मेरी कलम

स्याही खत्म हो गयी आज मेरी कलम की 
जब ऐ जिंदगी मैंने तेरे गमों का हिसाब लगाया 
बड़ी ही खूबसूरती से दर्द को सुंदर लफ्ज़ दिए 
इस कदर बेखौफ होकर कलम ने अपना हुनर दिखाया
तुझसे अब डरती नहीं मेरी कलम भी दे ले चाहे लाख गम...
                   
Pritam Shukla
Varanasi


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