विश्वसनीयता खोता चौथा स्तम्भ
दुनियाँ के कई देशों के लिए चौथा स्तम्भ आज भी अति
महत्वपूर्ण है | इनमे इतनी ताकत होती है की इनके प्रभाव से सरकारे बन या बिगड़ सकती
है | आम आदमी की समस्याओं को उठाकर सरकारों को बाध्य कर सकते है उसका त्वरित निदान
करने को | भारत मे चौथे स्तम्भ की भूमिका अति महत्वपूर्ण रही है | पर जब चौथे
स्तम्भ के स्वरूप का बारीकी से अध्ययन करेगे तो आपको कई अललग तरह के स्वरूप मिलेगा
| सोशल मीडिया, प्रिन्ट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, इंटरनेट इन सभी प्लेटफॉर्म
पर इनकी पहुच है | साथ ही आम आदमी तक इनकी पहुच तेजी से बढ़ती चली जा रही है |
हाल ही मे मीडिया ने बिहार की ज्योति कुमारी के
साहस की कहानी बयां कर रातों रात उन्हे स्टार बना दिया आज कई राजनैतिक दल, फिल्मी
संगठन, सामाजिक संगठन उनसे जुड़ना चाहते है | कुछ मीडिया ने तो यहाँ तक विवेचन किया
है की ज्योति कुमारी की हालत पीपली लाइव फिल्म की तरह हो गयी है | यानि की आज
मीडिया सबसे ताकतवर है सही को सही कहने और गलत कहने की आवश्यकता जरूर इन मीडिया से
होती है पर वास्तविकता इससे अभी परे ही है |
आज के दशकों पहले कोई घटना दिल्ली मे होती थी
तो देश के अन्य कोने मे पहुचने मे कई-कई दिन लग जाते थे कई ऐसी जगह भी है जहां ये
खबरे पहुँच ही नहीं पाती थी | पर आज के इस आधुनिकतम स्वरूप मे पलक झपकते ही खबर
देश के कोने-कोने मे पहुँच जाती है | कई ऐसी खबरें भी है की जिनके घटित होने के
पहले ही मीडिया मे चल रही होती है और बाद मे वो खबरे सही साबित होती है |
मीडिया के कई स्वरूपों मे खोजी पत्रकारों की
जरूरत आज के समय मे अधिक है जो सही को सही गलत को गलत कहने की जहमत उठा सकें | समाज
की समस्याएं लोगों तक आ सकें | पर इस समाचार की बाढ़ मे कई अच्छी खबरें दब सी जाती है
और खबरें जिसे मीडिया आपको दिखाना चाहता है वही आपको दिखाता है | फेक खबरों का मायाजाल
चारों तरफ फैला हुआ है | खबरें प्रायोजित की जाती है जिसके पीछे कई बड़े लोगों का हित
जुड़ा होता है |
दो दशक पहले मीडिया और राजनीति अलग-अलग थे पर अब
इनकी आपसी जुड़ाव ने लोगों को वास्तविक खबरों से दूर कर दिया है जिससे नये मीडिया की
विश्वसनीयता बनी रहती है और जैसे ही लोगों की अपेक्षा पर वह मीडिया नहीं उतरता विश्वसनीयता
खत्म हो जाती है | कुछ राजनैतिक दलों ने मीडिया की ताकत को बखूबी समझा है नतीजन जन-जन
तक वही बातें पहुचाने मे सफल हो रहे है जिससे उनको लाभ है | विपक्ष का अस्तित्व खत्म
हो गया है और अब लोगों को सम्मोहित किया जा रहा है | जिसका लाभ सत्ता और शासन के रूप
मे राजनैतिक दल को मिल रहा है |
देश के चौथे स्तम्भ की विश्वसनीयता मे दिन प्रतिदिन
गिरावट आ रही है वजह लोग अब सच्चाई से रूबरू होना शुरू हो गए है | कोई भी लंबे समय
तक मीडिया को वश मे करके आम जनता को गुमराह नहीं कर सकता ऐसे मे जमीनी कार्य के साथ-साथ
लोगों की जरूरतों को पूरा करना अति आवश्यक है | अपनी कार्य प्रणाली और लोगों को सही
के बजाय अपने पसंद की न्यूज पहुचाने की वजह से कई मीडिया की लोकप्रियता मे गिरावट आनी
शुरू हो गयी है | जिसका लाभ क्षेत्रीय मीडिया को मिल रहा है | साथ ही अब जरूरत है ऐसे
मीडिया की, जो देश मे जन-जन की समस्याओं को उठा सकें बल्कि देश की वास्तविक तस्वीर
लोगों तक पहुचा सके | तभी जा करके चौथे स्तम्भ की लोकप्रियता को बढ़ाया जा सकता है
| और यह तभी हो सकता है जब निजी स्वार्थ और लालच के बाहर आकर के सच को सामने लाने के
लिए प्रयास किया जाए |
डॉ. अजय कुमार मिश्रा (लखनऊ)
drajaykrmishra@gmail.com
Nice article.
जवाब देंहटाएंलेखक के द्वारा मीडिया की कार्यशैली की बिल्कुल सही व्याख्या या चिंता जो कह लीजिए। वास्तव में आज के परिवेश में मीडिया हाउस के नाम स्मरण मात्र से पता चल जाता है ये किस राजनीतिक दल को समर्थन करते हैं। फेक न्यूज़ की तो बाढ़ सी आ गई है। इस लेख में बिहार के ज्योति कुमारी की जिक्र की गई है वो चिंता भी जायज है क्योंकि उस इलाके के कुछ लोगों को यकीन नही हो रहा है।
जवाब देंहटाएंकुल मिलाकर लेखक के विचार चौथे स्तंभ पर बिल्कुल सटीक हैं।
लेखक के द्वारा मीडिया की कार्यशैली की बिल्कुल सही व्याख्या या चिंता जो कह लीजिए। वास्तव में आज के परिवेश में मीडिया हाउस के नाम स्मरण मात्र से पता चल जाता है ये किस राजनीतिक दल को समर्थन करते हैं। फेक न्यूज़ की तो बाढ़ सी आ गई है। इस लेख में बिहार के ज्योति कुमारी की जिक्र की गई है वो चिंता भी जायज है क्योंकि उस इलाके के कुछ लोगों को यकीन नही हो रहा है।
जवाब देंहटाएंकुल मिलाकर लेखक के विचार चौथे स्तंभ पर बिल्कुल सटीक हैं।
Such a great thought and fit to today corona virus environment. The problem of migrants are everywhere but media is showing choice news of their owner. Everyone must think about it.
जवाब देंहटाएंवाह, आज के परिवेश में आपने मिडिया का जो चरित्र चित्रण किया है, वह बिल्कुल सटीक एवं काबिलेतारिफ है।
जवाब देंहटाएंNice article. Integrity and honesty has to be inculcated to make the pillar strong.
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