सदियों से होता चला आया है, और आज भी हो रहा है, और आगे भी होता रहेगा |
किसी की मजबूरी दुसरे के लिए एक मौका होती है, जी हाँ आप सही पढ़ रहें है, इस समाज
में | और लोग उस मौके को भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ते | शायद यहीं संसार का नियम
भी है समय के हिसाब से अपने आपको परिवर्तित करना या तो सब को पता नहीं होता या फिर
सब कर नहीं पाते इसी लिए वो अपना वजूद बचाने को संघर्ष करते रहते है और अंत में
हार मान लेते है |
पिछले कई वर्षो से लखनऊ शहर के चारों कोनों में पारम्परिक रिक्शे का संचालन
दिख रहा है | जिसे लखनऊ एवं आस पास के जिलों के लोग संचालित कर अपना जीवन निर्वहन
कर रहे है | इसका लाभ आम लोगों को होता रहां है | पिछले कुछ महीने से समय ने करवट
बदल ली है, आज पारम्परिक रिक्शा चालक अपना वजूद बचाने को संघर्ष कर रहें है | वजह
इलेक्ट्रानिक रिक्शो का पदार्पण होना है | कौन सोचता है किसी के बारें में किसी का
रोजगार छीने तो छीने | जहाँ पहले लोग त्वरित रूप से पारम्परिक रिक्शा के रूप में
रोजगार पा लेते थे वो भी बिना किसी पूजी निवेश के और अपने मेहनत के दम पर जीवन
यापन अपना और अपने परिवार का करते थे आज वो संघर्ष करते दिख रहें है और न कोई इनकी
परेशानियों को सुनने वाला है ना मदद करने वाला है | आज लखनऊ के हर कोने में तेजी
से इलेक्ट्रानिक रिक्शे का प्रचलन बढ़ता जा रहा है जिससे पारम्परिक रिक्शा चालको का
पलायन |
क्या यही लोगों के साथ न्याय है, जिनके पास न दुनियादारी की समझ न ज्ञान |
न उनके पास इतनी पूजी की इलेक्ट्रानिक रिक्शे को खरीद कर अपने जीवन का गुजर बसर कर
सके | समस्याएं हमेशा वही नहीं होती जहाँ तक हम सोचते है बल्कि उससे परे भी होती
है | कहने को तो सब को सहानभूति है, ज्ञान है या ये परिवर्तन दिख रहा है पर कोई इस
बात को न करना चाहता है न किसी तक पहुचाना |
सही मायने में देखा जाय तो पिछड़े वर्ग का कार्य करने वाले लोगों के साथ सदियों
से अन्याय होता चला आया है और अब भी जारी है | उनके लिए न मोदी जी दिख रहे न
अखिलेश जी | उन्हें तो ये भी नहीं पता की सरकार नाम किस चीज का होता है और उन्हें
कैसे प्रभावित कर सकते है | असंगठित क्षेत्रो पर भी सरकार को ध्यान देना चाहिए
जिससे हर तबके का विकास हो सके |
इन प्रभावित लोगों के लिए क्या सरकार कभी कुछ करेगी ?
क्या कभी भविष्य सवरेगा या लोग ऐसे ही झूठे वादे के नाम पर सरकार बना कर देश को
लुटते रहेंगे | जागीए न केवल अपने लिए बल्कि आस-पास के लोगो के लिए भी |
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