जन्मों का तेरा मेरा ये रिश्ता ,
है आंसमा पे यूँ  लिखा ,
      न इसका है नाम भी कोई , 
      और  न कोई इसका चेहरा।

तोड़ के सारे धागे हम भी
निकले सबकी हदों से आगे                                    
       तेरे बिन जो रहना हो तो 
       मर जॉऊ मै सभी से आगे

     दीवानगी की तेरे ख़ातिर 
      हमने चुना ये रिश्ता,
हम तुम बहता पानी है ,
पानी पे किसका पहरा।

आज़ाद फितरत अपनी जैसे हवा       
मर्जी से अपनी बरषे जैसे घटा
        जन्मों जन्म का  रिश्ता  तुमसे..
        मरके भी न होंगे तुमसे जुदा

जब भी लिखेगा तुझको 
लिखेगा ,मेरी तकदीर में मेरा खुदा 
जन्मों जनम का रिश्ता अपना 
          जैसे फूल और कलियों सा ,
          बिछड़ के तुझसे न रह जॉऊ
          जैसे सागर नदियों सा.....

प्रियंका द्विवेदी
मंझनपुर, कौशांबी
उत्तर प्रदेश

Post a Comment

If you have any doubts, please let me know

और नया पुराने