इन्सान जब से इस धरती पे जन्म लिया है, आदि काल से ही नित नए तकनीकि
का अविष्कार कर रहा है, जिसकी उपयोगिता एवं लाभ मानव समाज को परिवर्तित कर दिया है
| कई मायने में लोग अब तकनीकि के उपयोग से कार्य पलक झपकते ही कर ले रहे है | पर
अत्यंत दुःख होता है, जब देश के राज्य एवं केंद्र सरकारें मंगल ग्रह के प्रोजेक्ट
पर कार्य कर रही है, परमाणु उर्जा के क्षेत्र में अत्यधिक सफलता प्राप्त किया है,
तकनिकी के प्रयोग से हम पलक झपकते ही दुनिया की खबर घर बैठे बैठे ले ले रहे है, पर
आज भी हमारा किसान और उसकी तकनिकी पिछड़ी हुई है, जिसे सुधारने के लिए कोई भी आगे
नहीं आ रहा | सरकारी फाइलों में तो ढेरो स्कीम मिल जायेगी पर जमीनी हकीकत कुछ और
होगी | गन्ने की उपज और उसकी पेराई में किसानो को बहोत मेहनत करनी पड़ती है, साथ ही
श्रम भी, पर दुःख इस बात का है कि आज भी उन्हें नवीनतम तकनीकि से सुसज्जित नहीं
किया गया है | क्या ऐसे देश का विकास हो सकता है ? कम से कम जमीनी स्तर पर तो नहीं
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