अक्सर यह देखने को मिलता है कि लोग अपने बच्चे का बीमा पॉलिसी करवा लेते है | चाहे बीमा सलाहकार के कहने पर या फिर स्वयं के द्वारा किसी उद्देश्य को ले कर | पर क्या वास्तव में बच्चे का बीमा करवाना चाहिए या नहीं ? बीमा पॉलिसी लेने का मुख्य उद्देश्य वास्तव में यह होता है कि विषम परिस्थिति में आश्रितों की देखभाल के लिए एक निश्चित धनराशि की उपलब्धता रहेगी और यदि विषम परिस्थिति न भी उत्पन्न हो तो पूर्णावधि लाभ से बीमित व्यक्ति को अच्छी मदद मिल पायेगी, यानि कि हर हाल में बीमा उन्ही का होना चाहिए जिनके द्वारा पारिवारिक गृहस्ती चल रही है | इन सब के अलावा अन्य कारण भी हो सकते है की बच्चे की पॉलिसी लेने के, बजाय खुद की पालिसी ले | आएये कुछ तर्क देखते है जो यह प्रमाणित करना चाह रहे है कि बच्चे की पॉलिसी नही लेनी चाहिए :-
  • बच्चे के नाम जीवन बीमा पॉलिसी लेने का एकमात्र उद्देश्य उसका भविष्य सुरक्षित करना होता है। और उसका भविष्य तभी सुरक्षित रह सकता है जबकी उसके माता पिता का बीमा हो, जिससे बच्चे का भविष्य सुरक्षित रह पायेगा | क्योकि बच्चे के साथ कुछ होने पर वित्तीय समस्या नहीं उत्पन्न होती |
  • बीमा हर हाल में बचत का आकर्षक जरिया नहीं हो सकता यह सिर्फ जोखिम के लिए ही रामबाण का कार्य करता है | रिटर्न चाहिये तो अच्छी जगह निवेश करें |
  • अगर परिवार के घर चलाने वाले सदस्य की मृत्यु हो जाती है या वह कार्य करने में सक्षम नहीं रह पातातो बच्चे के नाम ली गई जीवन बीमा पॉलिसी ज्यादा मदद नहीं कर पाती । यहाँ तक की उसका प्रीमियम तय समय पर जमा भी नहीं हो पाता और पॉलिसी लैप्स हो जाती है |  माता-पिता खुद के नाम जीवन बीमा पॉलिसी लेने से ही हर हाल में वित्तीय समस्या से मुक्ति मिल पायेगी | यह कर सकते है कि नॉमिनी बच्चे को बनाएं ।
  • अगर बच्चे का बीमा करवाना ही चाहते है तो हैल्थ बीमा ले जिससे स्वास्थ्य सम्बन्धी खर्चो में आर्थिक मदद मिल जाएगी जिससे उसका इलाज कराना आसान होगा।
  • बीमा में निवेश से रिटर्न कितना मिलता है इसका जरुर ध्यान रखें | जिस तरह से महगाई बढ़ रही है शायद बीमा उसे कवर करने के आधे के बराबर रिटर्न न दे सके | निवेश के लिहाज से शायद बच्चे के नाम बीमा पॉलिसी लेना सही लगता होलेकिन व्यावहारिक रूप से यह सही नहीं है।
  • बीमा सलाहकार की ही बातों पर पूर्ण रूप से भरोसा न कर ले बल्कि अपनी जरुरतों के अनुरूप बीमा पॉलिसी ले | शायद आप यह सोच रहें हो की बच्चे के नाम जीवन बीमा लेना उसके भविष्य और शिक्षा के लिहाज से बेहतर निवेश साबित होगा। पर यह बात ध्यान रखें कि जीवन बीमा कोई बचत खाता नहीं हैजहां बच्चे की शिक्षा के लिए पैसे जमा रखे जाएं। शिक्षा के लिए पैसे जोड़ने के कई और आकर्षक विकल्प हैंजो जीवन बीमा की तुलना में आपको ज्यादा रिटर्न देतें है ।
  • छोटे बच्चे के नाम ली गई पॉलिसी में आगे चलकर नाम बदलवाने या सुधरवाने की भी जरुरत पड़ सकती है बीमा करवाने से पह्ले इसका जरुर ध्यान रखें ।
  • यदि आप प्रीमियम देने में सक्षम है और बच्चे की पॉलिसी लेना चाहते है तो ऐसी पॉलिसी के चयन में यह जरुर देखें की आपका और उसका दोनों का जोखिम सयुंक्त रूप से कवर हो |
  • टर्म बीमा पॉलिसी ले न की उपलब्ध अन्य आकर्षक दिखने वाली पालिसियां |

उपरोक्त समस्त बिन्दुओं के आधार पर यह कह सकते है की बीमा बच्चे की जगह पर घर के कमाने वाले व्यक्ति का लें, क्योकि आपके व्यक्तिगत जीवन पर कुछ घटना होने पर ही वित्तीय सहायता की जरुरत पड़ेगी जो बीमा के द्वारा उस समय पूर्ण किया जा सकता है | जबकि बच्चे की पॉलिसी लेने पर भविष्य में कोई आर्थिक समस्या में सहयोग नहीं मिलने वाली | अतः बीमा सिर्फ घर के कमाऊ व्यक्ति का ही प्राथमिक तौर पे होना चाहिए |


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