अंधकार पर प्रकाश हमेशा विजय का प्रतीक रहा है । सभी धर्म
मजहब समुदाय में प्रकाश का विशेष महत्व है । अयोध्या में प्रभु राम चन्द्र जी की
वापसी को हम सब दीपावली के रूप में मनाते है और जीवन मे उत्साह धर्म कर्म विचार
व्यवहार और सामाजिकता के हितों के लिए प्रतिबद्ध होते है । आज देश के कोने कोने
में यह अद्भुत प्रकाश देखने को मिला । यह सिर्फ प्रकाश ही नही आत्मविश्वास का
प्रकाश है, मजबूत इच्छा शक्ति का प्रकाश है एकजुटता का
प्रकाश है सोशल डिस्टेंसिंग के प्रति वचन बद्धता का प्रकाश है । देश के इतिहास के
पहले ऐसे नेता श्री नरेन्द्र मोदी जी है जिन्होंने इस महामारी की वैश्विक स्थिति
में जन जन के आत्मविश्वास को मजबूत किया है । यह नेतृत्व का ही प्रभाव है कि करोड़ो
की आबादी को सही उद्देश्य के लिए एक साथ ला खड़ा किया है ।
दीया जलाना आपमे से कुछ लोगो को बचकाना लग सकता है परंतु आम
जनता की मजबूत इच्छाशक्ति और नेतृत्व के प्रति विश्वास और समर्पण देखकर यह तो तय
है कि कोरोना वायरस से विश्व मे मात्र भारत के ही प्रत्येक नागरिक सिद्दत से लड़
रहे है । देश के प्रधानमंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री ने ढेरो कार्यविधियाँ
अपनाकर बिना रुके अनेको कार्य कर रहें है । उनके त्याग और कार्य को देखकर हम सब
आश्वस्त है कि हम जरूर कामयाब होंगे ।
दीया जलाना और थाली बजाना दोनों देश की एकजुटता और
सामूहिकता का सूचक है । मोदी जी ने लोगो को एक दूसरे से और नजदीक जुड़ने और समझने
का सुअवसर दिया है ।
आज इस दीयो के प्रवज्जलन से कई बातें स्पष्ट हो गयी है कि
हम कोरोना वायरस से जीतेंगे बल्कि हम एक साथ है । मानवता और मानवीय मूल्यों का भी
विस्तार हुआ है । आजके प्रकाश लोगो मे लम्बी अवधि तक मानवता और भविष्य में आने
वाली अनेको कठिनाइयों से लड़ने हेतु आत्म विश्वास का निर्माण कर चुकें है । आज
इतिहास लिखा जा चुका है जिसका दूरगामी परिणाम सकारात्म अवश्य होगा ।
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