क्या गरीब होना गुनाह है ? क्या गरीबों के लिये इस समाज में कोई जगह नहीं है ? क्या इन बच्चों का कोई दोष है ? क्या इन्हें शिक्षा का अधिकार नहीं है ? क्या बिना शिक्षा के इनका विकास हो सकता ? शिक्षा का अधिकार नियम क्या फाइलों तक ही सीमित है ? जब उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ का यह हाल है तो प्रदेश के अन्य जिलों की स्थिति के बारें में हम सब आसानी से अनुमान लगा सकतें है | इनके लिये तो न प्रगति है न प्रौद्योगिकी इनके लिये तो आज भी कष्टमय है और भविष्य भी शायद कष्टमय ही होगा |


केंद्र सरकार और राज्य सरकारें खुले तौर पर मीडिया में यह बयान देने से गुरेज नहीं करती की वो कितनी सजग है बच्चो की शिक्षा और विकास के लिये | पर आपको शहरों के प्रत्येक कोने कोने में इस तरह की तस्वीरें देखने को मिल जायेगा | सरकार के द्वारा जमीनी स्तर पर कार्यवाही को और सुदृढ़ बनाने की जरुरत है | निचे दिखाया गया चित्र मुंबई शहर का है | यह जानकर दुःख होता है की इन बच्चों के लिये सोचने और कुछ करने वाले लोगों की आज के इस समाज में बहुत कम लोग है |


आइये हम सब मिलकर इस चित्र को इतना शेयर करते है की कम से कम हम सब की आवाज राज्य/केंद्र सरकार तक पहुँच जायें जिससे कम से कम इन बच्चों का भविष्य सुरक्षित हो सकें |

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