आधी-अधूरी तैयारियों के के बीच शारदीय नवरात्र मेला शनिवार की भोर से शुरू हो गया। पहले दिन माता विंध्यवासिनी के दरबार में महज 40 हजार भक्तों ने हाजिरी लगाई। कोरोना के मद्देनजर सरकार की गाइड लाइन के मुताबिक जिला प्रशासन व पंडा समाज श्रद्धालुओं को दर्शन कराया। माता के दरबार की लाल चुनरी से सजावट की गई थी। गुड़हल व कमल फूल और रत्न जड़ित हार शृंगार किया गया। 
शारदीय नवरात्र मेले पर कोरोना संक्रमण का असर दिखा। भोर में मंगला आरती के बाद मंदिर का पट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया। उस समय श्रद्धालुओं की कतार लग गई थी। गंगा में स्नान के बाद घाटों की सभी गलियों में भक्त कतारबद्ध खड़े थे। माता के जयकारे और देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तयै नमो नम: का जाप करते रहे। कोरोना संक्रमण को देखते हुए जिला प्रशासन व श्रीविंध्य पंडा समाज सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने में जुटा रहा। अधि मास के कारण नवरात्र के महीने भर विलंब से शुरू होेने का असर सुबह दिखा। मगर दोपहर तक ही श्रद्धालुओं की भीड़ छंट गई। मध्याह्न हुए आरती व शृंगार बाद कपाट खुला तो दर्शनार्थियों की तादाद बहुत कम थी। दोपहर बाद कम लोगों के आने से प्रशासन भी राहत में रहा। शाम को कुछ ज्यादा ही भीड़ उमड़ पड़ी। अबकी बार आसपास पहले दिन आसपास के क्षेत्र से ही ज्यादा श्रद्धालु आए थे।

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