विश्वभर मे कोरोना ने त्राहि-त्राहि
मचाया हुआ है | भारत भी इससे अछूता नहीं है | उत्तर प्रदेश के कुल 75 जिलों मे से 59 जिलों मे कोरोना वायरस के संक्रमण के केस है | लखनऊ, आगरा, कानपुर, नोएडा
जैसे स्थान पर इनकी अत्यधिक संख्या है | ऐसे मे एक जिला ऐसा भी है जहां कोरोना
वायरस के संक्रमण का एक भी केस नहीं है | जबकि इस जिले के सर्वाधिक लोग जिले से से
बाहर, मुम्बई, दिल्ली, बैंगलोर, कोलकाता जैसे महानगरों मे रोजगार करते है | यह
अपने आप मे आश्चर्य से कम नहीं है, क्योंकि भदोही जिले की कार्पेट दुनियाभर मे
भेजा जाता है | और अन्तराष्ट्रीय आवागमन भी खूब होता है | एक समय भदोही विश्व मे
कार्पेट के मामले मे पहले स्थान पर था | पर चीन के इस मार्केट मे आने से भदोही को
काफी नुकसान हुआ |
वैश्विक महामारी की और चीन के वूहान शहर
से कोरोना वायरस के होने की वजह से दुनिया एक बार पुनः कार्पेट के लिए भदोही की
तरफ अपना रूख कर रही है | जर्मनी, स्वीट्जरलैंड,
ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, ऑस्ट्रिया
और इजराइल देश मे इस समय भदोही के कार्पेट की अत्यधिक मांग है | भदोही जिले ने भी
अपने आप को इस महामारी मे दुनियाँ की मांग पूरी करने के लिए तटस्थ है तकरीबन दो
हजार करोड़ के कारपेट जिले मे लगभग तैयार रखा है, जो अपने फिनिशिग
के स्टेज मे है |
मुलायम सिंह यादव ने 30 जून 1994 को
भदोही को उत्तर प्रदेश का 65 जिला घोषित किया था | इससे पूर्व यह वाराणसी जिले का
हिस्सा था | वाराणसी, मिर्जापुर, प्रयागराज, और जौनपुर से यह घिरा हुआ जिला अपने
आप मे कई इतिहास को सजोये हुए है | भदोही जिले मे तीन तहसील है भदोही, औराई और
ज्ञानपुर | इन तहसीलों मे 6 ब्लॉक है | 3 विधानसभा सीट और 1 लोक सभा सीट “भदोही” नाम से है | सीता समाहित स्थल, लोग इसे सीतामढ़ी के
रूप मे भी जानते है की अनुकंपा जिले के लोगों मे खास तौर पर रहती है | बाबा हरिहर
नाथ का मंदिर जिले मे सभी के आकर्षण और श्रद्धा का केंद्र है | भदोही के गमछे की
बात ही निराली है | दुनिया आज मास्क की बात कर रही है जबकि भदोही के लोग दशकों से
गमछे का प्रयोग मास्क के रूप मे करते चले आ रहे है |
भदोही मे कोरोना वायरस का कोई केस न
होने के पीछे यहाँ के लोगों की जीवन शैली, सामाजिक विकास की विचारधार, आपसी एकता, आध्यात्म
की प्रमुखता, सोशल डिस्टेनसिंग, स्वच्छता को प्रमुख्यता देना और कठिन परिश्रम करने
की आदत के साथ-साथ जिला प्रशासन और जिलाधिकारी श्री राजेन्द्र प्रसाद के द्वारा
लिए गए निर्णयों की आहम भूमिका रही है | इसके अतिरिक्त जो लोग जिले से बाहर रह
रहें है जिले मे आने पर स्वयं को क्वारंटीन कर रहे है और किसी भी तरह से कोरोना
वायरस के लक्षणों के आने पर जिला स्वास्थ विभाग उन्हे उचित सलाह और इलाज दे रहा है
|
युवाओं का इस विषय मे मानना है की शिव
जी के त्रिशूल की नोक पर भदोही जीला स्थित है और यहाँ महामारी के आने का मतलब है
की अन्य जगहों पर भीषण तबाही का होना | जिले के युवा आज भी अपने नैतिक और
पारिवारिक मान्यताओं और अपने से बड़े लोगों को जो सम्मान, प्यार देते है वह दुनियाँ
मे कही और देखने को नहीं मिलता है | इतने अनूठे संगम के होने से शायद स्वयं कोरोना
को भी इस जिले के लोगों से डर लग रहा होगा | इस जिले का प्रत्येक आदमी सरकार के हर
निर्णय को अपना निर्णय समझ कर पालन करता है | यही वजह है की जहां दुनियाँ इस वायरस
से परेशान है वही इस जिले को इस त्रासदी मे भी अच्छे अंतर्राष्ट्रीय व्यवसाय की
उम्मीद है | तभी तो कहते है “राजा ई हौ भदोही जिला”
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