जब से गुजरात विधानसभा के चुनाव की तारीखों की घोषणा चुनाव आयोग ने की हुई है तभी से राजनीति में जम कर उफान आया है और एक दूसरे पर शब्दों के बाण चलाने आरम्भ हो गये है. एक तरफ कांग्रेस पार्टी यह कहने में लगी हुई है कि गुजरात के विकास की नीव उसने रखी तो दूसरी तरफ भाजपा के कद्दावर नेता यह कहने में लगे है कि वास्तविक विकास भाजपा के शासन काल में ही हुआ है और कई विकास और भी हो सकते थे पर केन्द्र सरकार के उदासीन रवैये से वो नही हो पा रहे. इन सब बातों के बीच में एक बात तेजी से निकलकर सामने आयी है कि नरेंद्र मोदी जी ने अपने भाषणों के जरिये केन्द्र सरकार की अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गाँधी जी को जमकर टारगेट किया है और पूरी कांग्रेस पार्टी उनको समुचित जबाब नही दे पा रही है. वास्तविकता क्या है ? क्यों बार-बार मोदी जी कांग्रेस अध्यक्षा को टारगेट कर रहे है ? इन्ही पहलुओं को यहाँ जानने का एक छोटा सा प्रयास मात्र है यह लेख. नरेंद्र मोदी जी ने जिस तरह से भाजपा के मुख्य एजेंडो पर काम करके गुजरात के विकास के रास्ते को आगे बढाया है उसकी तारीफ भारत में कम विदेशो में ज्यादे हो रही है और यह वास्तविकता भी है. मोदी जी ने देश में राजनेताओं की इस भीड़ में अपनी न केवल अलग पहचान बनाया है बल्कि अपनी पहचान इतनी गहरी बनाया है कि आम जनता अब यह मांग करने लगी है कि वो केन्द्र में आयें. मोदी जी को कांग्रेस अध्यक्षा को टारगेट करने के पीछे मुख्य वजह यह है कि वो अपनी दावेदारी प्रधानमंत्री पद की भाजपा से सुनिश्चित कराना चाहते है जिससे बाकी नेता भाजपा के उनसे पीछे छूट जाएँ और यह तभी हो सकता है जबकि राष्ट्रीय स्तर पर उनकी न केवल उनकी पहचान जड़ तक बने बल्कि उनकी पार्टी खुद मजबूर हो कर उनकी दावेदारी को और पुख्ता करें. इन सब के आलावा मोदी जी ने कांग्रेस के प्रत्येक फैसले का विरोध करके यह तो जाता दिया है कि आम जनता को इस मुश्किल घड़ी में जहाँ आम आदमी के जरूरतों की सारी चीजे उनके पहुच से बाहर होती चली जा रही है बिकल्प के रूप में भाजपा ही है और वो भी तब जब ऐसे व्यक्ति को प्रधान मंत्री पद की दावेदारी के लिये सामने लाया जाय जिसने अपने कामो के द्वारा खुद को प्रमाणित किया है. अगर भाजपा के नेताओं की व्यक्तिगत उपलब्धियों को देखा जाय तो नरेन्द्र मोदी जी के आलवा कोई भी इस श्रेणी में नही दिखता है चाहे खुद आडवाणी जी ही क्यों न हो. यहाँ मै अपने प्रत्येक पाठक को इस बात से अवगत करा देना चाहता हु कि मै न कांग्रेस सरकार का विरोधी हु और न ही भाजपा या नरेंद्र मोदी जी का सपोटर. मै तो सिर्फ इस बात का जोरदार समर्थक हु कि कैसे इस देश को सही राजनेता मिले क्योकि इतिहास इस बात का गवाह रहा है कि जिस देश का राजनेता अच्छा होता है वो देश अवश्य ही प्रगति के साथ साथ विकास को प्राप्त करता है और अब हमरे देश में विकल्प के रूप में देखा जाय तो मोदी जी के अलावा कोई अन्य व्यक्तित्व निकलकर सामने नही आता है. बहुत ही गौर करने वाली बात तो यह है कि मोदी जी के कार्यों के कारण से ही गुजरात में आज इस बात कि चर्चा नही हो रही कि कौन सी पार्टी सत्ता में आयेगी बल्कि यह चर्चा है कि भाजपा गुजरात में कितने सीटों पर विजय के साथ साथ सत्ता में बनी रहती है. अन्य विपक्षी पार्टिय दूर दूर तक खड़ी दिखाई नही पड़ रही है. भाजपा, कांग्रेस को पुनः सत्ता में आने का अवसर दे सकती है अगर उसने नरेद्र मोदी जी को प्रधान मंत्री पद का उम्मीदवार जल्द से जल्द घोषित नही किया. और अगर वह चुनाव के बाद उम्मीदवार की घोषणा की गलती करती है तो सीधे तौर पर कांग्रेस को सत्ता में बने रहने का अवसर दे देगी. और भाजपा के सभी मुद्दे कही भी नई टिकेंगे. आने वाले दिनों में मोदी जी और कांग्रेस के बीच और शब्दों के बाण देखने को मिलेगे. मोदी जी के पास यह सुनहरा अवसर है कि वह गुजरात में पुनः वापसी के साथ साथ केन्द्र में भी अपनी धमाकेदार उपस्थिति दर्ज करायेंगे और यह तभी संभव है जबकि वो इसी तरह से केन्द्र सरकार को आगे भी घेरते रहेगे.

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