आत्मनिर्भर भारत सप्ताह’ के दौरान आप सभी के बीच एक बार फिर आकर मुझे बड़ी ख़ुशी हो रही है। पिछले 6 दिनों से ‘आत्मनिर्भरता’ की ओर लगातार कदम बढ़ाते हुए आप लोग, modernization of facilities, Up-gradation of facilities और नए infrastructure के निर्माण का महत्त्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

मुझे, अभी launch किए उन valued indigenous और नए products को देखकर प्रसन्नता हो रही है, जिनमें से OFB और BEML द्वारा चार-चार उत्पाद, BEL द्वारा दो और HAL, BDL, MDL, GRSE और GSL द्वारा एक-एक उत्पाद विकसित किए गए हैं: रक्षा मंत्री

आज,  जितने भी products और facilities launch किए गए हैं, उनमें मैं देख रहा था कि कई products, वह चाहे Dump Truck हों, या Super Giant Hydro Electric Excavator, आगे चलकर न केवल defence में, बल्कि Civil Society में भी आवश्यकता पड़ने पर अपनी सेवाएँ दे सकेंगे: रक्षा मंत्री

मुझे जानकर अच्छा लगा कि BEML द्वारा launch किया गया 150 TON Payload Capacity वाला Electric Dump Truck और 180 टन capacity का Super Giant Mining Excavator, दोनों स्वदेशी रूप से डिजाइन करके निर्मित किए गए हैं। यह Electric Dump Truck Mining Industries की ज़रूरत को भी पूरा करेगा: RM

इसी तरह OFB द्वारा निर्मित Nag Missile Carrier (NAMICA), Thermal Imager, BEL का LVDT, HAL का aircraft,  BDL द्वारा manufactured Konkurs Missile & Launcher Test Equipment और GSL, MDL और GRSE के equipment, हमारी defence capacity और capability बढ़ाएंगे: रक्षा मंत्री

साथियों, किसी भी राष्ट्र के विकास के लिए सुरक्षा उसकी पहली priority होती है। यह हम सब को मालूम है कि जो राष्ट्र स्वयं अपनी सुरक्षा कर सकने में समर्थ हैं, वही Global level पर अपनी मजबूत छवि बना पाने में कामयाब हुए हैं: रक्षा मंत्री 

हम अपनी रक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए विदेशी सरकारों, विदेशी आपूर्तिकर्ताओं और विदेशी रक्षा उत्पादों पर निर्भर नहीं रह सकते। यह एक मजबूत और 'आत्मनिर्भर भारत' के उद्देश्यों और भावनाओं के अनुकूल नहीं है: RM

हमें न केवल अपने राष्ट्रीय हितों की पूर्ति सुनिश्चित करने में सक्षम होना चाहिए, बल्कि जरूरत के समय में अन्य लोगों की भी मदद करने में सक्षम होना चाहिए: रक्षा मंत्री
आप लोगों की ओर से लिए गए इस initiative से, न केवल हम सबके बीच, बल्कि सभी देशवासियों को भी एक सकारात्मक संदेश गया है। Defence के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता, किसी भी अन्य क्षेत्र की तुलना में कहीं अधिक मायने रखता है: रक्षा मंत्री

नए स्वदेशी उत्पादों की impressive list, जो आज launch की गई है, मुझे विश्वास है कि रक्षा उपक्रम और आयुध निर्माणियाँ ‘आत्म निर्भर अभियान’ के prime drivers होंगे और वे राष्ट्रीय सुरक्षा तथा self-reliance के लिए महत्वपूर्ण योगदान देंगे: रक्षा मंत्री

हमारे state defence industrial complex ने वर्षों तक देश को अपनी सेवाएँ दी हैं । इसमें हमें modern management techniques, technology infusion और collaborative efforts की आवश्यकता है। इस उद्देश्य के साथ ही OFBs के corporatisation की दिशा में कदम उठाया गया है: रक्षा मंत्री

अपने conceptualisation में यह एक progressive और forward looking कदम है। अगर government owned defence industries को national aur international level पर competition करना है, तो हम उन practices से बंधकर नहीं रह सकते हैं जिनकी आज कोई उपयोगिता नहीं है: रक्षा मंत्री
यह कदम एक तरफ controlled pricing के constraints को दूर करेगा, वहीं दूसरी ओर यह corporate management practices और efficient systems का लाभ देगा। यह OFBs के लिए एक challange और खुद को reinvent करने का एक अवसर है। मुझे कोई संदेह नहीं है कि आप इस प्रयास में सफल होंगे: रक्षा मंत्री

रक्षा उत्पादन में indigenisation को बढ़ावा देने के लिए, सरकार ने 101 items की एक negetive list जारी की है। यह एक comprehensive list। MoD का अनुमान है कि अगले पाँच से सात वर्षों में domestic industries को लगभग चार लाख करोड़ (US $ 53 बिलियन) के order दिए जाएंगे: RM

इसलिए यह domestic defence industry और state entities के लिए, एक अभूतपूर्व अवसर है, जो indigenous defence development and manufacture में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाना चाहती हैं: रक्षा मंत्री

अंत में, मैं DPSUs और आयुध निर्माणियों के प्रबंधन और कर्मचारियों को स्वदेशी उत्पादों पर मंथन करने के लिए बधाई देना चाहता हूं और ‘आत्म निर्भरता’ के प्रति उनकी प्रतिबद्धता की सराहना करता हूं। उम्मीद है आगे भी आप लोग ‘हर काम देश के नाम’ के भाव से काम करते रहेंगे: रक्षा मंत्री

*🅰️आज से शुरू हो रहीं नई व्यवस्थाएं, नई सुविधाएं, Minimum Government, Maximum Governance के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को और मजबूत करती हैं।*

ये देशवासियों के जीवन से सरकार को, सरकार के दखल को कम करने की दिशा में भी एक बड़ा कदम है: पीएम मोदी

आज हर नियम-कानून को, हर पॉलिसी को Process और Power Centric अप्रोच से बाहर निकालकर उसको People Centric और Public Friendly बनाने पर बल दिया जा रहा है।

ये नए भारत के नए गवर्नेंस मॉडल का प्रयोग है और इसके सुखद परिणाम भी देश को मिल रहे हैं: PM

अब देश में माहौल बनता जा रहा है कि कर्तव्य भाव को सर्वोपरि रखते हुए ही सारे काम करें।

सवाल ये कि बदलाव आखिर कैसे आ रहा है?

क्या ये सिर्फ सख्ती से आया है?

क्या ये सिर्फ सज़ा देने से आया है?

नहीं, बिल्कुल नहीं: पीएम मोदी

एक दौर था जब हमारे यहां Reforms की बहुत बातें होती थीं।

कभी मजबूरी में कुछ फैसले लिए जाते थे, कभी दबाव में कुछ फैसले हो जाते थे, तो उन्हें Reform कह दिया जाता था।

इस कारण इच्छित परिणाम नहीं मिलते थे।

अब ये सोच और अप्रोच, दोनों बदल गई है: पीएम मोदी

हमारे लिए Reform का मतलब है, Reform नीति आधारित हो, टुकड़ों में नहीं हो, Hollistic हो और एक Reform, दूसरे Reform का आधार बने, नए Reform का मार्ग बनाए।

और ऐसा भी नहीं है कि एक बार Reform करके रुक गए। ये निरंतर, सतत चलने वाली प्रक्रिया है: पीएम मोदी

भारत के टैक्स सिस्टम में Fundamental और Structural Reforms की ज़रूरत इसलिए थी क्योंकि हमारा आज का ये सिस्टम गुलामी के कालखंड में बना और फिर धीरे धीरे Evolve हुआ।

आज़ादी के बाद इसमें यहां वहां थोड़े बहुत परिवर्तन किए गए, लेकिन Largely सिस्टम का Character वही रहा: पीएम मोदी

जहां Complexity होती है, वहां Compliance भी मुश्किल होता है।

कम से कम कानून हो, जो कानून हो वो बहुत स्पष्ट हो तो टैक्सपेयर भी खुश रहता है और देश भी।

बीते कुछ समय से यही काम किया जा रहा है।

अब जैसे, दर्जनों taxes की जगह GST आ गया: पीएम मोदी

अब हाईकोर्ट में 1 करोड़ रुपए तक के और सुप्रीम कोर्ट में 2 करोड़ रुपए तक के केस की सीमा तय की गई है।

‘विवाद से विश्वास’ जैसी योजना से कोशिश ये है कि ज्यादातर मामले कोर्ट से बाहर ही सुलझ जाएं: पीएम मोदी

प्रक्रियाओं की जटिलताओं के साथ-साथ देश में Tax भी कम किया गया है।

5 लाख रुपए की आय पर अब टैक्स जीरो है। बाकी स्लैब में भी टैक्स कम हुआ है।

Corporate tax के मामले में हम दुनिया में सबसे कम tax लेने वाले देशों में से एक हैं: पीएम मोदी

कोशिश ये है कि हमारी टैक्स प्रणाली Seamless हो, Painless हो, Faceless हो।

Seamless यानि टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन, हर टैक्सपेयर को उलझाने के बजाय समस्या को सुलझाने के लिए काम करे।
Painless यानि टेक्नॉलॉजी से लेकर Rules तक सबकुछ Simple हो: पीएम मोदी

अभी तक होता ये है कि जिस शहर में हम रहते हैं, उसी शहर का टैक्स डिपार्टमेंट हमारी टैक्स से जुड़ी सभी बातों को हैंडल करता है।

स्क्रूटनी हो, नोटिस हो, सर्वे हो या फिर ज़ब्ती हो, इसमें उसी शहर के इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की, आयकर अधिकारी की मुख्य भूमिका रहती है: पीएम मोदी

टैक्सपेयर्स चार्टर भी देश की विकास यात्रा में बहुत बड़ा कदम है: पीएम मोदी

अब टैक्सपेयर को उचित, विनम्र और तर्कसंगत व्यवहार का भरोसा दिया गया है। यानि आयकर विभाग को अब टैक्सपेयर की Dignity का, संवेदनशीलता के साथ ध्यान रखना होगा।

अब टैक्सपेयर की बात पर विश्वास करना होगा, डिपार्टमेंट उसको बिना किसी आधार के ही शक की नज़र से नहीं देख सकता: पीएम मोदी

वर्ष 2012-13 में जितने टैक्स रिटर्न्स होते थे, उसमें से 0.94 परसेंट की स्क्रूटनी होती थी।

वर्ष 2018-19 में ये आंकड़ा घटकर 0.26 परसेंट पर आ गया है।

यानि केस की स्क्रूटनी, करीब-करीब 4 गुना कम हुई है: पीएम मोदी

स्क्रूटनी का 4 गुना कम होना, अपने आप में बता रहा है कि बदलाव कितना व्यापक है।

बीते 6 वर्षों में भारत ने tax administration में governance का एक नया मॉडल विकसित होते देखा है: पीएम मोदी।

इन सारे प्रयासों के बीच बीते 6-7 साल में इनकम टैक्स रिटर्न भरने वालों की संख्या में करीब ढाई करोड़ की वृद्धि हुई है।

लेकिन ये भी सही है कि 130 करोड़ के देश में ये अभी भी बहुत कम है।

इतने बड़े देश में सिर्फ डेढ़ करोड़ साथी ही इनकम टैक्स जमा करते हैं: पीएम मोदी।

जो टैक्स देने में सक्षम हैं, लेकिन अभी वो टैक्स नेट में नहीं है, वो स्वप्रेरणा से आगे आएं, ये मेरा आग्रह है और उम्मीद भी।

आइए, विश्वास के, अधिकारों के, दायित्वों के, प्लेटफॉर्म की भावना का सम्मान करते हुए, नए भारत, आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को सिद्ध करें: पीएम मोदी

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