हिंदी संवाद न्यूज़ पोर्टल का आज शुभारंभ फाउंडर मेंबर और चीफ एडिटर Advocate Shri Vijay Mishra and Advocate Shri Sanjay Mishra द्वारा किया गया। मिश्रा का कहना है कि इस वेबसाइट के माध्यम से दुनियां भर के महत्वपूर्ण समाचारों के अलावा विशेष फोकस लखनऊ और आसपास क्षेत्रो के समाचारों पर रहेगा और हम प्रतिबद्ध है जन हित के मुद्दों को सामने लाने के लिए । जिससे लोगो की समस्याओं का निराकरण हो सके ।
समाज को एक नई दिशा देने के उद्देश्य से इस न्यूज़ पोर्टल का उद्घाटन किया गया है । आम जनता अपनी समस्याओं और विचारों को ईमेल के माध्यम से प्रेषित कर सकती है जिससे उसे प्रमुखता से सामने लाया जाएगा ।
Email - hindisamvad@gmail.com
मीडिया की इस भीड़ में लोगो तक पहुँच बनाने के लिए सत्य से कोई समझौता नही किया जाएगा । आप न्यूज़ पोर्टल की वेबसाइट पर जाकर नवीनतम समाचार से अवगत हो सकतें है ।
https://www.hindisamvad.com/
आप सबके विचारों और सुझावों का हमेशा स्वागत है । शाम 8 बजे से इस न्यूज़ पोर्टल पर समाचार का लाइव होना शुरू हो जाएगा । फिलहाल यह वेबसाइट कुछ विचारों और लेख के साथ अभी लाइव है ।
लखीमपुर खीरी की घटना ने एक बार फिर प्रमाणित कर दिया कि राष्ट्रवादी सत्ता चाहे कितनी भी मजबूत हो, अकेली अवश्य पड़ जाती है।
जवाब देंहटाएंयोगी आदित्यनाथ अकेले एक ओर और दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाडरा, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, सतीश चंद्र मिश्रा, समाजवादी पार्टी, तीन राज्यों के मुख्यमंत्री, भूपेश बघेल छत्तीसगढ़, चरणजीत सिंह चन्नी पंजाब, ममता बनर्जी बंगाल, खालिस्तान आयोजित मायावी आंदोलनकारी, चंद्रशेखर रावण, टुकड़े-टुकड़े गैंग समेत तमाम दरबारी मीडिया।
हद तो तब हो गई जब स्वयं को राष्ट्रवादी बताने वाले योगी आदित्यनाथ के समर्थक भी योगी आदित्यनाथ को ललकारते नजर आए।
एक अकेले योगी आदित्यनाथ ने सब को संभाला। प्रियंका गांधी और अखिलेश यादव को हिरासत में लिया। मृतक आंदोलनकारियों के परिवार से समझौता के नाम पर राकेश टिकैत को घुटने टेकवाया। लखीमपुर खीरी पहुंचने वाले अनेक वामपंथी गिद्धों को प्रवेश नहीं करने दिया। चरणजीत सिंह और भूपेश बघेल जैसे ब्रांडेड गिद्धों को आसमान में ही रोक दिया।
बंगाल में ऑन रिकॉर्ड भाजपा के 55 कार्यकर्ताओं की हत्या हुई। बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखर के ऑफिशियल बयान के अनुसार एक लाख लोग असम की सीमा पर जान की सुरक्षा को लेकर पलायन कर गए। फिर भी इतने नरसंहारों की अकेली जवाबदेह ममता बनर्जी कभी अकेली नहीं पड़ी। ममता का ना कोई सहयोगी दल है ना ही टीएमसी का कोई दूसरा चेहरा। इसके बावजूद ममता बनर्जी आज भी यह कहने की स्थिति में है कि उत्तर प्रदेश रामराज्य नहीं किलिंग राज्य है।
राष्ट्रवादी पक्ष का यह हाल कुछ नया नहीं है। मामला चाहे ट्रेन में कारसेवकों जिंदा जलाने का हो, चाहे कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार का हो। चाहे मामला डायरेक्ट एक्शन डे का हो या मामला भोपाल नरसंहार का हो। राष्ट्रवादियों को सदैव संघर्ष अकेले ही करना पड़ता है। क्या फर्क पड़ता है देश में गांधी जैसा महापुरुष हो या निश्चलानंद जैसे पूजनीय शंकराचार्य पदाधीश।
आज योगी आदित्यनाथ को भी राष्ट्रहित की लड़ाई, समाजहित की लड़ाई तथा लोकहित की लड़ाई अकेले लड़नी पड़ रही है। नमन करता हूँ ऐसे राष्ट्र भक्त को
बहुत बहुत बधाई हो
जवाब देंहटाएंएक टिप्पणी भेजें
If you have any doubts, please let me know