25 मार्च 2020 के पहले लोगों की सामान्य सी जिंदगी,
बाद मे असामान्य रूप से परिवर्तित हो गयी | जिंदगी की कई अलग-अलग महत्वपूर्ण प्राथमिकताओं
की जगह आत्मसुरक्षा और एकांत ने ले लिया है | 130 करोड़ की आबादी वाला देश जहां चारों
तरफ भीड़ दिखती थी आज सन्नाटा पसरा हुआ है | सभी घरों मे रहकर इस महामारी के खिलाफ लड़ाई
लड़ रहें है | 21 दिन के लॉकडाउन की अवधि 14 अप्रैल 2020 को पूरी हो रही है, परंतु कुछ
राज्यों ने इस अवधि को 30 अप्रैल तक का विस्तार कर दिया है | कई और राज्य इस अवधि को
बढ़ाने वाले है | सुबह समाचार पत्रों से लेकर, न्यूज चैनलों, सोशल मीडिया और लोगों रिस्तेदारों
की आपसी बातचीत, घर मे परिवार के सदस्यों से बातचीत मे सबसे पहले कोरोनावायरस का जिक्र
आ रहा | कोई भी कार्य हो उसके न होने के पीछे मात्र एक ही कारण है वो है कोरोनावायरस
|
ऐसे मे यह विचार आना स्वाभाविक ही है की क्या जरूरत
से अधिक कोरोनावायरस की चर्चा चारों तरफ हो रही है | जबकि विश्व की कुल आबादी 777.71
करोड़ मे से मात्र 17.90 लाख लोग इस संक्रमण से संक्रमित है जो की कुल आबादी का 0.02
प्रतिशत है | संक्रमण से मरने वालों की संख्या 1.09 लाख है जो की कुल आबादी का 0.0014
प्रतिशत है | आपको यह जानकार भी आश्चर्य होगा की वैश्वीकस्तर पर प्रतिदिन 3.60 लाख
लोग प्रतिदिन जन्म लेते है | यानि की दिसम्बर 2019 से लेकर 12 अप्रैल 2020 तक लगभग
4.32 करोड़ लोगों ने जन्म लिया है |
अब तक भारत मे कोरोनावायरस से संक्रमित लोगों की
कुल संख्या 8447 है जिसमे से 765 लोग ठीक हुए है और 273 लोगों की मृत्यु इस संक्रमण
से हुई है | यदि देखा जाये तो 10 लाख लोगों मे से 6.21 लोग संक्रमित है | जबकि वैश्विक
स्तर पर इसकी संख्या 10 लाख लोगों मे 230.02 है | आपसब को यह जानकर आश्चर्य होगा की
भारत मे एक ऐसी भी बीमारी है जिससे प्रतिवर्ष 28 लाख लोग संक्रमित होते है | जिनमे
से 4.35 लाख लोगों की प्रतिवर्ष मृत्यु हो जाती है यानि की लगभग 1200 लोग प्रतिदिन
अथवा 50 लोग प्रतिघण्टे इस बीमारी से मर जाते है | जी हाँ यह बीमारी है टी.बी. (Tuberculosis) | जबकि
इस बीमारी की दवा भी उपलब्ध है | यहाँ इस बात का जिक्र करने का
मुख्य उद्देश्य यह है की कोरोनावायरस के अत्यधिक चर्चा के कारण लोग अपने आप को असुरक्षित
महसूस करने लगें है | लोगों मे चिंता, घबराहट, अवसाद और व्यवहार मे परिवर्तन आना स्वाभाविक
है |
यदि आप समाचार पत्र प्रतिदिन पढ़ते होंगे तो कोरोनावायरस
से संक्रमित कुछ लोगों द्वारा खुदखुशी करने की न्यूज अपने आप मे चिंताजनक है | कोरोनावायरस
से संक्रमित लोगों की संख्या का विविरण कुछ मीडिया हाउस ऐसे प्रदर्शित कर रहें है मानो
आईपीएल मैच का लाइव स्कोर हो | बिना किसी मानक के कई मीडिया हाउस इस विषय मे न्यूज
प्रदर्शित कर रहें है | लोगों की अनेक तरह की चिंताए है जिनसे उन्हे प्रतिदिन दो-चार
होना पड़ रहा है ऐसे मे चारों तरफ इस तरह की खबरों के होने से बहुत सारें लोग असुरक्षित
महसूस कर रहे होगें | सोशल मीडिया और स्मार्ट फोन इस समय नकारात्मकता मे बृद्धि कर
रहें है |
आत्मविश्वास, मजबूत इच्छाशक्ति, स्वास्थ्य जीवनशैली,
आपसी सकारात्मक संवाद, समय का सकारात्मक उपयोग सरकार के समस्त सलाहों का पालन, सकारात्मक
बातों का प्रचार प्रसार इस महामारी मे न केवल हमे बल्कि हमारे अपनों को भी सुरक्षित
रखेगा | शायद यही कारण है की सरकार ने रामायण/महाभारत जैसे कार्यक्रमों का पुनः प्रसारण
करना शुरू किया है जिससे जन मानस मे सकरात्मक सोच और विचार की वृद्धि हो | आज इन बातों
के साथ-साथ कुछ मीडिया हाउस को टी. आर. पी. के लालच से ऊपर उठ कर लोग और देश हित मे
अच्छी बातों और समाचारों का प्रसारण भी करना चाहिये |
हम सभी को मिलकर देश के सबसे सशक्त नेतृत्व श्री
नरेंद्र मोदी जी पर विश्वास करना चाहिये जिनके कठोर निर्णयों का ही परिणाम है की देश
मे कोरोनावायरस से संक्रमित लोगों की संख्या कम है | तबलिगी जमात के लोगों ने यदि अव्यवस्था
न फैलाया होता तो देश अब तक इस वायरस पर नियंत्रण पा चुका होता | हम सब को मिलकर इस
महामारी से लड़ने के लिए स्थानीय प्रशासन राज्य सरकार और केंद्र सरकार के सभी आदेशों
का अक्षरसह पालन करना चाहिये और यह सुनिश्चित करना चाहिये की प्रत्येक स्मार्ट फोन
मे आरोग्य सेतु ऐप्लकैशन अवश्य हो | अब समय यह है की नकारात्मक न्यूज/अफवाह की जगह
सकारात्मक बातों विचार का प्रचार-प्रसार करें, जिससे देश और लोग दोनों सुरक्षित रह
सकें |
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