एक ऐसा नाम जिसे सुनने मात्र से असीम शांति और
धैर्य का एहसास होता है | विगत कुछ समय से दूरदर्शन के राष्ट्रीय चैनल पर इसका
प्रसारण किया जा रहा है | रामायण का प्रसारण 24 मार्च 2020 से 18 मार्च 2020 के
मध्य किया गया | उत्तर रामायण का प्रसारण 19 अप्रैल 2020 से हो रहा है आज उस प्रसारण
का अंतिम दिन है | इसके पूर्व 25 जनवरी 1987 से ले करके 31 जुलाई 1988 तक रामायण
का प्रसारण किया गया था | जबकि लव-कुश जिसे उत्तर रामायण के नाम से भी जाना जाता
है का प्रसारण 1988-89 के बीच किया गया था | रामायण मे चुनिंदा खास बातें नहीं है
बल्कि सम्पूर्ण रामायण ही शब्दों की परिभाषा और व्यक्ति की कल्पना से परे है |
रामायण के प्रत्येक कलाकार का अभिनय देखकर आपको ऐसा लगेगा मानो इन सब का जन्म धरती
पर इसी सीरियल मे कार्य करने को लेकर हुआ था
| पहले एपिसोड से लेकर अभी तक के एपिसोड ने जिस तरह से दर्शकों को बाधे रखा है,
उत्साहित किया है, ज्ञान से अभिभूत किया है, वचनों के पालन को दिखया है, हर्षित
किया है, सोच मे परिवर्तन किया है और अमिट प्रभाव लोगों के मन मे पुनः डाला है
उसका निसन्देह दूरगामी अच्छा परिणाम समाज को मिलना चाहिये |
रामायण सीरियल ने अपना ही रिकार्ड तोड़ कर नया
रिकार्ड बनाया है | वर्ष 1987-88 की अवधि के प्रसारण को 65 करोड़ से अधिक लोगों ने
देखा था | जबकि मार्च-अप्रैल 2020 के 25 दिनों के रामायण के प्रसारण को 255 करोड़
से अधिक लोगों ने देखा है जो अपने आप मे नया रिकार्ड है | अकेले 16 अप्रैल 2020 के
प्रसारण को 7.7 करोड़ लोगों ने देखा | यह अपने आप मे विश्व रिकार्ड है | रामायण की
वजह से दूरदर्शन नेशनल (DD National) अपने अस्तित्व मे
आने से लेकर अब तक सबसे अधिक लोगों के द्वारा देखा गया | जिससे दूरदर्शन की टीआरपी
लगातार नंबर 1 पर बनी हुई है | दी वाल स्ट्रीट जर्नल ने रामायण के पुनः प्रसारण की
ख्याति को स्वीकार किया है | रामायण और उत्तर रामायण सबसे अधिक देखे जाने वाले
सीरियल है | रामायण की ख्याति इतनी अधिक है की स्टार प्लस पर इसका प्रसारण 4 मई
2020 से रात 9:30 पर फिर से होगा |
बात आदर्शों की, बात संस्कार की, बात कर्म की,
बात अनुशासन की, बात सत्य की, बात भाईचारे की, बात पितृ भक्ति की, बात निस्वार्थ
भाव की, बात एकता की, बात लक्ष्य प्राप्त करने की, बात उच-नीच के भेद को मिटाने
की, बात सबको महत्व देने की, बात बुराई को समाप्त करने की, बात आज्ञा पालन की, बात
त्याग की, बात सहयोग की, बात नेतृत्व की, बात संयम की, बात धैर्य की, बात कुशल
प्रशासन की, बात जनता के हित की, बात धर्म के रक्षा की, बात प्रेम की, बात कुशलता
की, बात रक्षा की, बात मुश्किल कार्य करने की, बात जुड़े रहने की, बात धन और लालच
से ऊपर उठने की, बात निर्दोष पर अत्याचार न करने की, बात जीवों से प्यार करने की,
बात सिद्धांतों की सब तो समाहित है इस रामायण मे | ऐसे मे यह स्वाभाविक है की एक
बार मे ही लोगों के दिलों-दिमाग मे रामायण पसंद आ जाये |
पर क्या हम रामायण की किसी एक विचारधारा को
जीवन पर्यंत अपने अंदर सँजोये रह पायेगे | कोई एक भी विचारधारा यदि लोगों मे
विद्यमान हो जाए तो उस व्यक्ति के साथ-साथ उसके कुल, आस-पास के लोगों सभी को राम
मिल जायेगे | यह मन बहुत ही चंचल है इसे अपने वस मे करना अत्यंत कठिन है क्योंकि
यह सांसारिक वस्तुओं के पीछे भागता है | अपने हित निजी स्वार्थ को पूरा करने के
लिए आपको प्रेरित करता है | अच्छी विचारधारा लम्बी अवधि तक बनी रहे इसके लिए यह
आवश्यक है की आप नियमित अच्छे विचारो और संस्कारो को अपने जीवन का हिस्सा बना ले |
नही तो रामायण का प्रसारण होता रहेगा और हम सब देखकर मात्र मनोरंजन करते रहेगे | हाँ
यह मै जरूर कह सकता हूँ की बच्चे जिन पर
रामायण का गहरा प्रभाव पड़ा होगा वो भविष्य मे अनुशासित और बेहतर ढंग से अपने जीवन
को व्यतीत कर पायेगे |
रामायण से अनेकों सीख मे से एक सीख यह भी ली जा
सकती है हम सब अपनों की परवाह करना, उनके लिए त्याग करना, उनकी बातों को मानना,
उनको समझना और गलत आदतों को आज से ही दूर करना शुरू कर दे | धर्म हमारे जीवन का
अभिन्न अंग है उसे अपनाकर हम न केवल अपने जीवन को बेहतर बना सकते है बल्कि देश
समाज को बहुत कुछ दे सकते है इसका उदाहरण “रामायण” है | हम सब को यह जरूर
सुनिश्चित करना चाहिये की हमारे घर पर रामायण की एक प्रति आवश्य हो और हम सब पूरा
परिवार इसका अध्ययन नियमित करते रहें | कलयुग की दृष्टि से भी राम और रामायण हमारे
लिए अत्यंत ही जरूरी है | जय श्री राम .. .. ..
drajaykrmishra@gmail.com
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