धीरे –धीरे ही सही पर अब खुलकर यह बात सामने आने लगी है की
कोरोनावायरस चीन के वुहान के लैब से आया
है | यह वायरस कितना खतरनाक है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है की
विश्वभर मे 1.71 लाख लोगों की मृत्यु इस वायरस से अबतक हो
गयी है | दुनियाँ भर मे लगभग 25 लाख लोग इस वायरस से संक्रमित है | अकेले यूनाइटेड
स्टेट मे अब तक 42897 लोगों की मृत्यु हुई है | संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है | चीन
ने अपने यहाँ हुई मृत्यु का डाटा संशोधित किया है अब यह संख्या 4632 है | हाल ही मे
प्रकाशित कई समाचार पत्रों मे यह शंका जाहीर की गयी थी की चीन मे कोरोनावायरस के प्रकोप
की अवधि मे लगभग 1 करोड़ मोबाइल धारक कम हुए है | जबकि चीन मे मोबाइल अनिवार्य है |
कई मीडिया ने यह भी बात कही थी की चीन के वुहान शहर मे उठ रहें धुएं से अंदाज
लगाया जा सकता है की रोज वहाँ हजारों लोग जलाए जा रहें है | सोशल मीडिया मे चीन के
अपने लोगों को जबरजस्ती ले जाने का विडिओ भी कई कहानी कहता है | यदि इन खबरों पर
विश्वास करें तो अकेले चीन के वुहान शहर मे एक करोड़ के आस-पास लोगों की मृत्यु हुई
है
वुहान से चीन के कई मुख्य शहर की दूरी कम होने पर भी यह वायरस
वहाँ नहीं पहुंचा जबकि विश्व के अधिकांश देशों मे यह पहुँच चुका है | इसी वजह से
इस बात को बल मिलता है की कोरोनावायरस चीन के वुहान शहर के लैब मे तैयार किया गया
होगा | भले ही इस वायरस को तैयार करने का उद्देश्य महामारी लाना नहीं रहा हो पर
चीन के अपने उद्देश्यों मे असफल होने की भरपाई पूरा विश्व कर रहा है | चीन के
वुहान शहर की वास्तविकता दिखाने वाले कई पत्रकार गायब है | विश्व के कई देश, जैसे
ब्रिटेन, अमेरिका, जर्मनी, जापान के कई विद्वानों का मानना है की चीन विश्वभर से
कुछ छुपा रहा है और इस विषय मे इसकी गतविधियाँ संदिग्ध है |
फ्रेंच के विरोलोगीस्ट और नोबेल अवॉर्ड के विजेता लुक
मोन्टागनीर ने यह दावा किया है की चीन के द्वारा एड्स की दवा बनाते समय की गयी
गलती की वजह से कोरोनावायरस का जन्म हुआ है | इनके इस दावे ने विश्वभर की आशंका को
नया मोड़ दिया है | अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने चीन को चेतावनी दी है की
यदि यह पाया जाता है की कोरोनावायरस चीन के द्वारा तैयार किया गया है तो उसकी
उन्हे भरपाई करनी होगी | हाल ही मे चीन ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प
की मांग की “अमेरिकी टीम चीन मे जाकर यह जांच करेगी की कोरोना वायरस कहाँ से आया” अस्वीकार यह कहते हुए कर दिया की इस वायरस से
हम खुद पीड़ित है | जापान ने यह स्पष्ट कर दिया है की वह विश्व के अन्य देशों मे
अपने उद्योगों के लिए जगह तलाश रहा है और चीन मे अपनी सारी इकाई को वहाँ से हटा
देगा | यानि की विश्व के कई देश चीन से न केवल नाराज है बल्कि उसे अलग-थलग करना
चाहते है | चीन की सारी गतिविधियां कोरोनावायरस के विषय मे संदिग्ध रही है | भारत
ने भी चीन के लिए विदेशी निवेश के नियमों मे बदलाव कर दिया है जिसका विरोध चीन ने
किया है | विश्व के सभी देश चीन को संदेह की दृष्टि से देख रहें है |
हाल ही मे जर्मनी ने 13000 करोड़ पाउंड का बिल चीन को भेजकर यह
कहा है की जर्मनी को इस राशि का नुकशान चीन के कोरोनावायरस की वजह से हुआ है |
जर्मनी के बिल भेजने से चीन बौखलाया हुआ है | कई देशों का मानना है की चीन के ऊपर
अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट मे केस चलाया जाए | चीन इस समय कितना बौखलाया हुआ है आप इसका
अंदाजा इसी बात से लगा सकते है की किसी देश ने कोरोनावायरस को चीनी वायरस कह दिया
था तो चीन ने इसका जोरदार विरोध किया | वास्तविक सच्चाई जो भी हो पर इस बात को
झुठलाया नहीं जा सकता की इस वायरस से लाखों लोग संक्रमित हुए है और हजारों
प्रतिदिन हो रहें है | जिनमे से हजारों लोगो की मृत्यु भी हो रही है | आजतक कोई भी
देश इस वायरस का इलाज नहीं खोज पाया है जबकि विश्व के टॉप रिसर्च कंपनी लगी हुई है
| भविष्य मे चीन मे कोरोनावायरस के जन्म को लेकर सच्चाई सामने क्या आती है यह तो
समय के गर्भ मे छिपा हुआ है पर कोरोनावायरस के चलते विश्वभर से चीन आज अलग-थलग पड़ा
हुआ है और दुनियाँ उसे संदेह की दृष्टि से देख रही है | यदि भविष्य मे चीन के दावा
गलत साबित होता है तो उसे बड़ी भरपाई करनी होगी |
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