कोरोना वायरस की वजह से न केवल लोगों को जीवन का खतरा बना हुआ है बल्कि उद्योगों को भी बड़ा वित्तीय नुकसान उठान पड़ रहा है | विभिन्न रेटिंग एजेंसीओं ने भारत के विकासदर को धीमी होने का अनुमान लगाया हुआ है | अब उनका आकलन सही होता भी दिख रहा है | अकेले जीवन बीमा क्षेत्र को मार्च 2019 की तुलना मे मार्च 2020 मे, नये व्यवसाय की प्रीमियम आय मे रुपया 12050 करोड़ का नुकसान हुआ है | जबकि भारत सरकार ने 25 मार्च को पहले फेज का लॉक-डाउन घोषित किया था | यानि की जीवन बीमा क्षेत्र को मार्च माह के व्यवसाय मे मात्र 5 दिन तक लॉक-डाउन का प्रभाव पड़ा है, जो की अनुमान से कही अधिक है | यहाँ यह जानना भी जरूरी है की जीवन बीमा क्षेत्र का सबसे अधिक नया व्यवसाय मार्च महीने मे ही होता है |

सार्वजनिक क्षेत्र की कम्पनी भारतीय जीवन बीमा निगम (Life Insurance Corporation of India) के नव-व्यवसाय मे रुपया 7710 करोड़ की कमी मार्च 2020 माह मे, मार्च 2019 की तुलना मे आयी है | जबकि निजी क्षेत्र मे एसबीआई लाइफ, को सर्वाधिक रुपया 795 करोड़ का नुकसान हुआ है | इसके अलावा बजाज अलियंज़ लाइफ को रुपया 597 करोड़, एचडीएफसी लाइफ को रुपया 491 करोड़, आईसीआईसीआई प्रूडेन्शल लाइफ को रुपया 468 करोड़, मैक्स लाइफ को रुपया 293 करोड़ का नुकसान हुआ है | निजी जीवन बीमा क्षेत्र को कुल रुपया 4340 करोड़ का नये प्रीमियम आय मे नुकसान हुआ है | कोरोना वायरस का प्रभाव इतना गहरा रहा की अकेले भारतीय जीवन बीमा निगम (Life Insurance Corporation of India) ने मार्च 2020 माह मे, मार्च 2019 की अपेक्षा 32.25 लाख कम पॉलिसीयां जारी की है | जीवन बीमा क्षेत्र मे कुल 36.96 लाख कम पॉलिसीयां जारी की गयी है | निजी क्षेत्र मे, नये पॉलिसी मे, सबसे अधिक नुकसान एसबीआई लाइफ को हुआ है 92618 कम पॉलिसी मार्च 2020 मे जारी की गयी है | निजी क्षेत्र मे कुल 4.71 लाख कम पॉलिसी जारी की गयी है | सिंगल प्रीमियम और रेगुलर प्रीमियम मे लगभग 50 प्रतिशत की कमी मार्च 2020 माह मे, मार्च 2019 की तुलना मे दिखी है |

जीवन बीमा क्षेत्र के निजीकरण के पश्चात पहली बार ऐसा हुआ है की सभी जीवन बीमा कम्पनियों ने मार्च माह के, नव-व्यवसाय मे, कमी को प्रदर्शित किया है | यह कमी 17 प्रतिशत से लेकर 80 प्रतिशत के बीच रही है | पिछले महीनों मे अच्छे व्यवसाय के चलते जीवन बीमा क्षेत्र ने वित्तीय वर्ष 2019-20 मे लगभग 21 प्रतिशत नये व्यवसाय के प्रीमियम आय मे ग्रोथ को प्राप्त किया है | भारतीय जीवन बीमा निगम 25 प्रतिशत ग्रोथ प्राप्त करने मे सफल रहा है जबकि निजी क्षेत्र 12 प्रतिशत ही ग्रोथ दर्ज करा पाया | लगभग 10 निजी क्षेत्र की जीवन बीमा कम्पनियों ने वित्तीय वर्ष 2019-20 मे नकारात्मक ग्रोथ दर्ज कराया है |

आपको यह बता दे की जीवन बीमा क्षेत्र मे 23 निजी जीवन बीमाकर्ता और 1 सार्वजनिक जीवन बीमा कर्ता अर्थात कुल 24 जीवन बीमा कम्पनियाँ कार्यरत है | दिसम्बर 2019 तक, जीवन बीमा क्षेत्र मे व्यवसाय करने वाली कम्पनियों की कुल पूंजी रुपया 37,455 करोड़ है और रुपया 39,62,755 करोड़ रुपये की कुल सम्पत्ति है | इन्फ्रस्ट्रक्चर क्षेत्र मे 4.15 लाख करोड़ से अधिक निवेश जीवन बीमा क्षेत्र ने किया है | जीवन बीमा क्षेत्र के कुल ब्रांच ऑफिस 11,295 है जिसमे सीधे तौर पर 2.92 लाख लोगों को रोजगार मिला हुआ है जबकि 22.68 लाख एजेंट कमीशन आय पर कार्य कर रहें है | जीवन बीमा क्षेत्र मे कुल 32.69 करोड़ पॉलिसीयां चालू स्थिति मे है | भारतीय बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (Insurance Regulatory and Development Authority of India, IRDAI) बीमा क्षेत्र का नियामक है |

जीवन बीमा क्षेत्र के मार्च 2020 माह मे, मार्च 2019 की तुलना मे नकारात्मक व्यवसाय करने के पीछे मुख्य वजह कोरोना वायरस रहा है जिसकी वजह से देश मे लॉक-डाउन किया गया है | जीवन बीमा क्षेत्र मे प्राप्त आय को निवेश जीवन बीमा कम्पनीयां निर्देशित विभिन्न क्षेत्र की कम्पनियों मे करती है | जिसका सीधा असर देश की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ेगा | जीवन बीमा क्षेत्र मे कार्य करने की वजह से करोड़ों लोगों का घर चलता है | मार्च 2020 माह मे बेहद धीमी नव-व्यवसाय आय इस क्षेत्र के लिये खतरे की घंटी है | हालांकि जीवन बीमा क्षेत्र को कोरोना वायरस की महामारी मे भी बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए भारतीय बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण ने कई सलाह के साथ –साथ सहयोगात्मक निर्णय भी लिए है | यदि इसी तरह आगे महीनों मे भी जीवन बीमा क्षेत्र के नव-व्यवसाय मे कमी आती रही तो कई लोगों की जीविका पर प्रभाव पड़ेगा |

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