भारत मे कोरोनावायरस का पहला केस 30 जनवरी 2020 को संज्ञान मे आया था और अबतक 17,265 लोग इससे संक्रमित है जिनमे से 2547 लोगों इस संक्रमण से ठीक हो चूके है जबकि 543 लोगों की इस संक्रमण से मृत्यु हो गयी है | 20 मार्च 2020 के पहले हम सब एक ऐसे उद्देश्य की पूर्ति के लिए भाग रहे थे शायद जिसका अंत मृत्यु के पश्चात ही होता | कही न कही हम पर बजारवाद भारी था | सुबह समाचार पत्रों, से लेकर रात्री को सोने जाने के पहले तक हमारे दिमाक मे किसी चीज को खरीदने या पाने की लालसा ही रहती थी | हमे पैसे और पैसे के अतिरिक्त शायद ही कुछ सुनाई और दिखाई नहीं पड़ता रहा हो | व्यक्तिगत आवश्यक जरूरतों के स्थान पर उपभोग और विज्ञापन की प्रभावशाली वस्तुओं को प्राप्त करने के पीछे हम सिद्दत से लगे हुए थे | इस भागदौड़ मे हम अपने परिवार, समाज, और जमीनी आवश्यकता, जीवन के मुख्य उद्देश्य को कही न कही पीछे छोड़ते चले जा रहें थे | हम प्रत्येक खुशी को सिर्फ पैसे से पाना चाहते थे | चाहे वह स्वयं से संबंधित हो या फिर परिवार से |

कहतें है की समय अपने आप को दोहराता जरूर है | स्वरूप थोड़ा अलग जरूर हो सकता है | उदाहरण के तौर पर जिस रामायण महाभारत को देखकर हम सब ने अपने जीवन मे कई अच्छे संस्कार को उतार था आज वही हमारे बच्चों को सीखने का मौका मिल रहा है | समय जैसे रुक सा गया है | न भविष्य की चिंता न कल का डर, परिवार का आपसी अतुल्य प्रेम, एक दूसरे को समझने के लिए समय ही समय | इससे अच्छा अवसर शायद पुनः किसी के जीवन मे आए | अच्छे और बेहतर वातावरण के लिए प्रकृति को भी अवसर प्राप्त हो गया | आज प्रकृति का पुराना और बेहतर स्वरूप दिख भी रहा है |

इस त्रासदी और भय के वातावरण मे भी अनेकों अच्छाइयाँ छिपी हुई है जरूरत है तो उसे समझने और जानने की | आत्मविश्लेषण करने की | जरूरत है धैर्य से अपना मूल्यांकन करने की | जरूरत है जीवन के लक्ष्य को जानने की | जरूरत है माँ-बाप, भाई-बहन के प्रति अपने उत्तर दायित्व को समझने की | जरूरत है मूलभूत आवश्यकताओं को समझने की | जरूरत है प्रकृति को समझने की | जरूरत है पारिवारिक दायित्व को समझने की | और सारी जरूरतों को समझने के लिए समय ही समय है | कोरोनावायरस ने त्रासदी के साथ-साथ अवसर को भी लाया है जिसका उपयोग हम अपने  और अपनों के लिए कर सकते है ताकि जब फिर से जिंदगी की रेस शुरू हो तो हम हमेशा अपनों को प्राथमिकता के केंद्र मे रखकर सारा कार्य करें जिससे खुशी के साथ – साथ अपने जीवन के उद्देश्यों की पूर्ति भी हो जाएगी | सोचिएगा जरूर ..!

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