You have Strong Mind, Strong Emotion, Strong Thoughts,
and Strong Analytical views even then you may easily arrest in LOVE.
शायद प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में ऐसा जरुर होता होगा की कुछ परिस्थिति
में वह सोचने, समझने, कहने, सुनने, विचार करने, ख़ुशी मनाने, दुःख मनाने, कुछ पाने,
कुछ खोने इत्यादि को भूल चूका होता है | यदि आधुनिक शब्दों में बात करें तो शायद इसी
को ही प्यार (Love) कहतें है | संसार की
अद्भुत और आकर्षित करने वाली समस्त वस्तुओं / व्यवहार भी
आपको एक भी एहसास नहीं दिला सकते | आप को चौबीसों घंटे सिर्फ और सिर्फ उसी व्यक्ति
के बारे में सोचना, जानना, समझना, गुस्सा होना, प्यार जाताना,
महसूस करना, उसके प्रत्येक शब्दों को एहसास करना अच्छा लगता है | ऐसी परिस्थिति
में आपको कुछ भी अच्छा नहीं लगता | आप यहाँ तक की जीवन और मृत्यु की परिस्थिति का
भी आकलन नहीं कर पाते | आप बिना किसी कारण लम्बी अवधि जीने का ख्वाब देखते हो तो
अगले ही पल उस व्यक्ति को खोने की इच्छा से डरा हुआ महसूस कर जीवन को त्यागने का
भी निर्णय ले सकते है | क्या यही प्यार है ? क्योकि आप आकर्षित तो जीवन के हर कदम
– कदम पर हो जातें हो पर जब प्यार होता है तो आप उस व्यक्ति के हाथो को अपने हाथो
में रख कर दुनिया के बेहद कीमती सुखों से भी अधिक आप सुख और ख़ुशी को महसूस करते है
|
आपको लगता है की वो हसें तो आपके लिए, नजरे उठाये तो आपके लिए, हाथ बढ़ाए तो
आपके लिए, कुछ शब्द बोले तो आपके लिए, गले लगाये तो आपको, शरारत करें तो आपके साथ,
दुनिया का आकलन सिर्फ आप अपने और उसके साथ महसूस करते है | आपको उसका दूसरों से
बोलना, हंसना, बातें करना, मिलना, मुस्कुरना, हाथ मिलाना, ताली बजाना, आदि देखकर
भी जलन होती है | आप आंखे खोलते हो तो आप उसी का चेहरा देखना चाहते हो, आप आंखे
बंद करते हो तो उसे अपनी बाँहों में महसूस करना चाहते है | जिंदगी के हर कदम पर आप
उसके बाँहों में हाथ डाल कर चलना चाहते है | आप उसकी झील सी गहरी आँखों में डूबना
चाहते हो | शायद यही प्यार है | उसकी आंखे, उसके गाल, उसके होंठ, उसकी नाक, उसके
काले बाल, उसकी गर्दन, उसकी पीठ, स्तन, कमर, हाथ पैर इत्यादि को देखकर अजीब सुकून
मिलता है जिसका आकलन शब्दों और विचारों से कही परे है |
आपको उसके साथ शरारत करना अच्छा लगता है | उसके निजी विचारों में सहभागी
बनना अच्छा लगता है | उसके शारीर के विभिन भागों से नोक झोक करना अच्छा लगता है |
उसके हाथो में चुटकी काटना अच्छा लगता है | सामाजिक, धार्मिक, पारिवारिक, सामूहिक
इत्यादि समस्त तरह के नियमों के विपरीत जाकर उसे पाने को आप अपने आप को विवश पातें
हो | ऐसे वक्त में न समझदारी काम आती है और न ही योग्यता | याद रहता है तो चौबीसों
घंटे उसका चेहरा, आंखे, व्यवहार ही आपके आँखों और मस्तिष्क में हमेसा गुजते रहते
है |
आपको उस व्यक्ति से जुदाई पल भर की बर्षो से लम्बी लगती है | आप चाहते हो
की उसे हमेशा अपने आँखों के सामने रखों, उसे पलकों पे बैठाये | पर जीवन की एक
सच्चाई यह भी है की ऐसी परिस्थितियाँ जब साथ रहती है तो उसका आनंद आप नहीं ले पाते
न एहसास को समझ पाते हो और नहीं आप दोनों खुले विचारों और शब्दों से बात भी कर
पाते है | शायद वर्षो व्यतीत हो जाने पर आप इस परिस्थिति में न किये हुए या न
उठाये हुए क़दमों की याद आती होगी |
कभी कभी ऐसे परिस्थिति में यह बाते आ सकती है की यदि आप भावनाओं को लिख
(हालाँकि जितना महसूस करते है उसका एक प्रतिशत ही लिख पातें है) पाता तो शायद जीवन
के अग्रिम पढ़ाव पे आप अपना और अपने प्यार का सटीक मुल्यांकन कर सकतें की उस प्यार
से क्या खोया क्या पाया | भावनाये विचार और प्यार आपको इतना विवश कर देते है की आप
किसी दायरें में बध नहीं पातें | मेरे विचार अभिव्यक्ति को लिखने का मात्र एक आशय
यह है की आप स्वयं मूल्यांकन करिये की आप किसी से प्यार में है की नहीं |
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