मजबूत इच्छाशक्ति और ज्ञान हो तो आप अपने जीवन को न केवल आसान कर सकते है बल्कि दूसरों के लिए उदहारण बन सकते है | ऐसा ही कुछ उस समय हुआ जब राजधानी एक्सप्रेस टाना भगतों के आंदोलन से डालटनगंज स्टेशन पर फंसी राजधानी एक्सप्रेस में सवार सभी 930 यात्रियों को रेलवे ने बस से रांची पहुचाने की कार्यवाही शुरू कर दी | 929 यात्रीयो ने बस में शरण ली पर एक यात्री अनन्या ने कहा जाऊंगी तो राजधानी एक्सप्रेस से ही। यदि बस से जाना होता तो ट्रेन का टिकट क्यों लेती। बस से सफर कर रांची आती। टिकट राजधानी एक्सप्रेस का है तो इसी से जाऊंगी। रेलवे अधिकारी परेशान हो गए और लाख मनाने पर अनन्या नहीं मानी और अंत में अंत में जिद के आगे रेलवे को झुकना पड़ा | राजधानी एक्सप्रेस शाम करीब चार बजे डालटनगंज से वापस गया ले जाकर गोमो और बोकारो होते हुए रांची के लिए रवाना करनी पड़ी। रात करीब 1.45 बजे ट्रेन रांची रेलवे स्टेशन पहुंची।


अनन्या ने कहा कि रेलवे अधिकारियों ने उनसे कहा कि वे उनके रांची जाने के लिए कार की व्यवस्था कर देंगे । लेकिन वह तैयार नहीं हुई । वह जिद पर अड़ी रही कि राजधानी एक्सप्रेस से ही रांची जाएगी । रेलवे बोर्ड के चेयरमैन को सारी बात बताई गई । विचार-विमर्श के बाद उन्होंने डीआरएम को निर्देश दिया कि अनन्या को राजधानी एक्सप्रेस से रांची भेजें । सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम हों ।


लातेहार जिला स्थित टोरी में टाना भगतों के रेलवे ट्रैक पर चल रहे आंदोलन की वजह से डालटनगंज में ट्रेन रोक दी गई। पहले तो अधिकारियों ने सोचा कि आंदोलन खत्म हो जाएगा तो ट्रेन रांची पहुंचा दी जाएगी। लेकिन आंदोलन खत्म नहीं हुआ तो रेलवे बोर्ड के चेयरमैन को इसकी जानकारी दी गई । उन्होंने यात्रियों को बसों से रांची भेजने का आदेश दिया । ट्रेन डालटनगंज में ही खड़ी रखने का निर्देश दिया। सभी यात्री बस से चले गए लेकिन अनन्या अड़ गई । 

 


 


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