे। इनमें से 45 फीसद रोगी आइसीयू में रखे जाने के दौरान एकेआइ की चपेट में आ गए। इससे जाहिर होता है कि एकेआइ का कोरोना से सीधा संबंध है। एकेआइ की चपेट में आने वाले कोरोना पीडि़तों में मौत की दर 48 फीसद पाई गई।

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