जुर्म कितना भी शातिर तरीके से किया जाए कभी न कभी सच्चाई सामने आ ही जाती है । एक ऐसा मामला जिसकी पेचीदगी जानकर आपको दांतो तले उंगलिया दबानी पड़ेगी । मामला कानपुर जिले का है वर्ष 2008 में एक 14 वर्ष की बच्ची घर से लापता हो जाती है । उसकी मा पुलिस को शिकायत न दर्ज करने और पक्षपात करने का आरोप लगाती है । मामले की गंभीरता को देखते हुए सारा मामला cbcid को ट्रांसफर कर दिया जाता है ।

मामले की जांच में cbcid को एक 14 वर्ष की बच्ची की लाश मिलती है जिसकी शिनाख्त बच्ची की माँ करती है और कहती है कि ये बेटी उसी की है । मामले में 6 लोगो को आरोपी बनाया जाता है और इन 6 लोगो को हत्या के जुर्म में जेल हो जाती है ।

चौकाने वाली बात सामने तब आती है जब मारी गयी लड़की का पता 12 वर्ष बाद चलता है । हुआ यूं कि यह लड़की अलीगढ़ में शादी शुदा जिंदगी व्यतीत कर रही होती है । इसकी पहचान होने पर पुलिस को इसकी सूचना आस पास के लोगो द्वारा दी जाती है । इस महिला को पुलिस कस्टडी में ले लिया गया है और जल्द ही सभी आरोपी को बाइज्जत बरी किया जाएगा । हालांकि 1 आरोपी की मौत जेल में ही हो गयी है । अब 5 लोगो को 12 वर्ष बाद न्याय मिल पायेगा ।

जो भी इस घटना को सुनता है उसे न्याय और जांच व्यवस्था के साथ साथ आपराधिक सोच से नफरत होने लगती है । 

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