यह संसार का सार्वभौमिक सत्य है कि कोई भी वस्तु एक ही अवस्था में
लम्बी अवधि तक नहीं रह सकती, यानी की उनमे परिवर्तन होते रहते है, और यह प्रकृति
के नियमो के अनुकूल भी है | चाहे हमारा जीवन हो, हमारा सामाजिक वातावरण हो या फिर हमारा
रोजगार | यदि समय के साथ-साथ परिवर्तन ना हो तो शायद सब कुछ नीरस सा लगने लगेगा और
हम - आपमें उत्सुकता समाप्त हो जाएगी एवं हमारी दिलचस्पी भी बिलकुल ख़त्म हो जाएगी |
जीवन बीमा उद्योग को यदि हम घर के रूप में कल्पना करें तो जीवन बीमा अभिकर्ता उसकी
नींव के रूप में दिखाई पड़ते है | नीचे दिए गए ग्राफ से, जो बीमा उद्योग में पिछले
सात वर्षो में कुल किये गए कार्यो में जीवन बीमा अभिकर्ताओं की भागीदारी को
प्रदर्शित कर रहा है, इस बात पर और अत्यधिक बल मिलता है की जीवन बीमा अभिकर्ता
बीमा उद्योग के घर रुपी स्वरुप में नीव के रूप में विद्यमान है | वित्तीय वर्ष 2006-07 से लगातार उद्योग स्तर पर किये कुल प्रीमियम आय
में इनकी भागीदारी की कमी इस बात को प्रदर्शित कर रही है कि, कही न कही बीमा
अभिकर्ताओं को बीमा उद्योग से उनकी अपेक्षाओ के अनुरूप सहयोग नहीं प्राप्त हुआ है
| यदि दूसरे शब्दों में बात करें तो बीमा अभिकर्ता के रोजगार में चैलेंजेज तो बहुत
है, पर पारिश्रमिक और कैरियर
ग्रोथ बिलकुल नहीं है |
ग्राफ - 1
आइये जीवन बीमा उद्योग में जीवन बीमा अभिकर्ताओं के योगदान के दूसरे
पहलू यानी की कुल जीवन बीमा व्यवसाय में, जीवनों के संख्या, बीमा कियें गयें, उसके
आधार पर भी जीवन बीमा अभिकर्ताओं के प्रदर्शन का आँकलन करें | यदि दिए गए ग्राफ (ग्राफ - 2) को देखे तो यह स्पष्ट है कि कुल बीमित पॉलिसी
संख्या में एक प्रमुख भाग जीवन बीमा अभिकर्ताओं का है | यहाँ पर भी यह बात स्वतः
ही प्रमाणित हो जाती है की निसंदेह जीवन बीमा अभिकर्ता बीमा उद्योग के लिए एक
मजबूत और भरोसे की कड़ी है और यह सोचने के लिए विवश भी होना पड़ रहा है कि कही न
कहीं बीमा अभिकर्ताओं को बीमा उद्योग से उनकी अपेक्षाओ के अनुरूप सहयोग नहीं
प्राप्त हुआ है | जबकि उपलब्ध समस्त चैनलों में इनका योगदान अनुकरणीय है |
ग्राफ - 2
बीमा अभिकर्ताओ की संख्या में अधिक होना शायद इस बात का प्रतीक है की इस
पेशे में आसानी से आय अर्जित करने और त्वरित रूप से रोजगार, नाममात्र के खर्चो पर
ही, लोगों को उपलब्ध हो रहा है | सच्चाई भी इस बात को प्रमाणित करती है की लोग इस
रोजगार में आ तो जाते है, पर भविष्य की सोच की वजह से इस व्यवसाय में बने नहीं रह
पातें | शायद यही वजह है कि जीवन बीमा उद्योग में कार्यरत कुल बीमा अभिकर्ताओं में
से 18 से 20 प्रतिशत ही लोग ऐसे
है कि जीवन बीमा व्यवसाय के द्वारा प्राप्त कमीशन आय से अपनी जीविका चला पा रहे है
| अन्य बीमा अभिकर्ता अंशकालिक
कार्य कर रहे है | बीमा उद्योग में
कार्यरत वर्ष दर वर्ष बीमा अभिकर्ताओं की संख्या निचे दिए गए ग्राफ (ग्राफ – 3 ) द्वारा प्रदर्शित है | बीमा अभिकर्ताओं के लिए शुरू में यह पेशा तो आकर्षक दिखता है पर
कैरियर ग्रोथ की राह नहीं दिखने से वो इस पेशे से अलग हो जाते है या अंशकालिक
कार्य करने लगते है |
ग्राफ - 3
पिछले कुछ वर्षो से बीमा अभिकर्ताओं का तेजी से बीमा
उद्योग से पलायन हो रहा है, चाहे नियमो कानूनों से बाध्य होकर या फिर बीमा
अभिकर्ता अपना भविष्य जीवन बीमा उद्योग में अब नहीं तलाश कर पाने की वजह से | जीवन
बीमा व्यवसाय के निजीकरण से एक उम्मीद की किरण जीवन बीमा अभिकर्ताओं के लिए दिखाई
पड़ी थी, पर अब एक दशक के पश्चात भी उनके ख्वाब हकीकत का रूप नहीं ले पा रहें है | इरडा
की वार्षिक रिपोर्ट 2012-13 के अनुशार – वित्तीय वर्ष के अंतर्गत 10 प्रतिशत जीवन बीमा अभिकर्ता कम हुए | बीमा अभिकर्ताओं की संख्या 2.35 मिलियन 31 मार्च 2012 को थी वही 31 मार्च 2013 को यह संख्या 2.12 मिलियन
ही रह गयी, जबकि इसी वित्तीय वर्ष में 5.65 लाख नए बीमा
अभिकर्ता उद्योग स्तर पर बनाये गए और 8.01 लाख अभिकर्ता उद्योग
स्तर पर टर्मिनेट किये गये |
भारतीय जीवन बीमा निगम के अभिकर्ता :-
भारतीय जीवन बीमा निगम ने पिछले एक दशक में भी
अपनी अनूठी छाप बनाये रखी हुई है और वो भी कई निजी प्रतियोगियों के आ जाने के
बावजूद | इन सबके पीछे सिर्फ एक ही मजबूत कड़ी दिखाई पड़ती है कि जीवन बीमा निगम के विकास
के लिए उनके पूर्ण कालिक एवं समर्पित बीमा अभिकर्ता है, जो दिन रात एक करके उनकी
पहचान को कल भी कायम रखा था और आज भी रख रहे है | एक बात और भी स्पष्ट है कि बीमा
अभिकर्ता एक महत्वपूर्ण कड़ी है उद्योग के लिए और इन्हें नकारा नहीं जा सकता | बीमा
बाजार में भारतीय जीवन बीमा निगम की हिस्सेदारी वर्ष दर वर्ष निम्नांकित ग्राफ (ग्राफ - 4) में प्रदर्शित है | किसी भी निजी जीवन
बीमाकर्ता की अपेक्षा भारतीय जीवन बीमा निगम के अभिकर्ता अधिक निष्ठावान है और ऐसा इसलिए है की निगम
उन्हें बेहतर सुविधाओं के साथ-साथ महत्वपूर्ण अवसर भी समय समय पर उनके विकास के
लिए प्रदान करता रहता है |
ग्राफ - 4
भारतीय जीवन बीमा निगम के अभिकर्ता इसलिए भी
समर्पित है, क्योकि निगम जो सुविधाए उन्हें प्रदान करता है उससे वो अपने आप को एक
बीमा अभिकर्ता के रूप में आकलन न करके अपने आप को वेतन भोगी कर्मचारी से बेहतर मानते
है | यह भी एक वजह है की बीमा अभिकर्ता निगम के साथ लम्बे समय तक जुड़ कर काम करते
है | यानीं की उनके भविष्य का स्पष्ट रास्ता निगम उन्हें दिखाता है |
बीमा अभिकर्ताओं का व्यावसायिक प्रदर्शन :- बीमा अभिकर्ताओं ने अपने वित्तीय वर्ष 2007-08 में सर्वोच्च व्यावसायिक प्रदर्शन किया है, जो
कि रु. 2.95 लाख प्रति अभिकर्ता औसत प्रीमियम रहा है | कई
वित्तीय वर्षो में बीमा अभिकर्ताओं के प्रदर्शन में कमी आयी है | औसत प्रीमियम
व्यवसाय जीवन बीमा अभिकर्ताओ द्वारा नीचे ग्राफ (ग्राफ - 5) में प्रदर्शित है |
ग्राफ - 5
औसत प्रीमियम प्रति बीमा अभिकर्ता मे पिछले
कई वर्षो में कमी आयी है और जिसका मूल कारण विभिन्न तरह की समस्यायों का बीमा
अभिकर्ताओं द्वारा सामना किया जाना है | आइये एक बीमा अभिकर्ता के महत्वपूर्ण
समस्त पहलुओं को समझने का प्रयास करते है और देखते है की कैसे उनके प्रदर्शन को और
बेहतर बनाया जा सकता है और कैसे उनका भविष्य बेहतर बन सकता है |
बीमा अभिकर्ता को
प्राप्त आय - एक बीमा अभिकर्ता अपने द्वारा किये गए कार्यो के
बदले, कमीशन, और व्यावसायिक प्रदर्शन के आधार पर इंसेंटिव प्राप्त करते है | यहाँ
यह स्पष्ट कर देना आवश्यक है कि बीमा कंपनियों द्वारा विभिन्न प्रतियोगिताओं के
माध्यम से दिया गया इंसेंटिव भी प्राधिकरण के नियमो के विपरीत है क्योकि नियमो के
तहत मात्र कमीशन दिये जाने का ही प्रावधान है | यानि की एक बीमा अभिकर्ता की आय का
मुख्य श्रोत कमीशन मात्र ही है |
जीवन बीमा अभिकर्ताओं के वितरण कि चुनौतियाँ – विभिन्न समस्याओं के चलते लगभग 34 प्रतिशत बीमा अभिकर्ता प्रतिवर्ष बीमा उद्योग से
कार्य करना बंद कर देते है जिससे बीमा कंपनियों का अधिक खर्च नए अभिकर्ताओं के नियुक्ति
में करना पड़ रहा है | मात्र दो प्रतिशत बीमा अभिकर्ता लगभग कुल बीमा अभिकर्ताओ को
भुगतान किये गए कमीशन का 24 प्रतिशत कमीशन प्राप्त करते है, जो कि यह
दर्शाता है की बीमा अभिकर्ता पूर्ण कालिक नहीं है | कुछ लोगो का यहाँ तक मानना है
की बीमा अभिकर्ता उत्पाद के विक्रय के पश्चात सही सेवाए नहीं
दे पा रहे है | कई-कई बार यह भी आरोप बीमा अभिकर्ताओं पर लगते रहे है कि ये गलत
उत्पाद विक्रय करते है जिससे इनको अत्यधिक कमीशन लाभ प्राप्त हो सकें | बाजार में
कई अशिक्षित और अवैध जीवन बीमा अभिकर्ता भी उपलब्ध है जो अभिकर्ताओं की छवि को भी
धूमिल कर रहे है | इनके आलावा बीमा अभिकर्ताओं के कार्य में निरंतरता न होने से
पॉलिसी लैप्सेसन अधिक है | पिछले कुछ वर्षो से बीमा अभिकर्ताओं कि आय में कमी आयी
है | इन समस्त समस्याओं के पीछे मात्र एक ही कारण है वो है बीमा अभिकर्ताओं के लिए
बेहतर कैरियर का अवसर न होना |
बीमा अभिकर्ताओं द्वारा सामना की जा रही
समस्याएं - बीमा अभिकर्ता विभिन्न तरह की समस्याओं का सामना
कर रहे है | ये समस्याये न केवल उनके विकास में बाधक हो रही है, वरन इन समस्याओं
की वजह से बीमा उद्योग भी अपनी वास्तविक प्रगति की राह पर नहीं जा पा रहा है | ये
समस्याएं है - कम टिकट साइज के
बीमा पालिसियों, निश्चित कमीशन के होने से, बीमा अभिकर्ताओं को कम आय हो रही है |
इनकी आय में पहले यूलिप के नियम में बदलाव और अब ट्रेडिशनल उत्पाद में बदलाव से
काफी कमी आयी है | बीमा उद्योग में बीमा वितरण के अलावा बीमा अभिकर्ताओं के लिए
अन्य अवसरों का न होना भी उनके लिए आय बढाना मुश्किल हो रहा है | बीमा अभिकर्ताओं के लिए
यह अनुशासन की वो एक से अधिक बीमा कंपनी के उत्पाद नहीं बिक्री कर सकते उनकी आय
में कमी ला रहे है और एक बड़े सेगमेंट के ग्राहकों तक उनकी पहुँच को रोक रहे है,
एवं ग्राहकों के लिए भी सामान्य अवसर नहीं मिल पा रहा है | वर्तमान में इरडा के
नियमों के तहत एक बीमा अभिकर्ता एक से अधिक बीमा कंपनी का उत्पाद विक्रय करने से
प्रतिबंधित है | कुछ बीमा अभिकर्ताओं द्वारा की गई यूलिप में गलत विक्रय का
खामियाजा आज सभी बीमा अभिकर्ताओं द्वारा महसूस किया जा रहा है | बीमा अभिकर्ताओ के
चुनाव की प्रक्रिया जटिल है जिससे लोग चाह कर भी इस क्षेत्र में नहीं आ पा रहे है
| अब समय की मांग है कि कम से कम ग्रेजुएट योग्यता रखने वाले लोगो को अभिकर्ता के
कार्य के लिए प्रेरित किया जाय |
जीवन बीमा व्यवसाय,
बीमा अभिकर्ताओं के लिए आकर्षक कैसे बनाया जाय ?
वर्ष 2011 में बीमा अभिकर्ताओं को प्रेरित करने के लिए इरडा ने एक वरिष्ठ बीमा
सलाहकार प्रस्ताव प्रस्तुत किया था परन्तु कई वर्ष बीत जाने के बावजूद आज भी वह
प्रस्ताव अमली जामा नहीं पहन सका है | उस प्रस्ताव से थोड़ी उम्मीद कई वर्षो से
बीमा व्यवसाय में कार्य कर रहे बीमा अभिकर्ताओं में जगी थी | जबकि उस प्रस्ताव में
प्रस्तावित तरीका व्यवहार में लाना थोडा मुश्किल अवश्य था फिर भी लोगों में उसको
लेकर उत्साह था | जीवन बीमा व्यवसाय की ग्रोथ तभी हो सकती है जबकि बीमा अभिकर्ताओं
को सही रूप में उपयोग किया जाय | जीवन बीमा व्यवसाय को बीमा अभिकर्ताओं के लिए
आकर्षक बनाने के लिए निम्न बातों पर ध्यान देने की आवश्यकता है |
1.
बीमा अभिकर्ताओं के
लिए निर्धारित विषय सामग्री को भारतीय कंपनियों द्वारा भारतीय परिवेश को ध्यान में
रखतें हुए बनायीं जाय |
2.
आन-लाइन परीक्षा के
अलावा आफ-लाइन परीक्षा का भी सामान रूप से अवसर नए अभिकर्ताओं को दिया जाय जिससे
लोग अपनी सहूलियत के अनुशार उसका चुनाव कर सकें |
3.
अभी नए बीमा
अभिकर्ताओं के लिए ये प्रावधान है कि वो अपने दिए गए पते से 50 किलोमीटर के अन्दर
ही प्रशिक्षण प्राप्त कर सकतें है जबकि आज भी बहुत सी ऐसी जगह है जहाँ पर इरडा
द्वारा अधिकृत प्रशिक्षण केंद्र मौजूद नहीं है | उन्हें प्रशिक्षण कहीं से भी लेने
की आजादी दी जाय |
4.
बीमा अभिकर्ताओं को
स्वतंत्र किया जाय, किसी भी जीवन बीमा या सामान्य बीमा कंपनी के साथ कार्य करने को
|
5. प्रत्येक बीमा अभिकर्ता एक निश्चित समयावधि के
पश्चात विकास अधिकारी के पद पर प्रमोट किया जाय | यह, पांच या आठ वर्ष अवधि और अच्छे
व्यावसायिक रिकार्ड के आधार पर किया जा सकता है |
6. प्रत्येक अभिकर्ता जिन्होंने 15 से 20 वर्ष की अवधि तक
अच्छे रिकार्ड के साथ कार्य सम्पादित किया है वो ब्रांच मैनेजर के पद पर सीधे
नियुक्त किये जा सकें |
7. प्रत्येक बीमा अभिकर्ता के लिए यह प्रावधान इरडा
लाये की उनके लिए पी.एफ. उनके द्वारा अर्जित अनुपात में बीमा कम्पनियाँ कटौती कर
अपने हिस्से की धनराशी के साथ जमा करें |
8. प्रत्येक बीमा अभिकर्ताओं के लिए स्वास्थ्य बीमा
का प्रावधान जरुर होना चाहिए जिससे वो स्वतंत्र होकर बीमा विक्रय का कार्य कर सकें
|
9. प्रत्येक बीमा अभिकर्ताओं के लिए आसान शर्तो पर
ऋण बीमा कंपनिया उपलब्ध कराएँ |
10. कमीशन के अलावा अन्य भुगतान को बीमा अभिकर्ताओं
के लिए क़ानूनी तौर पर मान्य किया जाय | जिससे वो अपने कार्य के आधार पर आकर्षक आय
कमीशन के अलावा भी प्राप्त कर सकें |
11. बीमा अभिकर्ता बनने के लिए बीमा क्षेत्र में
कार्य करने वाले लोगों के सगे-संबंधियों के लिए लगा प्रतिबन्ध हटाया जाय |
12. बीमा अभिकर्ता के लायसेंस के नवीनीकरण की सीमा तीन
वर्षो के स्थान पर पांच वर्ष निर्धारित की जाय |
13. पॉलिसी निरंतरता दर को बीमा अभिकर्ताओं पर से
वापस लिया जाय |
14. बीमा अभिकर्ताओं के लिए ड्रेस कोड निर्धारित किया
जाय |
15. प्रत्येक बीमा अभिकर्ता के लिए उनके कार्यकाल
में, अंतर्राष्ट्रीय स्तर की 10 और रास्ट्रीय स्तर
की 20 प्रशिक्षण की जिम्मेदारी बीमा कंपनी की हो |
16. उपलब्ध समस्त विक्रय के चैनलों में बीमा अभिकर्ता
के चैनल को अत्यधिक प्रमोट किया जाय जिससे न केवल जमीनी स्तर पर बीमा का विकास
होगा बल्कि बड़े पैमाने पर लोगो को रोजगार के अवसर उपलब्ध हों सकेंगे |
17. बीमा अभिकर्ताओं से सम्बंधित नियम कानूनों में
सरलता लायी जाय |
18. सेवाकर को बीमा अभिकर्ताओं के कमीशन और
पालिसीधारको के प्रीमियम दोनों से पूर्ण रूप से हटाया जाय |
19. प्रत्येक बीमा अभिकर्ता जिन्होंने 10 वर्ष सफलता पूर्वक बीमा अभिकर्ता का कार्य अच्छे
ट्रैक रिकार्ड से पूर्ण कर लिया हो उन्हें 50 प्रतिशत अनुदान के
आधार पर लैपटाप प्रदान किया जाय, जिससे अपने ग्राहकों का विवरण आसानी से संकलित कर
सकें |
20. अच्छे बीमा अभिकर्ताओं को बीमा व्यवसाय के
फ्रेंचैजी कार्यलय आसन शर्तो पे प्रदान किये जाय |
यदि उपरोक्त समस्त बिन्दुओं पर ध्यान दिया जाय तो
निसंदेह लोगो में बीमा अभिकर्ता बनने की होड़ सी लग जाएगी और सही मायने में बीमा का
विकास देश के कोने-कोने तक हो पायेगा | बीमा अभिकर्ता ही मात्र ऐसी कड़ी है जो
ग्राहकों के बीच परस्पर संबंधो के निर्माण में भी सहायक है और वो अपने ग्राहकों की
समस्त जरूरतों को भी समझते है जिससे उनके लिए सही बीमा पॉलिसी लेने के चुनाव में
सहयोग कर सकते है तथा अपने ग्राहकों की सभी स्वास्थ्य सम्बन्धी आदतों से भी अवगत
होते है जिससे दावों पे कुछ हद तक नियन्त्रण किया जा सकता है | उपलब्ध अन्य चैनलों
से हम बीमा उत्पाद तो विक्रय कर सकते है पर भावनातमक सम्बन्ध केवल एक बीमा
अभिकर्ता ही स्थापित कर सकता है | इसी लिए बीमा अभिकर्ता रुपी इस इकाई को बढाने की
नितांत आवश्यकता है | बीमा अभिकर्ता द्वारा बीमा का विकास, और बीमा व्यवसाय द्वारा
नए रोजगार का सृजन जिससे देश का विकास | इन्ही कारणों से बीमा अभिकर्ता इस व्यवसाय
की नीव कल था आज है और कल भी रहेगा | वर्तमान समय की मांग भी बीमा अभिकर्ता है |
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