अम्बेडकर नगर। पान की गिमटी की तरह जनपद में पत्रकारों का बाढ़ आ गया है जिधर देखो 10 वे वाहन में एक वाहन पर पत्रकार लिखा जरुर मिल जायेगा।
वहीं सरकार के द्वारा प्रिंट मीडिया व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को लाइसेंस दे रखी है, बाकी पोर्टल न्यूज व यूटुव का कोई मान्यता नहीं मिला है,जिस चैनल व अखबार का पोर्टल या यूटुब है वो सब चैनल व अखबार के नियमों का पालन करते हैं।
उत्तर प्रदेश व केन्द्र सरकार के सूचना विभाग ने पहले ही स्पष्ट कह दिया है कि पोर्टल व यूटुव का कोई रजिस्ट्रेशन नहीं होता। सबसे ज्यादा पत्रकार इन दिनों शोशल मीडिया पर दिख जायेंगे जो अपने आपको फलां पोर्टल व युटूव चैनल का पत्रकार बताते हैं।
  वहीं इससे पहले भी कहा गया था शोशल मीडिया के माध्यम से पीड़ित व्यक्ति अपनी बात सरकार तक पहुंचा सकता है लेकिन पत्रकार की नियुक्ति नहीं किया जा सकता लेकिन इन दिनों पैसे के बल पर कार्ड जारी किया जा रहा है। 
कार्ड जारी करने वालों से कोई मतलब नहीं है कि जिसको पत्रकार बनाया जा रहा है अपराधी है या पढ़ा लिखा उससे कोई मतलब नहीं मात्र पैसे के बल पर घड़ल्ले से ऐसा गोरख धंधा चल रहा है, जो आने वाले समय में पैसे की बल पर घर घर पत्रकार होंगे फिर पत्रकार बदनाम होंगे। और कार्ड लेकर धौस दिखाते हुए अवैध वसूली भी करते हैं।
जनपद में ऐसे पत्रकारों का कयी बार अवैध वसूली के चलते किर किरी भी हो चुकी है।
ऐसे लोगों को पत्रकार बनाया जा रहा है जिससे समाज से कोई नाता नहीं है या तो अपने निजी स्वार्थ के लिए मोटी रकम देकर कार्ड बनवा लेते हैं।
वहीं फर्जी पत्रकारों का भी बोल बाला है जहां किसी पेपर ,चैनल,शोशल मीडिया कहीं से भी कार्ड जारी नहीं है लेकिन वाहन में प्रेस लिखा जरुर मिल जायेगा। उन व्यक्तियों से पूछने पर बताया जाता है कि मेरा वाहन नहीं फलां पत्रकार का है या मेरे भाई है या फिर रिस्तेदार है।

इस बारे में जिला प्रशासन को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए फर्जी पत्रकार के चलते असली नकली पत्रकार की पहचान करना मुश्किल हो गया है। सूचना विभाग को आवश्यक कार्रवाई करना चाहिए जिससे आने वाले समय में भोली भाली जनता इनका शिकार न हो जाय। अपराधी हो या फिर और कोई इन सबके पास आई डी कार्ड है और जनता के बीच जाकर पत्रकार का ढोंग रचकर धौंस दिखाते हैं व सारे आम अवैध वसूली भी करते हैं। 
जिले के सभी सम्मानित पत्रकार बंधुओं को इस बारे में जानकारी है कांफ्रेंस के जरिए उच्चाधिकारियों से भी शिकायत किया गया लेकिन मामला ठंडे बस्ते में चला जाता है।
*मुझे पता है कि कयी लोग कमेंट करेंगे कि आपने लिखा कैसे, कयी लोग मर्यादा की सीमा भी पार कर जायेंगे लेकिन समाज सेवी पत्रकार बिल्कुल शान्ति का परिचय देंगे व फर्जी पत्रकार की पूछिए ही मत

जिला प्रशासन को सख्त कदम उठाना चाहिए जिससे पत्रकार के हित की रक्षा हो सके।

विकाश कुमार निषाद जलालपुर अम्बेडकर नगर

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