प्रेमरूपी ह्रदय
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प्रेम रूपी ह्रदय में 
कोमल सा एहसास 
महसूस होने लगता है 
जैसे,,,, जैसे 
कोई अनजान 
कुछ खास लगने लगता है 

हर तरफ उसका ही अक्स 
दिखने लगता है 

उफ! मीठी सी चुभन 
दिल बेकरार  होने लगता है 

हर पल करीब रहने को 
मन तड़पने लगता है 

उमंगों के फूल 
खिलते हैं यूँ
कि...
दिल का चमन महकने लगता है
 
मन में प्रेममय संगीत 
बजने लगता है ,
ऐसे ....

जैसे मन पतंग की तरह 
आकाश में उड़ने लगता है।

प्रियंका द्विवेदी।
मंझनपुर कौशाम्बी


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