मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वस्थ एवं सक्षम भारत की अवधारणा को साकार करने के लिए महिलाओं और बच्चों में व्याप्त कुपोषण को दूर करने के लिए पोषण अभियान शुरू किया गया है। 7 सितंबर से प्रारंभ हो रहे राष्ट्रीय पोषण माह-2020 के सफल आयोजन के लिए सीएम ने शुभकामनाएं दी। सीएम ने अभियान में शामिल होने वाले सभी विभागों के अधिकारियों का आह्वान करते हुए कहा कि पोषण माह में  प्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान दिलाने का प्रयास करें।

उन्होंने कहा कि पूरे देश में हर साल सितंबर में राष्ट्रीय पोषण माह मनाया जाता है, लेकिन इस साल कोविड-19 महामारी के संक्रमण को देखते हुए राष्ट्रीय पोषण अभियान में डिजिटल टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जाएगा। पोषण माह में सैम (सिवियर एक्यूट मालन्यूट्रिशन) बच्चों को चिह्नित करने के साथ ही आगामी 6 माह में प्रदेश में कुपोषण दर में 1 प्रतिशत तक की कमी लाने का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री ने पोषण माह में उत्कृष्ट कार्य करने वाले जिलों को पोषण पुरस्कार से सम्मानित करने की भी घोषणा भी की है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कुपोषण से मुक्ति के लिए बच्चों के साथ महिलाओं के स्वास्थ्य की भी सुरक्षा जरूरी है। उन्होंने जिला प्रशासन के अधिकारियों को अतिकुपोषित बच्चों के अभिभावकों को एक-एक गाय उपलब्ध कराने के साथ ही गाय के पोषण के लिए प्रतिमाह 900 रुपये मदद करने का निर्देश दिया है। सीएम ने कहा कि सुपोषित प्रदेश के निर्माण के लिए प्रत्येक नागरिक की सहभागिता जरूरी है। मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये राष्ट्रीय पोषण माह-2020 की तैयारियों की समीक्षा के दौरान यह निर्देश दिए

मुख्यमंत्री योगी ने अभियान को सफल बनाने के लिए आम जनता व अधिकारियों के साथ ही जन-प्रतिनिधियों, मीडियाकर्मियों, स्वैच्छिक संस्थाओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं को भी अभियान से जोड़ने का निर्देश दिया। उन्होंने सभी जिलों में डिजिटल पोषण पंचायतों का आयोजन करने और लोगों को जागरूक करने को कहा है। उन्होंने कहा कि जब तक जागरूकता के माध्यम से व्यवहार परिवर्तन नहीं होगा, तब तक प्रदेश के पोषण आंकड़ों में सुधार नहीं आएगा। इसके लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा, एएनएम, ग्राम प्रधान, स्वयं सहायता समूह के साथ मिलकर जन-सामान्य को जागरूक करने का प्रयास किया जाए।

 

मुख्यमंत्री ने पोषण माह के दौरान होने वाले सभी क्रियाकलापों के प्रगति की अगले 3 से 6 महीने तक समीक्षा करने का निर्देश दिया है। इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह, मुख्य सचिव आरके तिवारी, अपर मुख्य सचिव राजस्व रेणुका कुमार उपस्थित थे।

 

न्यूट्री गार्डन की भी होगी स्थापना

पोषण माह के विशेष अभियान के तहत न्यूट्री गार्डन की स्थापना की जाएगी। इसके तहत सामुदायिक स्थानों के साथ ही प्रत्येक घरों में फल, सब्जी और औषधीय पौधे लगाये जाएंगे। न्यूट्री गार्डेन में अदरक, हल्दी, सहजन, बेल, आंवला, नीम, तुलसी, पुदीना लगाया जाएगा, जिसे भोजन में शामिल करके कुपोषित परिवारों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा। इसके अलावा पोषण के लिए पौधा अभियान भी चलाया जाएगा। जिसके तहत किचन गार्डन का विकास किया जाएगा। न्यूट्री गार्डन विकसित करने के लिए सरकारी स्कूलों, आवासीय स्कूलों, आंगनबाड़ी केन्द्रों, ग्राम पंचायत की भूमि को प्राथमिकता दी जाएगी।  

मुख्यमंत्री ने लिया कुपोषित बच्चों के अभिभावकों से हाल-चाल

मुख्यमंत्री ने बहराइच, बलरामपुर, श्रावस्ती सहित पांच आकांक्षात्मक जिलों में सुपोषण योजनाओं के लाभार्थी बच्चों के अभिभावकों से बच्चों का हालचाल लिया। मुख्यमंत्री ने जन्म के समय और अब बच्चे के वजन, उम्र, वृद्ध्रि, सरकार द्वारा मिल रहे लाभ आदि के बारे में जानकारी प्राप्त की। बच्चों की माताओं ने बच्चों की सेहत में अपेक्षित सुधार पर मुख्यमंत्री को धन्यवाद भी दिया। मुख्यमंत्री ने अभिभावकों को गोवंश पालन का सुझाव भी दिया। बलरामपुर के गैसड़ी से तीन वर्षीय आर्यन के पिता ने मुख्यमंत्री को बताया कि पैदा होने के समय आर्यन का वजन 2 किलो था अब 12 किलो 900 ग्राम हो गया है। लगातार पोषाहार मिल रहा है।

 



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