प्रत्येक व्यक्ति अपने आप में खास होता है और वह खुद को प्राप्त सम्मान सेवा को जीवन पर्यन्त याद रखता है. जहाँ इस भागम-भाग युग में किसी के पास समय नही है दो मिनट रूक कर सलीके से हाल चाल लेने का ऐसे में अगर कोई आपके कुछ कार्यों में सहयोग कर दे, वो भी निस्वार्थ भाव से तो वह जरुर ही आपके लिये खास हो जायेगा. जी हां हाम बात कर रहें है बीमा व्यवसाय में सेवा के महत्व की. अक्सर देखने व सुनने को मिलता है की अमुक बीमा सलहाकार से पॉलिसी करवाया था पर अब तो दिखता ही नही या आज मुझे जरुरत है तो बुलाने पर भी वह नही आ रहा. वजह चाहे जो हो पर वह बीमा सलाहकार उस व्यक्ति की निगाह में आदर सम्मान जरुर खो देता है. वही जितने भी सफल बीमा सलाहकार हुये है उन्होंने प्रत्येक छोटे बड़े बातो का अपने पॉलिसी धारको के लिये ख्याल रखा है और उनकी प्रत्येक आवश्यकताओं को पूरा किया है. ऐसे बीमा सलाहकार न केवल अपने पॉलिसी धारको को सेवा देते है बल्कि अक्सर देखने को भी मिलता है की वो ऐसे लोगों को भी सेवा देते है जिनसे उन्हें उस सेवा के बदले कोई लाभ नही मिलने वाला. क्या ऐसा व्यक्ति किसी के लिये खास नही होगा.


यदि आप बीमा व्यवसाय में एक लंबी रेस का घोड़ा साबित होना चाहते है तो सबसे जरुरी है की आप प्रत्येक पॉलिसी धारक को विशेष महत्व दे और निचे दी जा रही बातों को विशेष ध्यान रखे. ग्राहकों के दिल से पूरा सम्मान प्रदान करें क्योंकि वो है तो हम है :-

Ø  पॉलिसी विक्रय के समय ग्राहक की आवश्यकता का सम्पूर्ण आकलन करने के पश्चात ही उसकी आवश्यकता को पूरा करने वाली पॉलिसी उसे लेने को प्रस्तुत करें.

Ø  पॉलिसी लेने के लिये उसे बाध्य न करें बल्कि उसे पूरा समय दे उस पॉलिसी के बारें में सोचने को.

Ø  पॉलिसी की रसीद जरुर उसे प्रदान करें वो भी जितनी जल्दी सम्भव हो उतनी जल्दी.

Ø  पॉलिसी बिक्री के पश्चात तय समय पर उन्हें पॉलिसी बांड पहुचाने जाये, साथ ही उन्हें इस बात से जरुर अवगत करायें की इस पॉलिसी बांड के नियम शर्तों को बारीकी से पढ़ ले और यदि आप इसके किसी नियम शर्तों से सहमत नही है तो आप फ्री लुक पीरियड में इसे वापस भी कर सकते है ऐसे में आप न केवल उस ग्राहक के लिये खास बन जायेंगे बल्कि वह आपकी अनुशंसा अपने मित्रों परिचितों से करने में स्वयं बाध्य होगा.

Ø  पॉलिसी का नवीनीकरण प्रीमियम की सूचना तय समय से पहले दे तथा जब ग्राहक उसे अदा करना चाहे तो आकार प्रीमियम स्वय ले जाकर जमा करें साथ ही साथ उसकी रसीद भी उसे प्रदान करें.

Ø  बीमा पॉलिसी एक लंबी अवधि का अनुबंध होता है ऐसे में पॉलिसी अवधि में ढेरों सेवाओं की जरुरत होती है ऐसे में ग्राहक के निवेदन पर उन सेवाओ को पूर्ण होने में मदद करें.

Ø  सिर्फ उसके निवेदन का ही इन्तजार न करें कुछ सेवाएँ उसे स्वयं आप आफर कर सकते है जैसे जब शेयर मार्केट ऊपर हो तो ऐसे में उसे पैसे निकलने को आप कह सकते है, इसके ठीक विपरीत अगर शेयर मार्केट निचे हो रहे हो तो ग्राहक को फंड आप्सन परिवर्तीत करा कर उसे आफ सुरक्षित कर सकते है.

Ø  अक्सर होता है की कुछ पारिवारिक परिस्थितियों वस कुछ ग्राहक पॉलिसी चलाने में अपने आप को सक्षम नही पाते और यहाँ तक की ट्रेडिशनल पॉलिसी को भी सरेंडर करने की रिक्वेस्ट कर देते है ऐसे में उन्हें यह समझाया जा सकता है की पॉलिसी को सरेंडर करने से उन्हें नुकशान होगा इससे अच्छा यह ही की पॉलिसी को पेड अप अवस्था में छोड़ दे वह ज्यादे लाभकार है.

Ø  कई बार पॉलिसी धारक अपने पॉलिसी में नामांकित परिवर्तीत करवाना चाहता है ऐसे में उसकी जरुर मदद कर इस कार्य को पूर्ण करवाएं.

Ø  यदि ग्राहक पॉलिसी पर लोन प्राप्त करना चाहता है तो उसे पॉलिसी की लोन वैल्यू और उस पर चार्ज किये जाने वाले ब्याज के बारे में जरुर अवगत करायें.

Ø  प्रत्येक परिवार में कुछ खुशी के पल होते है और कुछ दुःख के पल खुशी के पलों वो दुःख के पलों में शामिल जरुर हो और अगर न संभव हो तो फोन से अपनी भावनाओं को जरुर व्यक्त करें. खुशी के पलों में उनकी आवश्यकताओं के अनुरूप नये उत्पाद जरुर आफ़र करें.

Ø  पॉलिसी अवधि पूर्ण होने की सूचना उन्हें प्रदान करें तथा उस राशि को प्राप्त करने में कागजी कार्यवाही में उनका पूरा सहयोग करें.

Ø  यदि किसी दुर्घटना वश मृत्यु दावे की स्थिति उत्पन्न हो तो बीमित व्यक्ति के परिवार के साथ सहानभूति रखें और क्लेम की राशि दिलाने में मदद करें.

Ø  सिर्फ बीमा सलाहकार तक न सिमटे रहें बल्कि उनकी पूर्ण वित्तीय नियोजन (financial planning) करें.

Ø  समय-समय पर उनके जन्मदिन, विवाह वर्षगाठ, या किसी अन्य खास मौके पर उन्हें शुभकामनाये जरुर प्रेषित करें.

Ø  उपहार सबको अच्छे लगते है अच्छा सम्बन्ध बनाने के लिये पैसो का मोल न करें बल्कि अपने ग्राहकों को उपहार कम से कम खास मौको पर जरुर प्रदान करें.

Ø  ग्राहकों के हितों को सरंक्षित रखने के लिये अपनी कंपनी के आलवा अन्य कंपनियों के बारे में जरुरी जानकारी अवश्य रखें.

Ø  बीमा पॉलिसी लंबी अवधि का अनुबंध होती है ऐसे में हो सकता है की ग्राहक अपना पता बदल दे ऐसे में आप उनके पते को उनकी पॉलिसी में अवश्य ही परिवर्तीत करायें.

Ø  पॉलिसी डाकुमेंट महत्वपूर्ण कागजात होता है उसे सम्हाल कर रखने के लिये ग्राहक को जरुर बताएं.

Ø  पॉलिसी कमीशन के लालच वश न बिक्री करें बल्कि ग्राहक के आवश्यकता के अनुरूप बिक्री करें भले ही आपको कमीशन कम प्राप्त हो.

Ø  याद रखे एक संतुष्ट ग्राहक जहाँ आपकी अनुसंशा कर भी सकता है और नही भी वही असंतुष्ट ग्राहक आपकी बुराई दस लोगों से जरुर करता है अतः एक ग्राहक को असंतुष्ट होने का मौका बिलकुल न दे.

Ø  अपने ग्राहकों के साथ ऐसा व्यवहार बिलकुल न करें जो आपको स्वयं पसंद न हो

Ø  बीमा को आय का जरिया न मानकर बल्कि समाज सेवा के रूप में उसको जन - जन तक पहुचाएं, इससे आय स्वयं होगी.

Ø  बीमा व्यवसाय एक छोटे पौधे की तरह शुरू होता है और कुछ समय पश्चात बड़े वृक्ष का रूप धारण कर लेता है अतः इस व्यवसाय में शैयम अवश्य रखें.


अगर आप इन बातो का ध्यान रखते है तो निसंदेह आप इस व्यवसाय के किंग कहलायेंगे बल्कि लोग आपका उदाहरण देंगे. आपके लिये बिक्री करना न केवल आसान होगा बल्कि आप इस क्षेत्र के प्रतिष्ठित  उपलब्धि यम.डी.आर.टी. को भी आसानी से प्राप्त कर लेंगे. ईमानदारी, निस्वार्थ भाव से सेवा, जरुरी जानकारी न केवल आपको शशक्त बनाती है बल्कि औरों से अलग भी करती है अतः इन सब बातों पर जरुर ध्यान दे. बीमा से न केवल लोगों को सुरक्षा प्राप्त होती है बल्कि आपके एक प्रयास से कई लोगों की जिंदगी सवर जाती है यकीं न आये तो उस परिवार से पूछिए जिसको आपके इस बीमे के माध्यम से ही आकस्मिक समय में उन्हें मृत्यु दावों के रूप में प्राप्त बीमा राशि से उन्हें विषम परिस्थितियों में भी बल मिला होगा. या उस व्यक्ति के चेहरे से झलकती खुशी को महसूस करिये जिसे पूर्णावधि राशि के रूप में चैक प्राप्त हुआ होता है. याद रखें यह आप द्वारा दी जा रही सेवा ही है जो औरों से आपको अलग करता है और उस ग्राहक के लिये आप बिलकुल खास बन जातें है जो स्वय के साथ – साथ अन्य को भी आपके व्यवसाय में मदद करने को स्वय प्रेरित होता है.

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