मां तुम ऐसा करोगी???

मेरी मौत के  हाथों में  अब डोर  हो गई
तेरी ममता  क्यूं इतनी  कमजोर हो गई
किस शैतां ने   तेरे अंदर  ज़हर भर दिए
दिल के टुकड़े के तुमने  टुकड़े कर दिए

मुझे  खंजर  से मारा  थोड़ा  ना  डरोगी
मैंने  सोचा  ना था मां तुम ऐसा  करोगी

मुझ  बेसमझ  को  तुम  माफ  तो करती
अपने गुस्से को  दिल से  साफ तो करती
मैंने सोने की ज़िद की तूने सुला ही दिया
अपने रिश्ते को पल भर में भुला ही दिया

अब बताओ  तुम  कैसे  जीओगी  मरोगी
मैंने  सोचा  ना था  मां तुम  ऐसा  करोगी

मेरी  चीख  से  तेरा दिल  तड़प  ना पाया
मेरा सीना  चीरते तुझको  तरस ना आया
मैं भागता भी तो  बता किधर को भागता
तूने ताला लगा कर  था बन्द किया रास्ता

इस गुनाह का जन्म जन्म हर्जाना भरोगी
मैंने  सोचा  ना था  मां तुम  ऐसा  करोगी

 

माही मुकेश 🖋️
विद्यार्थी, सेमेस्टर2 ,बी.एड
डी. ऐ. वी. कॉलेज ऑफ एजुकेशन , होशियारपुर (पंजाब)

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