मेरे सबसे पसंदीदा अभिनेता है नाना पाटेकर। मेरे सबसे पसंदीदा राजनेता है मोदी जी और बाला साहेब ठाकरे। अब इसमें एक नाम और जुड़ गया है - आदरणीय अससुद्दीन ओवैसी। मैं जब 19 से 25 साल के बीच के age-group में आया, तो नाना पाटेकर जी के डायलॉग्स की नकल करने लगा, और दोस्तों को, परिवार वालों को, एक हाथ में बीड़ी जलाके, सुनाया करता था - ठीक वैसे ही, जैसे क्रांतिवीर फ़िल्म में नाना पाटेकर जी करते थे। ऐसा करते करते, मुझे पता ही नही चला कब मेरा रहन-सहन, स्टाइल, बोली, etc. सबमें changes आने लग गए। फिर जब में अकेले में, पहली बार मोदी जी से मिला CMO में (2004), तो उनका स्टाइल और बात करने का अंदाज़, प्यार करने का अंदाज़, etc. मुझे बहुत अच्छा लगा। इसी तरह बाला साहेब ठाकरे जी - उनसे में कभी मिला तो नहीं, लेकिन जब मैंने कहीं से सुना, की उन्होंने ऐसा कुछ बोला, "एक बार अरेस्ट करके तो देखो, सारे हिंदुस्तान में आग लग जायेगी" (something like that), तो मेरा ध्यान उनकी तरफ भी खींचने लगा।
Point की बात: अस्ससुद्दीन ओवैसी जी में भी, मुझे वो बात दिखाई देती है, जो इन तीनों में है (यानी मोदी जी, नाना पाटेकर, बाला साहेब ठाकरे). बात तो है बंदे में, जो अमित शाह जी जैसे कद्दावर नेता से अपने बारे में बुलवा ही दिया, वो भी मीडिया के कैमरे पर।
Kalpesh Sharma
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