अक्सर लड़के लडकिया एक दूसरे से प्यार करते है और आपस मे स्वतंत्र सहमति से सम्बन्ध बनाने से भी गुरेज नही करते मामला तब गंभीर हो जाता है जब लड़की या लड़का किसी कारणवश शादी नही कर पाते है ।

एक ऐसे ही मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा निर्णय दिया है । दरअसल मामला यह था की एक लड़के को पड़ोस की लड़की से प्यार हो जाता है लड़का ईसाई धर्म का था । लड़के और लड़की की आपसी सहमति से सम्बन्ध भी कई वर्षो तक चलता रहा धर्म अलग अलग होने से दोनो की शादी में अड़चनें आयी और शादी न हो सकी ।

लड़के ने अलग दूसरी लड़की के शादी करने का विचार किया शादी के महज 7 दिनों पहले ही लड़की ने बलात्कार का केश लड़के पर दर्ज करा दिया गया । मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच । माननीय जज फली नरीमन, नवीन सिन्हा और इंदिरा बनर्जी की बेंच ने सारे मामलों में विचार करते हुए निर्णय दिया की आपसी सहमति से शादी के लिए बनाया गया सम्बंध जिसका उद्देश्य किसी को धोखा देना या छल करना नही है बलात्कार नही माना जा सकता है ।

माननीय कोर्ट ने आरोपी की 7 साल की सजा को खत्म कर दिया जो उसे हाइकोर्ट से दिया गया था और सारे मामले को खत्म कर दिया । यह पूरा मामला दिल्ली का है ।

इस मामले से लोगो मे एक नई बहस का जन्म हो चुका है जिसका दूरगामी परिणाम दिख सकता है ।

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