सामूहिक प्रतिरोध क्षमता से कोरोना वायरस का अंत 

कोरोना वायरस के नाम से ही कई लोगों मे बेचैनी और अवसाद दिखाई पड़ने लगता है, वजह विगत के दिनों मे अत्यधिक बढ़ा - चढ़ा कर कोरोना वायरस और उससे संबंधित समाचार को लोगों तक पहुचाया गया | भारत जैसे देश मे जहां सोशल डिस्टेनसिंग कई जगहों पर असंभव जैसी है, मास्क का उपयोग सिर्फ मीडिया तक सीमित है ऐसे मे कोरोना वायरस से लड़ने की आंतरिक कमजोर इच्छा शक्ति, कोरोना वायरस को मजबूत बनाती चली जा रही है वही इसके ठीक विपरीत लोग कमजोर पड़ते चले जा रहें है | मजदूरों के पलायन की तस्वीरों ने अनेकों लोगों को विचलित किया है | कई बार हम यह भी सोचने पर विवश हुए है की जीवन और मृत्यु के बीच की कड़ी मे कुछ पल का भी जीवन महत्वपूर्ण है तभी तो करोड़ों लोग जो अपने घरों से दूर रोजगार की तलाश मे गए थे सभी तरह की बाधा को पार करते हुए घर की तरफ रवाना हो गए |

दुनियाँ की दूसरी सबसे बड़ी आबादी, बेरोजगारी, निम्नस्तर का रहन-सहन, जमीनी सुविधाओं का व्यापक अभाव, दोयम दर्जे की स्वास्थ्य व्यवस्था सहित सारी बातें कोरोना वायरस के पक्ष मे दिखाई पड़ती है | सबसे आसान लगता है तो जीवन का समाप्त होना | अभी कुछ दिनों पहले ही हम दुनियाँ भर मे कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या के आधार पर काफी नीचे थे | पर विगत तीन दिनों से हमारे यहा लगभग 10 हजार नये संक्रमित लोगों की संख्या आ रही है जो अत्यंत चिंता का विषय है | विश्वभर मे प्रतिदिन 1 लाख नये संक्रमित लोग सामने आ रहे है | जिसमे हमारी हिस्सेदारी 10 प्रतिशत के आस-पास रह रही है | कोरोना वायरस के संक्रमण की संख्या के आधार पर हम विश्व मे अब 5 वें स्थान पर आ गए है | भारत ने पिछले 24 घंटे मे स्पेन और इटली को पीछे छोड़ दिया है |

अब भारत मे कुल संक्रमित लोगों की संख्या 2 लाख 46 हजार से अधिक है यह देश के लिए चिंता का विषय है | अब तक 1 लाख 19 हजार से अधिक (48 प्रतिशत) से अधिक लोग इस महामारी से ठीक हो चूके है | कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या 6929 है यानि की मृत्यु दर 2.81 प्रतिशत है | कोरोना वायरस के संक्रमण के क्रम मे भारत अब यूनाइटेड किंगडम, रूस, ब्राजील, यूनाइटेड स्टेट्स से पीछे है | ऐसे मे यह सवाल उठना लाजिमी है की क्या हम वास्तव मे कोरोना वायरस से सुरक्षित है ? क्या कोरोना वायरस देश मे बड़ी तबाही लाने वाला है ? इस कोरोना वायरस का इलाज क्या है ? 

विश्व स्वास्थ्य संगठ (WHO) के आपातकालीन प्रोग्राम के डायरेक्टर माइक रेआन ने कहा है की भारत मे अभी तक कोरोना वायरस का विस्फोट नहीं हुआ है लेकिन भारत अब लॉक-डाउन हटाने की दिशा मे बढ़ रहा है तो ऐसे मे ये मामले ज्यादा बढ़ सकते है | माइक रेआन का कहना है की भारत के लिए अलग तरह की चिंताएं है लोगों का तेजी से पलायन हुआ है, शहरी इलाकों मे घनी आबादी है, अधिकतर लोग रोजाना मजदूरी कर जीवन व्यतीत करते है | ऐसे मे कोरोना वायरस के मामले भी काफी ज्यादा बढ़ सकते है | जेनेवा मे अपने दिए गए भाषण मे माइक रेआन ने कहा की सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि अधिकतर दक्षिण एसियाई मुल्कों मे कोरोना वायरस का विस्फोट देखने को नहीं मिला है पर इसका खतरा हमेशा बना हुआ है | भारत ने जिस तरह से देश व्यापी लॉक-डाउन किया था उससे काफी हद तक कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने मे मदद मिली | विश्व स्वास्थ्य संगठ (WHO) ने चेतावनी भी दी है की लॉक-डाउन हटाने से भारत मे कोरोना वायरस के मामलों मे उछाल देखने को मिल सकता है | 

13 मार्च 2020 को माइक रेआन ने कहा था की ईरान और इटली कोरोना वायरस की महामारी मे आपको सबसे पहली पक्ति मे दिख रहें है पर मै इस बात की गारंटी लेता हु की अन्य देश भी इसी परिस्थिति मे जरूर होंगे | और उनकी इस बात को सभी देश स्वतः स्वीकार कर रहे है | ऐसे मे पुनः सबके मन मे यह विचार जरूर आता होगा की भारत की स्थिति कोरोना वायरस के संदर्भ मे कितनी गंभीर है |

मार्च 2020 माह मे इम्पेरियाल कॉलेज लंदन ने अपनी एक स्टडी मे यह घोषणा की थी की भारत मे कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों मे से 35 लाख लोगों के मरने की संभावना है | इसके अतिरिक्त कई अन्य स्टडी रिसर्च ने देश को कोरोना वायरस से बड़ा नुकसान बताया था | पर देश के लिए अच्छी बात यह है की संक्रमण की संख्या जिस तेजी से बढ़ रहा है कही न कही कोरोना वायरस की मारक क्षमता भी तेजी से कमजोर होती चली जा रही है | तभी तो 48% लोग ठीक हुए है और मात्र 2.81 प्रतिशत लोगों ने अपने जीवन को इस महामारी की वजह से गवाया है | कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या जिस तेजी से बढ़ रही है उसी तेजी से इससे ठीक होने वाले लोगों की संख्या भी बढ़ रही है | यदि हम जनवरी 2020 से मई 2020 की अवधि के दौरान मरने वाले लोगों की संख्या का आकलन करें तो कोरोना वायरस की अपेक्षा अन्य बीमारियों से मरने वाले लोगों की संख्या काफी अधिक है |

क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज वेल्लोर के पूर्व प्रिन्सपल डॉ. जय प्रकाश मुलीईल जो देश के अग्रणी महामारी विशेषज्ञों मे से एक है | भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आई सी एम आर) के साथ कई सलाहकार समितियों मे शामिल रहें और संक्रामक बीमारियों के क्षेत्र मे लंबा काम किया है इनका मानना है की सामूहिक प्रतिरोधकता से ही कोरोना वायरस पर काबू पाया जा सकता है | आज उनकी बाते सच होती दिखाई पड़ रही है | भारत मे कुल आबादी का 12.5 प्रतिशत लोग ही 55 वर्ष से अधिक है जिन्हे जरूरत है बचाव की क्योंकि 55 वर्ष से ऊपर लोगों पर कोरोना वायरस का प्रभाव अधिक पड़ा है | विभिन्न खबरों और मीडिया रेपोर्ट्स की वजह से अब लोगों मे कोरोना वायरस की महामारी का डर हम सब को ज्यादा सता रहा है 

समय के व्यतीत होने के साथ-साथ कोरोना वायरस की मारक क्षमता भी कम हुई है और अधिक लोगों मे इस संक्रमण को फैलने के पश्चात इस बीमारी को स्वतः गायब होने की संभावना है | कई भारतीय सरकारी एजेंसियों ने यहाँ तक कहा है की यदि आपमे कोरोना वायरस धीमी गति का है तो आपको घर पर रहकर उससे लड़ना चाहिये | यानि की अब जरूरत डरने की नहीं है बल्कि सतर्कता के साथ लड़ने की और ऐसे मे घर के सदस्य जिनकी उम्र 55 वर्ष से अधिक है उनकी केयर करने की | आगामी कुछ दिनों मे हम विश्व मे इस महामारी के संक्रमण के क्रम मे पहले स्थान पर हो सकते है पर फिर भी डरने की जरूरत नहीं होनी चाहिये | आज इसका सर्वविदित इलाज सामूहिक प्रतिरोध क्षमता का विकास करना है जो संक्रमण बढ़ने के साथ-साथ स्वतः बढ़ जाएगा | जो लोगों के हित  मे होगा और कोरोना के भय से सब को मुक्त कराएगा |

डॉ. अजय कुमार मिश्रा (लखनऊ)
drajaykrmishra@gmail.com

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