प्रदेश के प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री आलोक कुमार ने कहा कि कोविड-19 संक्रमण के दृष्टिगत अस्पतालों में आॅक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता रखी जाये। किसी भी कोरोना संक्रमित का इलाज आॅक्सीजन की कमी से बाधित नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में आॅक्सीजन का बैकअप रखा जाये तथा इसकी उपलब्धता की माॅनीटरिंग के लिए कन्ट्रोल रूम स्थापित किए जाएं।

प्रमुख सचिव आज यहाँ लाल बहादुर शास्त्री ( एनेक्सी) भवन के भूतल स्थित सभाकक्ष में  प्रदेश के चिकित्सालयों मंे आॅक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के दृष्टिगत चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे। बैठक में उन्होंने निर्देश दिया कि आॅक्सीजन की निर्बाध उपलब्धता के लिए अलग कन्ट्रोल रूम की स्थापना में परिवहन, खाद्य एवं औषधि  प्रशासन, चिकित्सा शिक्षा, चिकित्सा, स्वास्थय एवं परिवार कल्याण  तथा औद्योगिक विकास को सम्मिलित रखा जाये। उन्होंने निर्देश दिया कि अस्पतालों में आॅक्सीजन उपलब्धता की माॅनीटरिंग व्यवस्था शीघ्र सुनिश्चित हो साथ ही इसकी प्रतिदिन समीक्षा हो। बैठक मंे उन्होंने कोविड से अलग अन्य मरीजों के इलाज  हेतु आॅक्सीजन व्यवस्था पर भी ध्यान रखने का निर्देश दिया। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि मरीजों को आॅक्सीजन निर्धारित मूल्य पर ही प्राप्त हो तथा अस्पतालों में इसकी ओवर सप्लाई न हो इसका ध्यान भी रखा जाए।
बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण की तीव्रता में कमी आने से आॅक्सीजन की मांग में अब कमी आ गयी है। पहले प्रति कोविड अस्पताल यह मांग 30 मीट्रिक टन थी जो अब घटकर 22 मीट्रिक टन हो गयी है। आॅक्सीजन की उपलब्धता में भी 72 घंटे बैकअप की व्यवस्था है। प्रमुख सचिव ने निर्देश दिया कि आवश्यकता का जनपदवार विश्लेषण कर लिया जाए, यदि किसी जनपद से अधिक आवश्यकता है तो उसके सम्पर्क में रहकर व्यवास्थाएं सुनिश्चित करायी जायें।
बैठक में डा0 राजेन्द्र कपूर निदेशक संचारी रोग नियत्रंण विभाग, डा0 अरूण श्रीवास्तव नोडल अधिकारी आॅक्सीजन, डा0 धनन्जय चैधरी चिकित्सा शिक्षा विभाग सहित समस्त सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित थे।

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