आर्थिक मोर्चे पर विफल है केंद्र सरकार : 

आर्थिक मोर्चे पर केंद्र सरकार विफल रही है। आक्सीजन के सहारे सरकार चल रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशहित में एक भी वादा पूरा नहीं किया। युवाओं को न रोजगार मिला और न ही विदेशों से कालाधन वापस आए। नीति आयोग के उपाध्यक्ष अर¨वद पानीगरिया, आर्थिक सलाहकार अर¨वद सुब्रमण्यम, आरबीआइ के गवर्नर रघुराम राजन एवं उर्जित पटेल ने एक-एक कर पद छोड़ दिया। उक्त लोग आर्थिक मामलों के जानकार थे परंतु सरकार के साथ काम करना उन्हें रास नहीं आया
सरकार अर्थव्यवस्था को तबाह करने के लिए उतारू है सरकार को महंगाई, पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस, की बढ़ती हुई कीमतों के कारण जनता को में हाहाकार मचा हुआ है |

सरकार महंगाई जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर फेल होने के साथ-साथ देश की अर्थव्यवस्था को भी तबाह करने के लिए उतारू है नवयुवकों में उबाल पैदा करने वाला नागरिकता संशोधन अधिनियम पारित करके सामाजिक सामंजस्य को तहस-नहस करने का काम किया है संपूर्ण जनमानस इस अधिनियम के पारित होने से आम जनजीवन के सारे मुद्दे को भूलकर सरकार की अनावश्यक और मनमानी कार्रवाई से उद्धृत है ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार का यह खेल देश के आपसी सद्भाव को समाप्त करके संघर्ष की आग में झोंक कर देश को तबाही के रास्ते पर ले जा रहा है सरकार महंगाई बेरोजगारी महिला सुरक्षा जैसे देश की अर्थव्यवस्था जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर फेल होती दिखाई दे रही है 

वर्तमान सरकार पूरी तरह से अर्थव्यवस्था को ठीक करने में असफल है।

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