आज भी लोग जब कोई नई कार या बाइक लेता है तो उन्हें लोगों से यह सलाह मिलती है कि इसका जीवन बीमा करवा लीजिए यह स्थिति बीमा क्षेत्र के निजीकरण के ११ वर्षों के पश्चात भी है. देश में कुछ ब्रांड ने अपनी कुशलता एवं वास्तविकता के जरिये इतनी अच्छी और गहरी पहचान बना ली है कि लोग उस उत्पाद को उन्ही के ब्रांड के नाम से जानते है और संबोधित करते है जैसे निरमा पाउडर, डालडा घी, एल.आई.सी. यानि की भारतीय जीवन बीमा निगम. देश में निजीकरण के पश्चात से अभी तक जीवन बीमा क्षेत्र में २३ नई कंपनियों का आगमन हो चूका है पर यदि देखा जाये तो एल. आई. सी. ने अपने प्रदर्शन एवं ग्राहक सेवाओ से सर्वोच्च स्थान कायम रखा है इतनी अधिक कंपनियों के होने के बावजूद अब तक एल.आई. सी. ने दिन प्रतिदिन न केवल आधे से ज्यादे मार्केट में अपना शेयर सुनिश्चित किया है बल्कि अच्छी खासी ग्रोथ भी दिखाई है. सिर्फ २०११-१२ ऐसा वर्ष रहा है जिसमे लगभग सभी कंपनियों के प्रदर्शन पर व्यापक प्रभाव पड़ा है.


आइये यह जानने का प्रयास करते है कि आज भी एल. आई. सी. सबसे भरोसेमंद ब्रांड क्यों है.



एल.आई.सी. के आठ जोनल आफिस, १०० डिविजनल आफिस, २०४८ ब्रांच आफिस एवं १० लाख से अधिक बीमा अभिकर्ता है जो बीमा क्षेत्र में सभी कंपनियों से कही अधिक है

एल.आई.सी. का क्लेम सेटलमेंट न केवल सबसे अच्छा है बल्कि ९० प्रतिशत से भी अधिक है

एल.आई.सी. के उत्पाद कम प्रीमियम पर उपलब्ध है साथ ही साथ उनमे मिलने वाला लाभ आकर्षक है

एल.आई.सी. की सेवाये दिन प्रतिदिन न केवल बेहतर हुई है बल्कि इस श्रेणी में वो प्रथम भी है

एल.आई.सी के बीमा सलाहकार की संख्या उद्योग में सबसे अधिक है और वो बहुत ही समर्पित है

एल.आई.सी. में भारत सरकार की कुछ हिस्सेदारी है

एल.आई.सी. के प्रत्येक उत्पाद में ट्रांसपरेंसी है

एल.आई.सी. सबसे प्राचीन जीवन बीमा कंपनी है जिसे एल.आई.सी. एक्ट के माध्यम से सरकार द्वारा बनाया गया था

एल आई.सी. की पहुँच ग्रामीण स्तर तक है

एल. आई.सी. के पास २५ करोड़ से अधिक पॉलिसी धारक है

एल.आई.सी. को कई राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय अवार्ड प्राप्त है

एल.आई.सी. की इन हॉउस टेक्नोलाजी अत्यंत ही एडवांस है

एल.आई.सी. के प्रीमियम पेमेंट के माध्यम ढेर सारे है जिससे ग्राहक आसानी से प्रीमियम भुगतान कर सकते है

एल.आई.सी. अंतररास्ट्रीय बाजार में भी कार्यरत है


उपरोक्त एल.आई.सी. की मुख्य विशेषताएं है जो अन्य बीमा कंपनियों से उसे अलग करती है साथ ही साथ यह प्रमाणित करती है कि वो मार्केट लीडर है. हाँ इस बात से भी नाकारा नही जा सकता कि जीवन बीमा के निजीकरण से आम जनता में जीवन बीमा के प्रति गहरी समझ का विस्तार हुआ है साथ ही रोजगार के अवसर भी निकल कर सामने आयें है. निजी बीमाकर्ताओं ने जरुर अपने गलत/भ्रामक प्रचार प्रसार से बीमा पे आशंका के बादल ला दिये है. यूलिप बीमा में तो कई कंपनियों ने आम जनता को जम कर लुटा है यहाँ तक की उनके द्वारा प्राप्त प्रीमियम का ८० प्रतिशत विभिन्न खर्चो में काटकर शेष राशि का निवेश करती थी. निजी बीमाकर्ताओं में आज भी ट्रांसपरेंसी का आभाव है जबकि एल.आई.सी. प्रारम्भ से आज, जब उसके प्रतियोगी है और कल जब नही थे तब से पारदर्शिता के साथ कार्य कर रही है. जिस तरह की रफ्तार एल.आई.सी. ने बनाई है आने वाले कई वर्षों तक वो निसंदेह मार्केट लीडर रहेगा और निजी बीमाकर्ता मिलकर भी उसे कोई प्रतियोगिता नही दे सकेंगे.


इन्ही कारणों से तो एल. आई.सी. सबसे विश्वसनीय ब्रांड था ब्रांड है और ब्रांड रहेगा.

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