ग्राम पंचायतो के स्वरुप को नष्ट करने पर आमादा है सरकारे

   
        लोक दल के राष्ट्रीय प्रवक्ता जयराम पान्डेय ने त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था पर सत्ताधिशो को कटघरे मे खड़ा करते हुये कहा कि देश के पुर्व प्रधानमंत्री किसानो, गरीबो के मशीहा तथा लोक दल के संस्थापक स्व चौ चरण सिंह ने कहा था कि देश के खुशहाली, समृद्धि का रास्ता गावों तथा खेत खलिहानो से हो कर गुजरता है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने भी कहा था कि जब तक गांवों का विकास नहीं होगा तब तक सशक्त एवं समृद्ध भारत की कल्पना नहीं की जा सकती है। ग्राम स्वराज मे लोकतंत्र की पहली सीढ़ी ग्राम पंचायते ही है। ग्राम पंचायतो की भागीदारी के बिना किसी भी सरकारी विकास परक योजनाओ का सफल क्रियान्वयन नहीं हो सकता है।

भारत में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री,राज्यपाल,मुख्यमंत्री,विधायक, सांसदों के लिए आज तक न तो कोई शैक्षणिक योग्यता की शर्त है और न हीं दो से अधिक बच्चो वाली पाबंदी प्रथा कानून लागू है। अब की बार पंचायत चुनाव में  जिला पंचायत के लिए कक्षा 12, क्षेत्र पंचायत के लिए कक्षा 10 और ग्राम प्रधान के लिए कक्षा 8 की योग्यता रखी जा रही है। एक देश एक कानून के तहत जनप्रतिनिधियो का चुनाव आम मतदाता के द्वारा होना चाहिये।हरियाणा राज्य में भाजपा की सरकार ने इसी तरह का प्रयोग पंचायत चुनाव के समय किया था जिसे हाईकोर्ट ने अवैधानिक मानते हुए खारिज कर दिया था। 
  
उन्होने कहा कि भाजपा सरकार की जन बिरोधी नीति लोकतंत्र मे दमन व तानाशाही लाने की तरफ तेजी से आगे बढ़ रही है। यदि आम जनता इनकी लोकतंत्र विरोधी दमनकारी नीतियो का बिरोध समय रहते नही किया तो ये गोरे अंग्रेजो से भी अधिक खतरनाक सिद्ध होंगे।

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