उत्तर प्रदेश में चुनावी हवा बहुत तेजी से चल रही
है | प्रथम चरण का चुनाव संपन्न हो चुका है | दुसरे चरण का चुनाव आज चल रहा है | समाजवादी
पार्टी, कांग्रेस, बहुजनसमाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी समेत सारी राजनैतिक
पार्टियों ने एड़ी चोटी का जोर लगा रखा है उत्तर प्रदेश में चुनावी विजय प्राप्त कर
सरकार बनाने को | वादे और ढेरों चुनावी घोषणाओं और बयानबाजियों से आम जनता रूबरू
हो रही है | ऐसे में आम जनता के मानस पटल पर यह प्रश्न उठाना स्वाभाविक है की किस
पार्टी को वोट करें किसे न करें | और यह तब और अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है जब
प्रदेश में जाति, धर्म, क्षेत्रवाद के नाम पर बाट कर अपने पक्ष में वोट प्राप्त करने
की सोची समझी रणनीति चल रही हो | संक्षिप्त में पार्टियों को विकल्प के रूप में रखते
हुये देखते है की किसे वोट करें :-
1.
बहुजनसमाजवादी पार्टी (BSP) :- मायावती जी ने अपने 2007 से 2012 तक के शासन के
दौरान प्रदेश में प्रशासनिक व्यवस्था की चुस्त-दुरुस्त रख कर प्रत्येक आम लोगों में अपनी गहरी
छाप छोड़ रखी है | परन्तु इनके द्वारा उच्च वर्ग वर्सेज निम्न वर्ग का नियम आज भी
इनके खिलाफ लोगो को वोट करने के लिए कारणों में सर्वोपरि है | साथ ही बड़े-बड़े पार्को और मूर्तियों को अपने कार्यकाल में
बनवाकर इनकी काफी किरकिरी भी हो चुकी है | जमीनी आवश्यकताओं पर इनके द्वारा कार्य
नही किया गया जैसे स्वास्थ्य, शिक्षा, आवास, परिवाह, वित्त, रोजगार, इत्यादि | 2017 के चुनाव में आरक्षण के अलावा इनके पास कोई और
चुनावी मुद्दा नहीं है | विगत पाच वर्षो में सबसे अधिक सेंधमारी इन्ही के वोटरों
में हुई है | ख़राब मीडिया प्रचार-प्रसार, इसके अलावा अच्छे नेतृत्व की कमी इन्हें
उत्तर प्रदेश के चुनाव में सबसे पीछे ले जाती हुई दिख रही है | इनको अपने पार्टी,
नेतृत्व और कार्यप्रणाली में व्यापक सुधार की अनिवार्य जरूरत है नहीं तो इस चुनाव
के पश्चात् बहुजनसमाजवादी पार्टी सम्हलती नहीं दिख पायेगी |
2.
समाजवादी पार्टी और कांग्रेस (SP & Congress) :- पाच वर्षो तक प्रदेश में पूर्ण रूप से शासन करने और स्वतंत्र
तरीके से निर्णय लेने के बावजूद इस चुनाव में समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस के साथ
मिलकर सयुंक्त गटबंधन में चुनाव लड़ रही है | डायल 100, महिलाओं के लिये विशेष स्वास्थ्य सुविधा, डायल 109,
समाजवादी पेंसन योजना, लखनऊ मेट्रो,
प्रत्येक जिलों को मुख्य मार्गो से जोड़ने के साथ साथ ढेरो ऐसे कार्य किये है जिससे
आम जनता को वोट देने के लिए सोचने की जरूरत नहीं है किन्तु विगत पाच वर्षो के अवैध
बालू खनन, गुंडागर्दी, दंगे, बलात्कार और आम जनता में असुरक्षा की भावना जैसे ढेरो
मुद्दे है जिनपर विचार करके आम जनता इन्हें भी अपने पैमानों पर खरा नहीं पा रही है
| बेरोजगारी का आलम तो यह है की प्रदेश की राजधानी में दिन-प्रतिदिन लोगो का हुजूम
रोजगार के लिए संघर्षरत दिखता है | प्रदेश में उदहारण स्थापित करने योग्य किसी जगह
पर कार्य किया गया है तो वो है लखनऊ | किन्तु प्रदेश के अन्य जिले आज भी बदहाली के
दौर से गुजर रहें है | शिक्षा व्यस्था पर इनके शासन में गुणवत्ता में व्यापक
गिरावट आयी है | प्रदेश में 8 प्रतिशत यादवों और 19 प्रतिशत मुसलमानों को केंद्र बिन्दु बनाकर चुनाव लड़ रहे है |
कांग्रेस के साथ इनका गटबंधन और पिछले कुछ दिनों से बाप-बेटो की आपसी वर्चस्व की
लड़ाई ने भी इनके वोटरों को अन्य दलों में जाने के लिए मजबूर किया है | जनता की
यादाश्त बहुत कमजोर होती है और अगर इस पुरे चुनावी माहौल के दौरान कमजोर यादाश्त
बनी रही तो समाजवादी पार्टी सत्ता में आये या न आये किन्तु सत्ता में आने वाली दूसरी
पार्टी के उम्मीदो पर पानी जरुर फेर सकती है |
3.
भारतीय जनता पार्टी (BJP) :- एक दशक से भी अधिक समय से उत्तर प्रदेश की सत्ता से बाहर रहने के
पश्चात् भारतीय जनता पार्टी के पास इस चुनाव में पाने के अलावा खोने को कुछ भी नहीं
है | यही वजह है की पार्टी सत्ता में पूर्ण बहुमत से आती दिख रही है | समाजवादी
पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव जी ने न चाहते हुये भी पहले चरण के चुनाव के
पश्चात् यह बोलने के लिए विवश थे की उन्हें भारतीय जनता पार्टी सत्ता में आती
दिखाई पड़ रही है | बहुजनसमाजवादी पार्टी, समाजवादी पार्टी की मुख्य नाकामयाबी इनके
लिए अत्यंत ही लाभकारी है और प्रमुख चुनावी मुद्दा भी है जिससे लोग आकर्षित हो रहे
है इनसे जुड़ने को | सोची समझी रणनीति और प्रत्येक तबके के हितो और जमीनी
आवश्यकताओं के मुल्यांकन के आधार पर जो चुनावी घोषणापत्र जारी किया गया है उससे
लोग अत्यंत ही आकर्षित है और न केवल इनके पक्ष में वोट कर रहे है बल्कि औरो को
जागरूक कर रहे है | लोकसभा चुनाव 2014 में प्राप्त ऐतिहासिक विजय और वर्तमान चुनाव में भारी वोटिंग भी इनको
पुनः सत्ता में आने का संकेत दे रही है | जातिगत आकड़ो के आधार पर अगर किसी ने गहरा
मुल्यांकन करके प्रत्याशी उतारा है तो यह भारतीय जनता पार्टी ही है | न केवल
प्रदेश की जातिगत व्यवस्था का मुल्यांकन बल्कि प्रत्येक विधानसभा के वोटरों का
जातिगत मुल्यांकन करके टिकट का बटवारा किया गया है | चुनावी घोषणा पत्र में
अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण को जगह देकर पार्टी ने हिंदुत्व के मुद्दे पर वापस
आती दिख रही है या यूँ कहें की बिहार चुनाव की गलतियों से सबक लेकर उत्तर प्रदेश
में सत्ता वापसी करती दिख रही है |
निष्कर्ष (Conclusion) :- किसी भी पार्टी या विचारधारा या उनके द्वारा किये गये किसी खास
कार्यो की वजह से कोई प्रभावित हो सकता है या नहीं भी हो सकता किन्तु बुद्धिमता
कहती है की इन सब के ऊपर उठ कर विकास को केंद में रख कर वोट किया जाय | प्रदेश की
मुख समस्यायों में गरीबी, बेरोजगारी, असुरक्षा, स्वास्थ्य सेवाये, शिक्षा का न
केवल विकास करना है बल्कि अस्थायी तौर पर कार्यरत लोगो को स्थायी नौकरी प्रदान
करना भी अति आवश्यक है | मायावती के शासन में और अखिलेश यादव के शासन में दोनों
मुख्यमंत्री यह कहते नहीं थकते थे की प्रदेश का विकास केंद्र सरकार के उदासीन
रवैये से नही हो पा रहा | केंद्र सरकार समुचित सहयोग नहीं दे रही है इत्यादि | तो
क्यों न केंद्र में शासन करने वाली पार्टी को ही राज्य में आम जनता को सत्ता में
लाने के लिये कटिबद्ध होना चाहिए | और इस कटिबद्धता को और अधिक बल तब मिलता है जब
उस पार्टी की चुनावी घोषणापत्र में प्रत्येक कुनबे का ध्यान रखा गया है | केंद्र
में सरकार आने के पश्चात् भारतीय जनता पार्टी ने क्या सराहनीय कार्य किया है यदि
इसके बारे में आप समाजवादी, कांगेस, बहुजनसमाजवादी पार्टी से पूछेगे तो आप को जबाब
मिलेगा कुछ भी नहीं | जबकि आम जनता को जन धन से जोड़ने, आम जनता को नामात्र
प्रीमियम पर बीमा सुरक्षा देने, पेंसन योजना लागू करने, उज्ज्वला योजना के तहत निशुल्क
गैस सिलेंडर और चूल्हा देने, किसानो को सस्ते दर पर फसल बीमा प्रदान करने, रेलवे
में व्यापक सुविधाए और सुरक्षा सुनिश्चित करने, लोगो को रोजगार प्रदान करने,
नोट्बंदी जैसे साहसिक कार्य करने, सर्जिकल स्ट्राइक करने, विदेशो में देश की छवि
सुधारने, गंगा का विकास करने, शानदार बजट प्रस्तुत करने, जी एस टी और ऍफ़ डी आई
लागू करने के अलावा ढेरो ऐसे कार्य किये है जिससे आम नागरिक बाध्य है भारतीय जनता
पार्टी को वोट देने को | वोट देने के पहले स्वयं विचार कीजिये और अस-पास के लोगो
को प्रेरित करके सही नेतृत्व को वोट दिलाकर प्रदेश का भविष्य सुरक्षित अवश्य करें
| यह हम सब का नैतिक दायित्व भी है |
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