118:- "DISEASE FREE WORLD"
"भारत में कैंसर के 14 लाख मरीज, 2018 में दुनियाभर में 96 लाख मौतें"
पुरुषों में सबसे ज्यादा तादाद फैफड़े के कैंसर के मरीजों की है जो कि 10.6 फीसदी है।
भारत में कैंसर दूसरी सबसे ज्यादा कॉमन बीमारी बनती जा रही है जिससे सबसे ज्यादा मरीज जान गंवा रहे हैं। वैश्विक स्तर पर भी यह जानलेवा बीमारी सबसे ज्यादा खतरा बनी हुई है। कैंसर की बीमारी से होने वाली मृत्यु दर सबसे ज्यादा है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की रिपोर्ट कहती है कि भारत में पिछले 26 सालों में कैंसर का खतरा सबसे ज्यादा बढ़ा है। ब्रेस्ट कैंसर ने सबसे तेजी से अपने पांव पसारे हैं। भारतीय महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा सबसे ज्यादा बढ़ा है। साल 2016 की ICMR की रिपोर्ट की बात करें तो भारत में कैंसर के मरीजों की संख्या 14 लाख से ज्यादा है। भारत में हर साल 10 लाख मरीज कैंसर की बीमारी का इलाज कराते हैं।
पुरुषों में सबसे ज्यादा तादाद फैफड़े के कैंसर के मरीजों की है जो कि 10.6 फीसदी है जबकि महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर की तादाद 27.5 फीसदी है।
भारत में कैंसर के मरीजों की संख्या 14 लाख से ज्यादा है:-
सरकार ने कैंसर की बीमारी के चार प्रकार को प्राथमिकता में रखा है। इनमें से पहले नंबर पर ब्रेस्ट कैंसर है। कैंसर की बीमारी में 41 फीसदी खतरा ब्रेस्ट कैंसर, सर्वाइकल (ग्रीवा) कैंसर, ओरल कैंसर और लंग्स कैंसर का है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की तीन साल पुरानी रिपोर्ट में इस बात को बताया गया है। भारत में होने वाले टॉप तीन प्रकार के कैंसर की बात करें तो इनमें ओरल कैंसर की तादाद सबसे ज्यादा है। पुरुषों में होने वाले सभी तरह के कैंसर में ओरल कैंसर की तादाद सबसे ज्यादा है। जबकि, महिलाओं में इस प्रकार के कैंसर होने की संभावना तीसरे नंबर पर है।
भारत ने साल 2012 में अपने जीडीपी का 0.36 फीसदी कैंसर पर खर्च किया था:-
महिलाओं में होने वाला सबसे कॉमन कैंसर ब्रेस्ट कैंसर है। भारत ने साल 2012 में अपने जीडीपी का 0.36 फीसदी कैंसर पर खर्च किया था। कैंसर एक नहीं बल्कि 100 तरह का कैंसर होता है। लेकिन भारत में जो सबसे ज्यादा ब्रेस्ट, कैविटी और ओरल कैंसर के मरीजों की संख्या ज़्यादा है। वरिष्ठ न्यूरोसर्जन डॉक्टर मनीष कुमार का कहना है कि जीवनशैली में सुधार के जरिए कैंसर जैसी घातक बीमारी पर रोकथाम संभव है। सही वक्त रहते अगर कैंसर की बीमारी का इलाज करा लिया जाए तो इस जानलेवा बीमारी से बचा जा सकता है।
अमेरिका में 33% और भारत में 68 % कैंसर के मरीजों की होती है मौत:-
GLOBOCAN की रिपोर्ट के मुताबिक, अगले 18 सालों में भारत में कैंसर की बीमारी का खतरा 70 फीसदी तक बढ़ सकता है। इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह ख़तरनाक बीमारी हमारे बदलते जीवनशैली में किस तरह से हमें प्रभावित कर रही है। इस रिपोर्ट का कहना है कि 2035 तक कैंसर के 17 लाख नए मरीज बढ़ सकते हैं।
अमेरिका में 33% और भारत में 68 % कैंसर के मरीजों की होती है मौत :-
कैंसर के मरीजों की मृत्यु दर की बात की जाए तो भारत अमेरिका से भी आगे है। अमेरिका में जहां कैंसर की बीमारी से ग्रसित मरीजों की मृत्यु दर 33 फीसदी है, तो वहीं भारत में यह संख्या 68 फीसदी है। यानी कि अमेरिका से भी दोगुनी तादाद में भारत में कैंसर की बीमारी से मरीजों की मौत होती है।
साल 2016 में भारत में केंसर के मरीजों के 14.5 लाख नए केस सामने आए थे:-
साल 2016 में भारत में केंसर के मरीजों के 14.5 लाख नए केस सामने आए थे। वहीं भारत में कैंसर से मरने वाले मरीजों की संख्या 736,000 से ज्यादा थी। साल 2030 तक कैंसर के मरीजों की संख्या बढ़कर 17.3 लाख से ज्यादा होने की संभावना है। वहीं 2020 तक इस बीमारी से मरने वाले मरीजों की संख्या 880,000 को पार कर सकती है। ये आंकड़ें इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के हैं।
कैंसर की बीमारी को लेकर एक सबसे बड़ी समस्या यह भी है कि 80 फीसदी कैंसर के मरीजों का पता एडवांस स्टेज में चलता है।
ऐसे में भारत में कैंसर सेंटर भी मरीजों के इलाज के लिए कम पड़ सकते हैं। डॉ मनीष कुमार का कहना है वर्तमान सरकार ने कैंसर के प्रति जागरुकता अभियान चलाया है और कई राज्यों में एम्स खोले हैं। लेकिन अभी भारत में इस बीमारी से लड़ने के लिए और ज्यादा कैंसर केयर यूनिट की जरूरत है। कैंसर की बीमारी को लेकर एक सबसे बड़ी समस्या यह भी है कि 80 फीसदी कैंसर के मरीजों का पता एडवांस स्टेज में चलता है। ये ही वजह है कि भारत में कैंसर से मरने वाले मरीजों की संख्या 68 फीसदी से भी ज्यादा है। अगर वक्त पर कैंसर की बीमारी का पता चल जाए तो इसका इलाज संभव है।
भारत में कितने फीसदी महिला और पुरुष हैं कैंसर की बीमारी से पीड़ित?:-
पुरुष:-
लंग कैंसर- 10.6 फीसदी
स्टॉमक कैंसर- 7.6 फीसदी
प्रोस्टेट कैंसर- 7 फीसदी
ब्रेन कैंसर- 5 फीसदी
महिलाएं:-
ब्रेस्ट कैंसर- 27.5 फीसदी
गर्भाशय कैंसर-12.3 फीसदी
माउथ कैंसर- 3.9 फीसदी
अंडाशय कैंसर- 5.5 फीसदी
2018 में हुई कैंसर से 96 लाख मौतें:-
आपको जानकर हैरानी होगी साल 2018 में दुनियाभर में कैंसर से 96 लाख से ज्यादा मौतें हुई थी। वहीं विकासशील देशों की बात करें तो यहां कैंसर से मौतें सबसे ज्यादा हुई हैं। विकासशील देशों में कैंसर की बीमारी से मरने वाले की तादाद 70 फीसदी है। 22 फीसदी मरीजों को कैंसर तंबाकू के सेवन से हो रहा है।
(आंकड़ें- वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन और नेशनल कैंसर रजिस्ट्री (ICMR))
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HAKEEM MD ABU RIZWAN
BUMS,hons.(BU)
UNANI PHYSICIAN
Spl in LIFESTYLE DISEASES
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