कल यानि 5 अप्रैल 2020 को रात 9 बजे भारत
के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने दीया, मोमबत्ती, टॉर्च या मोबाईल फ्लैश लाइट
जलाने की अपील देश के प्रत्येक नागरिक से की है, साथ ही उन्होंने यह भी कहा की
दीया केवल अपने घर के बालकनी मे ही जलाएं | घर के बाहर बिल्कुल भी एकत्रित न हों |
इसके पूर्व नरेंद्र मोदी ने अपील की थी की 22 मार्च को ताली-थाली बजाकर कोरोना से
लड़ रहे योद्धाओं का सम्मान करें | जिसका जोरदार समर्थन आम जनता द्वारा देश के कोने
– कोने से किया गया था | प्रधानमंत्री के अपील के बाद कई लोग, संगठन ने इस पर
प्रश्न उठायें है | कोरोनावायरस पर विजय पाने के लिए और देश के प्रत्येक नागरिक को
सुरक्षित करना कितना आवश्यक है और प्रधानमंत्री जी द्वारा किए जा रहें प्रयासों को
यहाँ समझना समय की मांग भी है | क्या दीया जलाना आवश्यक है ?
कोरोनावायरस COVID-19 चीन से चल कर अब तक 205 देशों मे पहुँच चुका है |
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अंतर्राष्ट्रीय आपदा एवं जोखिम आकलन मे रेटिंग “बहुत
अधिक” घोषित किया है | चार माह की अवधि मे ही कोरोनावायरस ने विश्वभर मे 11.39 लाख
लोगों को संक्रमित किया है, इससे मरने वालों की संख्या 60874 है और 2.33 लाख लोग
इस संक्रमण से ठीक भी हुए है | भारत मे 3072 लोग इससे संक्रमित है जिनमे से 75
लोगों की मृत्यु हो चूकी है और 213 लोग इस संक्रमण से ठीक भी हुए है | इस वायरस से
सबसे अधिक प्रभावित होने वाले देश क्रमवार है 1. अमेरिका 2. स्पेन 3. इटली 4. जर्मनी
5. फ्रांस 6. चीन और 7. ईरान | संक्रमित लोगों की संख्या के आधार पर भारत का स्थान
विश्व मे 32 है | विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार अब भारत कोरोनावायरस
की लोकल ट्रांसमिशन की श्रेणी मे है | विभिन समाचार पत्रों और सोशल साइट्स के
माध्यम से सभी को इस संक्रमण की भयावह स्थिति के बारे मे हम सब को पता है | स्थिति
कितनी भयावह है इस बात से समझा जा सकता है की “संक्रमित व्यक्ति की मृत्यु के
पश्चात भी उसे कोई न छु सकता है न सभी लोग उसके अंतिम दर्शन ही कर सकतें है |”
भारत कोरोनावायरस को अपने नियंत्रण मे
लेने के आखिरी चरण मे ही था की तबलीगी जमात के लोगों ने अपनी हरकतों से आम जनता को
न केवल भयभीत कर दिया है, बल्कि संक्रमण को चारों तरफ बढ़ा दिया है, जिसे नियंत्रित
करने के लिए राज्य और केंद्र सरकार को एड़ी चोटी का जोर लगाना पढ़ रहा है | एक
समुदाय विशेष के लोग फिर से मानव और मानवता के दुश्मन के रूप मे इस विषम परिस्थिति
मे पहचाने गये है | देश मे कुल कोरोनावायरस संक्रमित लोगों मे 30 प्रतिशत तबलीगी
जमात के लोग है | तबलीगी जमात से जुड़े 22 हजार लोगों को क्वारंटाइन किया गया है और
छिपे हुए लोगों की तलाश जारी है |”
लॉकडाउन समेत देश की समस्त अंतर्राष्ट्रीय
कार्यविधियों को रोकना, राज्य की सीमाओं का सील किया जाना, आम जनता की आवश्यक
सेवाओं और कार्यों को छोड़ कर समस्त कार्यों को पूर्ण रूप से प्रतिबंधित कर दिया
जाना, देश के प्रधानमंत्री द्वारा आपदा पर नियंत्रण हेतु कई घोषणाओं और सहूलियतों
का किया जाना, विभिन्न प्रदेश के मुख्यमंत्री और देश के प्रधानमंत्री द्वारा
अनेकों नीति नियमों को अपनाकर इस विषम परिस्थिति से उभरने का कार्य लगातार जारी है
| अनेकों प्रतिबंधों और लिए गए निर्णयों की वजह से देश को प्रतिदिन डॉलर एक बिलियन
की क्षति हो रही है | सरकार देश के प्रत्येक नागरिक को इस संक्रमण से बचाने के लिए
यह सब कर रही है |
अब तक दीया जलाने के वैज्ञानिक और
आध्यात्मिक कारणो और विचारों से हम सब विभिन्न माध्यमों से अवगत हो चूकें है |
किन्तु वास्तविकता उन कारणों से भी ऊपर है | यह दूरदर्शी नेतृत्व ही है जो इस तरह
की अपील करके लोगों को न केवल साहस प्रदान कर रहा है बल्कि इस महामारी से लड़ने के
लिए एकजुट भी कर रहा है | यदि लॉक-डाउन हटा दिया जाए तो लोकल ट्रांस-मिशन रॉकेट की
गति से बढ़ेगा और चारों तरफ सिर्फ त्राहि-त्राहि ही दिखेगी | ऐसे समय मे नरेंद्र
मोदी जी का यह निर्णय कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक एवं देश के प्रत्येक नागरिक
मे इस महामारी से लड़ने का आत्मविश्वास जरूर उत्पन्न करेगा | आइये दीया जलायें और
आत्म विश्वास बढ़ाये |
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