'अंधकार ही प्रकाश का जन्मदाता है'
एक संदेश और शपथ ।
अंधकार ही प्रकाश का जन्मदाता है,
हमको संभालने वाला वो ही विधाता है ।
घबराने की आवश्यकता नहीं किसी को,
कुछ दिन की दूरी ही एकमात्र सहारा है ।
कोरोना रूपी अंधेरे के बीच उजाले भी बहुत है
और वो उजाले भी इस महासंकट से मुक्ति को राह बन रहे हैं
हम कोरोना रूपी मानव इतिहास की सबसे बड़ी त्रास्दी एवं महासंकट के गवाह बन रहे हैं
आज फिर मौक़ा है हमारे पास,
दुनिया को सिखाने का,
ख़ुद को बचाने का,
हिन्दुस्तान को एकता जताने का ।
और विश्व को बताने का,
और विश्व को बताने का,
कि भारत अखंड था अखंड रहेगा;
ना किसी दुश्मन से हारेगा ।
ना किसी बीमारी से हारेगा ।।
सिर्फ़ शांतिपूर्ण सहअस्तित्व संयम और सहयोग से कोरोना मुक्ति की उम्मीदों को साकार किया जा सकता है। हम अपनी संस्कृति एवं विरासत को जीवित करके कोरोना से अधिक सशक्त तरीक़े से लड़ सकते हैं।
कोरोना एक बीमारी नहीं युद्ध है और युद्ध में हमेशा भारत को जीतने की आदत रही है।
आइए हम सब मिलकर इस युद्ध को जीतकर दिखाएं और इसी संकल्प के साथ यह प्रतिज्ञा लें: -
संकट की इस विचित्र घड़ी में हम विवेकशील बनेंगे,
इस वैशषिक आपदा से भारत की लड़ाई में पूर्ण रूप से सहभागी बनेंगे,
अपनी ज़िम्मेदारी का पूर्णतः पालन करते हुए एवं अनुशासन में रहेंगे,
सरकार की ओर से जारी सभी नियमों के पालन को अपनी प्राथमिकता बनाएंगे,
जीवन में आए इस परिवर्तन को सहज रूप से स्वीकार करेंगेऔर सामाजिक संपर्क एवं स्वकेंद्रित गतिविधियों पर ज़ोर देंगे,
प्राकृतिक जीवनशैलीको अपनाएंगे और प्रकृति के रख-रखाव में पूर्ण सहयोग करेंगे,
अपने निज हितों से ऊपर उठकर भारत को सशक्त करने में कार्यरत रहेंगे।
इस चुनौतिपूर्ण समय में भारत कीअर्थव्यवस्था को संभालने का हर संभव पर्यटन करेंगे,
हर कठिनाई में ही उसका हल छिपा होता है,
यह चुनौती भारत के लिए एक अवसर भी हो सकती है,
इस त्रास्दी से उबरने के बाद भारत अपनी उत्पादन और निर्यात को बढ़ा कर अर्थव्यवस्था को मज़बूत कर सकता है ।
सरकार,आयोग और कारोबारी मिलकर भारत को सक्षम बनाने में अहम योगदान दे सकते हैं ।।
स्वदेशी वस्तुओं को अपनाकर हम भी अपने भारतीय होने का सबूत दे सकते हैं ।
त्रस्त्त प्रकृति पुनः मुस्कुराएगी,
ख़ुशहाल मेरा चमन होगा,
बस धैर्य हमें बनाना है ।
एक जुट होकर दिखाना है ।।
अनगिनत दीप जलाकर हमने,
हमारे संकल्प को मज़बूत किया है
आइए सब मिलकर अपनी विशिष्ट शक्तियों एवं प्रतिभा का आवरण करते हुए कोरोना मुक्ति को योजना बनाएँ और भारत को इस प्राकृतिक आपदा का विश्व विजयी बनाएँ ।
रोमा रल्हन ( सहायक प्रोफेसर)
- लवदीप कौर
-गुरप्रीत कौर
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