ताईवान की एयर स्पेस में घुस आने पर ताईवान ने चीन का एक सुखोई लड़ाकू विमान अमरीकी मिसाइल से मार गिराया। ताईवान ने इससे पहले चीन को बारंबार चेतावनी दी पर चीन माना नहीं तो मिसाईल दाग दी। ऊपर से तुर्रा ये कि जो चीन का पायलट ताइवान के कब्जे में है उसे छोड़ने से इनकार भी कर रहा। 

मामला अच्छे दिन का है क्यों कि अमेरिका में चुनाव है और ट्रम्प साब को चुनाव दुबारा जीतना भी है। करोना से चौपट अर्थव्यवस्था का दोषी भी चीन ही है तो मौके का फायदा उठाने को साउथ चाइना सी में अमरीकन नेवी अलर्ट मोड़ पर है ताईवान के जरिये अलग मोर्चा खुल ही गया है और इधर भारतीय फौज भी तैयार खड़ी है।इजराइल को तो मौज ही आती भारत का सहयोगी बनने में और जापान, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया भी मौके का फायदा उठाने से चूकेंगे नहीं।
 
थाइलैंड ने भी अपने देश में भारी विरोध के चलते चीन से पनडुब्बी सौदा रद्द कर दिया है। इधर जर्मनी, स्लोवेकिया और फ्रान्स ने भी चेक रिपब्लिकन को धमकी देने पर चीन की कड़ी फटकार लगाई है।

चीन अनाज की कमी, बेकारी और बैंकों के खाली हो जाने से तो परेशान चल ही रहा है। इनर मंगोलिया में लोग एक अलग मुद्दे पर सड़कों पर उतर आये हैं वे उन पर मेन्डेरिन भाषा थोपने का विरोध कर रहे हैं। हांगकांग में हालात वैसे ही बिगडे हुए हैं। उसपर भारत कभी आर्थिक चोट तो कभी सामरिक चोट अलग दे रहा है।

इन्हीं सब मुसीबतों को देखते हुए शी जिनपिंग ने अपना पाकिस्तान का दौरा रद्द कर दिया है। उसको पता है, इधर चीन छोड़ा नहीं पीछे से तख्ता पलट हो जायगा। लोगो की सलाह पर जिनपिंग अपना डूप्लीकेट भेज भी देता, डूप्लीकेट भी तो बहुत से हैं। लेकिन डूप्लीकेट भेज भी दे मगर पाकिस्तान जैसे भिखारियों के यहां खाली हाथ भी तो जाना ठीक नहीं। चीन के खजाने पहले से ही खाली हैं,ऐसे में उन कंगलों के लिये क्या लेकर जाते ?

इसलिये जिनपिंग का दौरा रद्द करना ही बेहतर। जब कि सर्द हकीकत ये है कि चीन पाकिस्तान से नाराज चल रहा है। इस समय भारत के सैन्य मोर्चे पर चीन को पाकिस्तान से जिस सहयोग की उम्मीद थी वह उसे नहीं मिला,क्यों की उसके लिए कम से कम जितना गूदा चाहिए उतना भी पाकिस्तानियों के पास नहीं है। 

पाकिस्तान को तो हरदम पैसे चाहिये। उसने अमेरिका के साथ भी यही किया, अमेरिका की तरह जिस दिन चीन को भी अक्ल आ जायेगी पाकिस्तान का खेल खत्म हो जाएगा।

खैर अपने देश के विपक्ष का हाल सुनिये। चीन ने जब लद्दाख में 5 चोटियों पर कब्जा कर लिया था तो कुछ चिरकुट संपोलियों ने बहुत ताने मारे थे...

और झूला झुलाओ, अब मोदी सो रहे हैं ? मोदी सरकार डरपोक है चीन से फट रही होगी। सर्जिकल स्ट्राइक का मजाक बनाते हुए गटर छाप नाबदनी अनुराग कश्यप जैसों ने तो सवाल ही कर लिया कि क्या चीन में सर्जिकल स्ट्राईक अलाउ नहीं है?

अब जब भारत ने 30 चोटियों पर कब्जा कर लिया है तो सब सन्नाटा खींच लिए। यही चिरकुट चिरांध लोग अब इस महामारी में जीडीपी जीडीपी खेल रहे और दबे मुंह कह रहे कि युद्ध हर बात का जवाब नहीं होता।
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