यदि आप किसी ऐसे बच्चों के माता-पिता है जो
अनलाइन शिक्षा ले रहा है या लेने वाला है तो यह लेख आपके लिए अत्यंत जरूरी है | मेरे
एक ग्रामीण मित्र ने मुझे फोन करके यह पूछा यार कौन सा मोबाईल खरीदु | मैंने उनसे
कहा आपके पास तो एक मोबाईल है फिर दूसरा मोबाईल ? उन्होंने जबाब दिया बेटी मेरी 11
वी क्लास मे है और उसकी पढ़ाई कुछ हो नहीं पा रही है | मोबाईल ले लूँगा तो कम से कम
ओं-लाइन पढ़ाई तो कर पाएगी | आज मेरे मित्र जैसे लाखों लोग इस बात को सोच रहें है या
कर रहे है | कुछ लोगों ने मोबाईल खरीदना शुरू भी कर दिया है, क्योंकि शिक्षा जरूरी
तो है ही और कोरोना वायरस की इस महामारी मे इसकी आवश्यकता प्रत्येक व्यक्ति ने महसूस
किया है |
विभिन सर्वे एजेंसियों की माने तो लोगों मे
इंटरनेट डाटा खर्च करने की गति दुगुने से अधिक हो गयी है | सोशल वेबसाईट पर लोग
अधिक समय व्यतीत कर रहें है | अनलाइन गेमिंग मे तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है | कई
लोगों के लिए इंटरनेट इस लॉक-डाउन मे वरदान से कम नहीं है | वेब के जरिए
कॉन्फ्रेंस मीटिंग्स और घर से काम करने की वजह से मोबाईल /इंटरनेट के प्रयोग मे
तेजी से वृद्धि हुई है |
आधी से अधिक आबादी जिन तक इंटरनेट और मोबाइल की
पहुच कम थी अब तेजी से मांग के रूप मे आ रही है | गावों के लोग इंटरनेट से जुड़
करके अपने बच्चों की पढ़ाई कराना चाह रहे है | इससे मोबाईल की मांग मे तेजी से
वृद्धि आ गयी है | कोरोनावायरस की महामारी का प्रभाव देश मे भले ही कम हो पर
शिक्षा के क्षेत्र मे इसका प्रभाव गहरा पड़ रहा है | शहर मे भी जिनके दो बच्चे है
उनके लिए नया मोबाईल या कंप्युटर की जरूरत बढ़ी है |
कोरोना वायरस ने कई परिवर्तन किए है जिनमे से
एक परिवर्तन फेस टू फेस के बजाय डिजिटल टू डिजिटल कार्य करने की जरूरत सबने महसूस किया है
| टाटा जैसी कम्पनी ने अपने आईटी सेक्टर की कंपनियों के लिए प्लान बनाया है की
आगामी कुछ वर्षों मे 85 प्रतिशत कर्मचारी घर से काम करेगे |
मोबाईल और इंटरनेट की जरूरत इस परिवर्तन मे है
और निसन्देह इसकी पहुच जल्द घर – घर तक बढ़ने वाली है फिर चाहे गाँव हो या शहर | पर
इन सब मे एक जरूरत यह भी है की जिस तरह से अनलाइन विभिन्न तरह के अनावश्यक विषय
बच्चों के लिए उपलब्ध है उन पर भी प्रतिबंध लगाया जाए अन्यथा बच्चों के दिमाग पर
गहरा नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा |
यदि आप सोशल साइट्स, वेब ऐप्लकैशन प्रयोग करते
होंगे तो आप मेरी बातों से सहमत होंगे | वेब सीरीज पहले उस सेवा प्रदाता के पास
आती है फिर विभिन्न फ्री जगहों पर पहुच जाती है | यहाँ यह समझना जरूरी है की वेब
सीरीज पर कोई भी नियंत्रण नहीं जिससे ऐसे कंटेन्ट दिखाए जाते है जो सभी के लिए सही
नहीं है |
इसके अलावा इंटरनेट पर ढेरों कंटेन्ट पड़े है पर
उन कंटेन्ट को सही या गलत की समझ सब के पास नहीं होती जिससे बच्चे अपने उद्देश्य
से भटक सकते है | अतः जब भी आप बच्चों को मोबाईल इंटरनेट पढ़ने के लिए दे तो उन्हे
पढ़ाई के उद्देश्यों को जरूर बताए | साथ ही यह सुनिश्चित करें की जरूरी एप्प ही
मोबाईल मे हो सोशल मीडिया से पूर्णतः बच्चों को बचाना चाहिये अन्यथा जिस उद्देश्य
की पूर्ति हेतु हम अनलाइन शिक्षा मे जा रहे है वो ऐसे पाठ पर बच्चों को धकेल देगा
जहां से वापस अन्य असंभव तो नहीं पर कठिन जरूर होगा |
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